देवरिया: जिले में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में खामियां सामने आने लगी है. लाभार्थियों के कोड पर दूसरे का गोल्डन कार्ड जनरेट हो गया है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग भी हैरानी में पड़ गया है. अभी तक सीएमओ कार्यालय में 13 लोगों की शिकायतें दर्ज की गई है.
13 लाभार्थी फर्जीवाड़े के शिकार
जिले में एक लाख पांच हजार आयुष्मान योजना के लाभार्थी जिले में चयनित किए गए हैं. विभागीय उदासीनता की वजह से अभी तक अधिकांश लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड जारी नहीं ही सका है. जरूरत पड़ने पर लाभार्थी जब गोल्डन कार्ड बनवाने जा रहे हैं तो पता चल रहा है कि इस आईडी पर दूसरे का गोल्डन कार्ड जारी हो गया है. शहर के उमानगर निवासी राजेश चौहान माउथ कैंसर से जूझ रहे हैं. बीएचयू में इलाज के दौरान इसे पता चला कि इनके नाम का गोल्डन कार्ड दूसरे के नाम पर जारी हो गया है. वहीं लार ब्लॉक के कोहरा गांव निवासी लालबाबू यादव का नाम आयुष्मान योजना में शामिल है. आंख का ऑपरेशन कराने गए तो पता चला कि इनका गोल्डन कार्ड कोई और उपयोग कर रहा है. इसके अलावा 13 लाभार्थी फर्जीवाड़े के शिकार हुए हैं.
वर्करों पर खड़ा हो रहा सवाल
गोल्डन कार्ड में जो फर्जीवाड़ा हुआ है, इसमे आयुष्मान योजना में काम करने वाले वर्करों पर सवाल खड़ा हो गया है. गलत तरीके से जो भी गोल्डन कार्ड बना है. उसमें सिर्फ सही लाभार्थी का फोटो, नाम, पता बदला गया है, जबकि आधार कार्ड का नंबर नहीं बदला गया है. इसी वजह से फर्जीवाड़ा पकड़ में आ रहा है.
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सीएमओ डॉ. आलोक पांडेय ने बताया कि गोल्डन कार्ड जारी कराने में लापरवाही हो रही हैं. गोल्डन कार्ड जनरेट कराने में फर्जीवाड़ा सामने आया है, जो शिकायते आई थी. उसमें कई लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड सही करा दिया गया है और उन लोगों का इलाज भी मिल रहा है.