देवरियाः उत्तराखंड में आई त्रासदी में भटनी ब्लाक के पिपरा देवराज गांव का लापता संतोष का पता छठवें दिन भी नहीं लगा. तपोवन प्रशासन ने मलबे में मिले एक व्यक्ति के हथेली का फोटो भेजा था. फोटो में उस व्यक्ति की उंगली में एक लाल और एक नीली रंग की अंगूठी थी. वहीं देखते ही संतोष की पत्नी ने कहा हमारे पति अंगूठी नहीं पहनते थे.
संतोष डैम में वेल्डर का करता था काम
पिपरा देवराज गांव निवासी संतोष यादव (40) उत्तराखण्ड के पीपलकोट स्थित ओम मेटल कम्पनी में काम करता था. घर वालों के अनुसार कम्पनी इस समय वहां बन रहे डैम में काम करा रही थी, जिसमें संतोष वेल्डर के तौर पर काम करता था. वह 11 दिसंबर को गांव से कंपनी का काम करने उत्तराखंड निकला था. त्रासदी के बाद से उसका पता नहीं चल रहा है. पत्नी सुमन ने डीएम से मदद की गुहार लगाई थी.
डीएम से मदद की गुहार
पत्नी सुमन गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत है. परिजनों का रो-रोकर बुला हाल है. त्रासदी के दिन पति का मोबाइल बंद होने के कारण उनसे सम्पर्क टूट गया, जिसके बाद पत्नी ने डीएम को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई.
पत्नी ने पति का हाथ नहीं होने की कही बात
उत्तराखंड प्रशासन ने मलबे में मिले एक हथेली का फोटो देवरिया जिला प्रशासन को पहचान करने के लिए भेजा था. उंगली में अंगूठी भी है. सलेमपुर तहसील प्रशासन संतोष के घर शुक्रवार को पहुंचा. फोटो देखने के बाद पत्नी बोली कि मेरे पति अंगूठी नहीं पहनते हैं. यह उनका हाथ नहीं है. सलेमपुर एसडीएम ओमप्रकाश ने बताया कि सुमन ने बताया कि उसके पति अंगूठी नहीं पहनते हैं, इसकी रिपोर्ट उत्तराखंड प्रशासन को भेज दी गई.