देवरिया: जिले की पुलिस ने बोर्ड परीक्षा में फर्जी प्रवेश पत्र और परिचय पत्र बनाकर नकल कराने वाले गिरोह का खुलासा किया है. यह गिरोह पंजीकृत छात्रों की जगह दूसरों को बिठाकर बोर्ड परीक्षा दिलाने का काम करता था. इन आरोपियों के पास से कक्ष निरीक्षकों के फर्जी परिचय पत्र भी बरामद किए गए हैं.
मुखबिर की सूचना पर मारा छापा
एसओजी टीम देवरिया और थाना तरकुलवा पुलिस को एक मुखबिर से फोन पर सूचना मिली कि बड़े पैमाने पर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के फर्जी अंक पत्र बनाने का काम किया जा रहा है. सूचना पर पुलिस ने तरकुलवा कस्बे के पीएन डिजिटल फोटो स्टूडियो से चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
फर्जी अंक पत्र, मुहर और पासबुक बरामद
पुलिस की छापेमारी में स्टूडियों के अंदर भारी मात्रा में फर्जी अंक पत्र, मुहर और बैंक के पासबुक बरामद किए गए हैं. इसमें माध्यमिक शिक्षा परिषद के इंटरमीडिएट के 26 अंकपत्र, हाईस्कूल के 65 अंकपत्र, झारखंड स्टेट ओपेन स्कूल के हाईस्कूल और इंटर के 6 अंकपत्र, 17 आधार कार्ड, अलग-अलग लोगों के 28 फोटो, पूर्वाचंल बैंक की 11 पासबुक, गोरखपुर विश्व विद्यालय का स्नातक का 11 अंक पत्र और स्टेट बैंक की एक पासबुक बरामद की है. दो लैपटॉप, तीन प्रिंटर, एक सीपीयू, एक मॉनिटर को भी पुलिस ने कब्जे में लिया है.
डीआईओएस की तहरीर पर केस दर्ज
इस मामले में पुलिस ने डीआईओएस शिवचंद राम की तहरीर पर दिग्विजय सिंह, चन्द्र प्रताप सिंह, अजय गौड़ और अंगद गौड़ के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया
पूछताछ में सभी आरोपियों ने स्वीकार किया कि वह बोर्ड परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल कराने की तैयारी में थे. पंजीकृत छात्रों की जगह दूसरे परीक्षार्थी को बिठाने के लिए फर्जी प्रवेश पत्र स्कैन करके बना लिए थे. सभी एक प्रबंधक के कहने पर प्रवेश पत्र तैयार कर रहे थे
श्रीपति मिश्र, पुलिस अधीक्षक