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फिर जताया भरोसा, योगी ने मनोहर लाल पंथ को बनाया राज्य मंत्री

मनोहर लाल पंथ की जीत यूपी में बड़ी जीत में से एक है. 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 11,0261 वोटों के साथ जीत दर्ज की. बीजेपी की योगी सरकार ने उनकी लगन को देखते हुए चुनाव जीतने के बाद उन्हें अपनी टीम में शामिल किया है. वह दोबारा राज्य मंत्री बनाए गए हैं.

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,मनोहर लाल पंथ
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Published : Mar 25, 2022, 9:33 PM IST

ललितपुर. महरौनी सीट से विधायक बने मनोहर लाल पंथ उर्फ़ मन्नू कोरी को सीएम योगी आदित्य नाथ ने राज्यमंत्री बनाकर कैबिनेट में शामिल किया है. बुंदलेखंड के एकमात्र विधायक हैं जिन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है. मनोहर पंथ का राज्यमंत्री बनने तक का सफ़र बेहद संघर्षमयी रहा है.

गरीबी में काटा है जीवन
मनोहर लाल पंथ ललितपुर के महरौनी के ही रहने वाले हैं. एससी वर्ग से आने वाले पंथ का परिवार बेहद गरीब हुआ करता था. मनोहर के पिता हरजू प्रसाद पंथ ललितपुर के धौर्रा गांव में परिवार पालने के लिए मूर्तियां बनाते थे. मनोहर पंथ इसमें हाथ बंटाते और जरूरत पड़ने पर मजदूरी भी किया करते थे. गरीबी के कारण 10वीं तक ही पढ़ सकें.

इस तरह आए राजनीति में
इसी दौरान मनोहर पंथ ललितपुर के प्रतिष्ठित राजनीतिक बुंदेला परिवार के संपर्क में आ गए. यहीं से उनका राजनीतिक उदय होना शुरू हुआ. विधायक बनने से पहले जिला पंचायत की राजनीति तक ही सीमित थे. 1995 में वह बांसी सीट से जिला पंचायत सदस्य बने. शुरू से ही बीजेपी में रहे मनोहर पंथ अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष बना दिए गए. इसके बाद उनकी राजनीति जिला पंचायत के आसपास ही घूमती रही. एक और जिला पंचायत चुनाव लड़े लेकिन हार गए.

इसी चुनाव में अन्य सीट से खड़ी हुई उनकी पत्नी कस्तूरी देवी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत गई. चुनाव के बाद पति-पत्नी दोनों जिला पंचायत चुनाव में फिर उतरे लेकिन इस बार दोनों हार गए. 2010 में मनोहर पंथ ने अपने बेटे चंद्रशेखर पंथ को जाखलौन सीट पर जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव मैदान में उतारा. इसमें चंद्रशेखर को जीत मिली. इसके बाद 2015 में चंद्रशेखर ने फिर से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी हार मिली.

विधानसभा चुनाव भी लड़ा
2012 विधानसभा चुनाव में महरौनी सीट पर बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन बसपा के फेरनलाल अहिरवार से कुल 1700 वोट से चुनाव हार गए. इस तरह मनोहर पंथ, उनकी पत्नी कस्तूरी देवी व बेटा चंद्रशेखर तीनों कभी चुनाव जीते तो कभी हारे. दो दशक तक वह और उनका परिवार जिला पंचायत का चुनाव लड़ता और जीतता हारता रहा. वह 2017 में विधायक बने और बसपा को हराते हुए 99545 वोटों से जीत दर्ज की.

अब फिर से 2022 में महरौनी विधानसभा सीट से भाजपा के राज्यमंत्री मनोहरलाल पंथ ने 1,84,396 वोट हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की. यहां पर बहुजन समाज पार्टी के किरण रमेश खटीक 74,135 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे जबकि समाजवादी पार्टी के राम विलास रजक 58,069 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे.

बीजेपी का भरोसा रहा कायम
बीजेपी ने मनोहर पंथ पर इस बार भी भरोसा दिखाया. उन्हें फिर से टिकट दिया. उन्होंने 2012 विधानसभा का चुनाव जीतने वाले बसपा के फेरन लाल अहिरवार को 2017 में 99,545 से हरा दिया. उनकी जीत यूपी में बड़ी जीत में से एक है. 2022 में एक बार फिर बड़ी जीत 1,10,261 वोटों के साथ दर्ज की. बीजेपी की योगी सरकार ने उनकी लगन को देखते हुए चुनाव जीतने के बाद अपनी टीम में शामिल किया है. दोबारा राज्यमंत्री की शपथ दिलाई है.

