देवरिया : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का मामला पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. विश्व भर में तालिबान की निंदा हो रही है. सभी देश अपने-अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए प्रयास कर रहे हैं. भारत सरकार भी अफगानिस्तान से फंसे नागरिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है. अब तक लगभग 400 भारतीय नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाला जा चुका है. इसी क्रम में अफगानिस्तान के काबुल में फंसा देवरिया जिले का नीतीश सोमवार को अपने घर पहुंचा. नीतीश मूल रूप से देवरिया जिले के भलुअनी गांव का निवासी है. वह काबुल के न्यू बागाराम रोड पर स्थित स्टील फैक्ट्री में काम करता था. अफगानिस्तान से वापस आए बेटे को देखकर उसके परिजनों की आंखे नम हो गईं.
नीतीश की बहन शालिनी ने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना की. नीतीश की घर वापसी के बाद उसके परिजनों ने भारत सरकार की सराहना की और धन्यवाद दिया. अफगानिस्तान से वतन वापस लौटे नीतीश ने अपनी आपबीती सुनाई. नीतीश ने बताया कि अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद हालात बहुत खराब हैं. वहां पर बच्चों और महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गया है. बीते 15 अगस्त को तालिबानी कब्जे के बाद वह फंस गया था. इस दौरान फैक्ट्री मालिक ने 28 कर्मचारियों को अंदर ही रखा हुआ था. 18 अगस्त को कंपनी की गाड़ी से 12 लोग काबुल एयरपोर्ट गए, लेकिन वहां भीड़ और तालीबानी लोगों ने अंदर नहीं जाने दिया. उसके बाद कंपनी के सभी लोग वापस लौट गए.
इसके बाद 19 अगस्त को भारतीय दूतावास की गाड़ी फैक्ट्री में पहुंची और वहीं फंसे सभी भारतीय लोगों को एक मैरेजहाल में लेकर गई. मैरेजहाल में 2 दिनों तक रुकने के बाद भारतीय दूतावास(Indian Embassy) के अधिकारी अमित कुमार और जोएब ने सभी की देख-भाल की. 21 अगस्त की रात लगभग 11.30 बजे वह गाड़ी से काबुल एयरपोर्ट पहुंचा. जिसके बाद सुरक्षा बलों के बीच विमान रात के लगभग 2.00 बजे दोहा के रास्ते भारत के हिंडन एयरबेस पर पहुंचा. हिंडन एयरबेस पर आवश्यक जांच के बाद सभी को बस से आनंद बिहार बस अड्डा पहुंचाया गया. आनंद बिहार से गोरखपुर और फिर वह देवरिया पहुंचा.
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