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अफगानिस्तान से अपने वतन लौटा नीतीश, बेटे को देख पिता के छलके आंसू

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां के हालात बेहद खराब हैं. यूपी के देवरिया जिले के निवासी नीतीश की वतन वापसी हो गई है. वतन वापसी के बाद नीतीश ने अफगानिस्तान के हालात बयां किए.

अफगानिस्तान से अपने वतन लौटा नीतीश
अफगानिस्तान से अपने वतन लौटा नीतीश
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Published : Aug 23, 2021, 10:40 PM IST

Updated : Aug 23, 2021, 10:46 PM IST

देवरिया : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का मामला पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. विश्व भर में तालिबान की निंदा हो रही है. सभी देश अपने-अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए प्रयास कर रहे हैं. भारत सरकार भी अफगानिस्तान से फंसे नागरिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है. अब तक लगभग 400 भारतीय नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाला जा चुका है. इसी क्रम में अफगानिस्तान के काबुल में फंसा देवरिया जिले का नीतीश सोमवार को अपने घर पहुंचा. नीतीश मूल रूप से देवरिया जिले के भलुअनी गांव का निवासी है. वह काबुल के न्यू बागाराम रोड पर स्थित स्टील फैक्ट्री में काम करता था. अफगानिस्तान से वापस आए बेटे को देखकर उसके परिजनों की आंखे नम हो गईं.

नीतीश की बहन शालिनी ने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना की. नीतीश की घर वापसी के बाद उसके परिजनों ने भारत सरकार की सराहना की और धन्यवाद दिया. अफगानिस्तान से वतन वापस लौटे नीतीश ने अपनी आपबीती सुनाई. नीतीश ने बताया कि अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद हालात बहुत खराब हैं. वहां पर बच्चों और महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गया है. बीते 15 अगस्त को तालिबानी कब्जे के बाद वह फंस गया था. इस दौरान फैक्ट्री मालिक ने 28 कर्मचारियों को अंदर ही रखा हुआ था. 18 अगस्त को कंपनी की गाड़ी से 12 लोग काबुल एयरपोर्ट गए, लेकिन वहां भीड़ और तालीबानी लोगों ने अंदर नहीं जाने दिया. उसके बाद कंपनी के सभी लोग वापस लौट गए.

इसके बाद 19 अगस्त को भारतीय दूतावास की गाड़ी फैक्ट्री में पहुंची और वहीं फंसे सभी भारतीय लोगों को एक मैरेजहाल में लेकर गई. मैरेजहाल में 2 दिनों तक रुकने के बाद भारतीय दूतावास(Indian Embassy) के अधिकारी अमित कुमार और जोएब ने सभी की देख-भाल की. 21 अगस्त की रात लगभग 11.30 बजे वह गाड़ी से काबुल एयरपोर्ट पहुंचा. जिसके बाद सुरक्षा बलों के बीच विमान रात के लगभग 2.00 बजे दोहा के रास्ते भारत के हिंडन एयरबेस पर पहुंचा. हिंडन एयरबेस पर आवश्यक जांच के बाद सभी को बस से आनंद बिहार बस अड्डा पहुंचाया गया. आनंद बिहार से गोरखपुर और फिर वह देवरिया पहुंचा.

इसे पढ़ें- अफगानिस्तान में लोग कर रहे लूटपाट, वतन वापस लौटे जीत बहादुर ने सुनाई दर्दनाक दास्तां

देवरिया : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का मामला पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. विश्व भर में तालिबान की निंदा हो रही है. सभी देश अपने-अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए प्रयास कर रहे हैं. भारत सरकार भी अफगानिस्तान से फंसे नागरिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है. अब तक लगभग 400 भारतीय नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाला जा चुका है. इसी क्रम में अफगानिस्तान के काबुल में फंसा देवरिया जिले का नीतीश सोमवार को अपने घर पहुंचा. नीतीश मूल रूप से देवरिया जिले के भलुअनी गांव का निवासी है. वह काबुल के न्यू बागाराम रोड पर स्थित स्टील फैक्ट्री में काम करता था. अफगानिस्तान से वापस आए बेटे को देखकर उसके परिजनों की आंखे नम हो गईं.

नीतीश की बहन शालिनी ने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना की. नीतीश की घर वापसी के बाद उसके परिजनों ने भारत सरकार की सराहना की और धन्यवाद दिया. अफगानिस्तान से वतन वापस लौटे नीतीश ने अपनी आपबीती सुनाई. नीतीश ने बताया कि अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद हालात बहुत खराब हैं. वहां पर बच्चों और महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गया है. बीते 15 अगस्त को तालिबानी कब्जे के बाद वह फंस गया था. इस दौरान फैक्ट्री मालिक ने 28 कर्मचारियों को अंदर ही रखा हुआ था. 18 अगस्त को कंपनी की गाड़ी से 12 लोग काबुल एयरपोर्ट गए, लेकिन वहां भीड़ और तालीबानी लोगों ने अंदर नहीं जाने दिया. उसके बाद कंपनी के सभी लोग वापस लौट गए.

इसके बाद 19 अगस्त को भारतीय दूतावास की गाड़ी फैक्ट्री में पहुंची और वहीं फंसे सभी भारतीय लोगों को एक मैरेजहाल में लेकर गई. मैरेजहाल में 2 दिनों तक रुकने के बाद भारतीय दूतावास(Indian Embassy) के अधिकारी अमित कुमार और जोएब ने सभी की देख-भाल की. 21 अगस्त की रात लगभग 11.30 बजे वह गाड़ी से काबुल एयरपोर्ट पहुंचा. जिसके बाद सुरक्षा बलों के बीच विमान रात के लगभग 2.00 बजे दोहा के रास्ते भारत के हिंडन एयरबेस पर पहुंचा. हिंडन एयरबेस पर आवश्यक जांच के बाद सभी को बस से आनंद बिहार बस अड्डा पहुंचाया गया. आनंद बिहार से गोरखपुर और फिर वह देवरिया पहुंचा.

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Last Updated : Aug 23, 2021, 10:46 PM IST
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