देवरिया: सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हुए वीर सपूत अंशुमान सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार की शाम को गांव पहुंचा. भारत माता की जयघोष के बीच उन्हें अंतिम विदाई दी गई. भागलपुर के कालीचरण घाट पर गार्ड ऑफ ऑनर के बाद अंतिम संस्कार किया गया.
सियाचिन ग्लेशियर में लार ब्लाॅक के बरडीहा दलपत निवासी रेजिमेंटल मेडिकल आफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए थे. गोरखपुर एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया. सलेमपुर से गांव तक सैकड़ों वाहनों के साथ लोग भारत माता की जय के नारे लगाते चले. शहीद का शव जैसे ही घर पहुंचा चीख-पुकार मच गई. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल रहा. एक घंटे बाद शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.
पिता रामप्रताप सिंह ने कहा कि बेटे की दिलेरी पर मुझे गर्व है जिसने वर्दी की लाज रख ली. देश के वीर सपूतों को बचाने में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. अंशुमान के पिता मेजर पद से रिटायर्ड हैं इसलिए अंशुमान की प्रारंभिक शिक्षा कपूरथला पंजाब, व मिलिट्री स्कूल चैल शिमला में हुई थी. केमिकल इंजीनियरिंग से आईटीआई भी किया था. 2020 में सेना में भर्ती हुए अंशुमान 2021 में कैप्टन बन गए थे.
शहीद की पत्नी स्मृति सिंह का रो-रोकर बुरा हाल था. वह ताबूत से लिपटकर चीख रही थी. उसकी बदहवासी देख दरवाजे पर जुटी भीड़ भी रोने लगी. बता दें कि पांच माह पूर्व ही शहीद की शादी हुई थी. भागलपुर के कालीचरण घाट पर गार्ड ऑफ ऑनर के बाद अंतिम संस्कार किया गया.
एयरपोर्ट पर जनप्रतिनिधियों ने अर्पित की श्रद्धांजलि
गोरखपुर एयरपोर्ट पर दोपहर में जब वीर सपूत का पार्थिव शरीर लाया गया तो कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जिले के प्रभारी मंत्री दयाशंकर सिंह, सांसद रविंद्र कुशवाहा, राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम, कुंज बिहारी सिंह, बबलू सिंह समेत कई जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धाजंलि अर्पित की.
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