देवरियाः जिले में बेसहारा व जरूरतमंद लोगों के लिए राहत भरी खबर है. नगर पालिका परिषद ने शहर के तीन जगहों पर रैन बसेरा बनाया है. यहां रात में जरूरतमंद लोग ठहर सकेंगे और सर्दी से अपना बचाव कर सकेंगे. इसके अलावा तीनों जगहों पर अलाव जलाने की भी पूरी व्यवस्था की गई है. रविवार की देर रात इन रैन बसेरों का जायजा लेने खुद नगर पालिका के ईओ रोहित सिंह निकल पड़े और रैन बसेरों में रहने वाले मजदूरों, राहगीरों व यात्रियों का हाल जाना.
बिस्तर व अलाव की व्यवस्था
देवरिया की नगर पालिका ने शहर के तीन स्थानों देवरिया बस स्टेशन, देवरिया सदर रेलवे स्टेशन व रामेश्वर लाल तिराहे पर रैन बसेरा बनाया है. इस रैन बसेरे में रुकने वाले गरीब, मजदूरों, यात्रियों व रिक्शा चालकों के लिए नगर पालिका की तरफ से पूरी व्यवस्था की गई है. ठंड से बचाव के लिए बिस्तर, ओढ़ने के लिए कंबल-रजाई, साथ ही अलाव की भी पूरी व्यवस्था की गई है. वहीं, रविवार की देर रात नगर पालिका के ईओ रोहित सिंह ने ईटीवी भारत की टीम के साथ नगर पालिका में बने रैन बसेरों का हाल जाना. इस दौरान रामेश्वर लाल तिराहे पर बने रैन बसेरे में ठहरे मजदूर राजेश का कहना था कि नगर पालिका द्वारा बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है. हम सभी लोगों को बिस्तर और रजाई आराम से मिल रही है. अलाव की भी व्यवस्था की गई है. रातभर लकड़ी जलाई जाती है. कोई दिक्कत नहीं है. यहीं पर मजदूर अशोक का कहना था कि यहां व्यवस्था बहुत बढ़िया है. जब से हम लोग आए हैं यहां 6:00 बजे से ही लकड़ी जलाई जा रही है. बिस्तर और ओढ़ने की व्यवस्था बहुत सही है, कोई दिक्कत नहीं है. देवरिया सदर रेलवे स्टेशन पर बने रैन बसेरे में ठहरे एक और मजदूर ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि यहां लकड़ी मिलती है लेकिन कम. यदि और व्यवस्था हो जाती तो बहुत अच्छा होता क्योंकि यहां लोग अलाव के सहारे ही रातभर रहते हैं.
24 घंटे तैनात रहते हैं कर्मी
ईओ रोहित सिंह का कहना था कि नगर पालिका परिषद देवरिया की ओर से तीन जगहों पर रैन बसेरे की व्यवस्था की गई है. रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर यात्रियों को ध्यान में रखते हुए रैन बसेरा लगाया गया है. रामेश्वर लाल तिराहे पर जो रैन बसेरा है, वह मजदूरों के लिए और उनकी सुविधाओं का ध्यान में रखते हुए बना है. यहां पर जो रुकने वाले व्यक्ति हैं अधिकतर मजदूर हैं और दिनभर काम करते हैं, रात में इसी रैन बसेरे में रुकते हैं. यहां पर हमने दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है, जो 24 घंटे रहते हैं. आठ-आठ घंटे की शिफ्ट रहती है. यहां पानी की और अलाव की व्यवस्था की गई है. अलाव 24 घंटे जलता है. कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारी की गई है.