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ललितपुर. महरौनी सीट से विधायक बने मनोहर लाल पंथ उर्फ़ मन्नू कोरी को सीएम योगी आदित्य नाथ ने राज्यमंत्री बनाकर कैबिनेट में शामिल किया है. बुंदलेखंड के एकमात्र विधायक हैं जिन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है. मनोहर पंथ का राज्यमंत्री बनने तक का सफ़र बेहद संघर्षमयी रहा है.

गरीबी में काटा है जीवन
मनोहर लाल पंथ ललितपुर के महरौनी के ही रहने वाले हैं. एससी वर्ग से आने वाले पंथ का परिवार बेहद गरीब हुआ करता था. मनोहर के पिता हरजू प्रसाद पंथ ललितपुर के धौर्रा गांव में परिवार पालने के लिए मूर्तियां बनाते थे. मनोहर पंथ इसमें हाथ बंटाते और जरूरत पड़ने पर मजदूरी भी किया करते थे. गरीबी के कारण 10वीं तक ही पढ़ सकें.

इस तरह आए राजनीति में
इसी दौरान मनोहर पंथ ललितपुर के प्रतिष्ठित राजनीतिक बुंदेला परिवार के संपर्क में आ गए. यहीं से उनका राजनीतिक उदय होना शुरू हुआ. विधायक बनने से पहले जिला पंचायत की राजनीति तक ही सीमित थे. 1995 में वह बांसी सीट से जिला पंचायत सदस्य बने. शुरू से ही बीजेपी में रहे मनोहर पंथ अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष बना दिए गए. इसके बाद उनकी राजनीति जिला पंचायत के आसपास ही घूमती रही. एक और जिला पंचायत चुनाव लड़े लेकिन हार गए.

इसी चुनाव में अन्य सीट से खड़ी हुई उनकी पत्नी कस्तूरी देवी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत गई. चुनाव के बाद पति-पत्नी दोनों जिला पंचायत चुनाव में फिर उतरे लेकिन इस बार दोनों हार गए. 2010 में मनोहर पंथ ने अपने बेटे चंद्रशेखर पंथ को जाखलौन सीट पर जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव मैदान में उतारा. इसमें चंद्रशेखर को जीत मिली. इसके बाद 2015 में चंद्रशेखर ने फिर से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी हार मिली.

विधानसभा चुनाव भी लड़ा
2012 विधानसभा चुनाव में महरौनी सीट पर बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन बसपा के फेरनलाल अहिरवार से कुल 1700 वोट से चुनाव हार गए. इस तरह मनोहर पंथ, उनकी पत्नी कस्तूरी देवी व बेटा चंद्रशेखर तीनों कभी चुनाव जीते तो कभी हारे. दो दशक तक वह और उनका परिवार जिला पंचायत का चुनाव लड़ता और जीतता हारता रहा. वह 2017 में विधायक बने और बसपा को हराते हुए 99545 वोटों से जीत दर्ज की.

अब फिर से 2022 में महरौनी विधानसभा सीट से भाजपा के राज्यमंत्री मनोहरलाल पंथ ने 1,84,396 वोट हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की. यहां पर बहुजन समाज पार्टी के किरण रमेश खटीक 74,135 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे जबकि समाजवादी पार्टी के राम विलास रजक 58,069 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे.

बीजेपी का भरोसा रहा कायम
बीजेपी ने मनोहर पंथ पर इस बार भी भरोसा दिखाया. उन्हें फिर से टिकट दिया. उन्होंने 2012 विधानसभा का चुनाव जीतने वाले बसपा के फेरन लाल अहिरवार को 2017 में 99,545 से हरा दिया. उनकी जीत यूपी में बड़ी जीत में से एक है. 2022 में एक बार फिर बड़ी जीत 1,10,261 वोटों के साथ दर्ज की. बीजेपी की योगी सरकार ने उनकी लगन को देखते हुए चुनाव जीतने के बाद अपनी टीम में शामिल किया है. दोबारा राज्यमंत्री की शपथ दिलाई है.

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