देवरिया: कौशांबी जनपद में मंगलवार रात आरपीएफ हेड कांस्टेबल की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई. भरवारी रेलवे स्टेशन पर मथुरा एक्सप्रेस के सामने कूदकर जान देने पहुंची महिला को बचाने के चक्कर में आरपीएफ जवान खुद ट्रेन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई लेकिन, उस महिला को उन्होंने बचा लिया. आरपीएफ जवान के बड़े बेटे ने कहा कि उन्हें अपने पिता पर गर्व है.
ड्यूटी निभाते हुए गई जान
खुखुंदू थाना क्षेत्र के परसिया मिश्र गांव के रहने वाले लाल जी खरवार रिटायर हैं. उनके तीन बेटे हैं, तीनों बेटों में सबसे बड़े बेटे ज्ञान चंद्र की उम्र 42 वर्ष है. वह कौशांबी जिले के भरवारी रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे. मंगलवार रात उनकी भरवारी रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी लगी थी. इसी दरमियान उन्होंने देखा कि रेलवे ट्रैक पर एक महिला आत्महत्या करने के लिए खड़ी है और सामने से मथुरा छपरा एक्सप्रेस ट्रेन आ रही थी. यह देखकर ज्ञान चंद्र दंग रह गए और अपनी ड्यूटी निभाते हुए उस महिला को बचा लिया लेकिन, खुद ट्रेन की चपेट में आ गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
मृतक जवान के बेटे ने कहा गर्व है हमें अपने पापा पर
आरपीएफ जवान के बड़े बेटे सर्वेश का कहना था कि इस जमाने में अपनी जान खतरे में डालकर दूसरों की जान बचाने का काम कौन करता है लेकिन, मुझे गर्व है अपने पापा पर और बहुत दुख भी है कि वह हम लोगों के बीच अब नहीं रहे.
वहीं मृतक जवान के पिता लालजी खरवार का कहना था कि उनका बेटा बहुत ही साहसी था. हमें गर्व है उन पर. उनका कहना था कि हमारा परिवार उनसे ही चलता था लेकिन, अब हमारा परिवार कैसे चलेगा.
इस घटना के बाद केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करके कहा कि प्रयागराज मंडल के भरवारी आउटपोस्ट पर एक महिला को बचाते हुए हमारे आरपीएफ हेड कांस्टेबल ज्ञानचंद स्वयं ट्रेन की चपेट में आ गए. किंतु महिला को सुरक्षित बचा लिया. अपना दायित्व निभाते हुए रेल परिवार के हमारे सदस्य के असामयिक निधन पर बहुत दुख हुआ. ईश्वर उन्हें मोक्ष प्रदान करें.