देवरियाः जिले में सूदखोर के चंगुल में फंसे दलित को सोमवार को दस वर्ष बाद आजादी मिल पाई है. दबंग सूदखोर पर पुलिस ने डीएम के निर्देश पर केस दर्ज कर दलित के खेत से कब्जा खाली करा दिया है. वहीं, पुलिस अब फरार सूदखोर की तलाश कर रही है. दलित की मानें तो उसने दस साल पहले 62 हजार रुपये कर्ज लिया था. एक लाख बीस हजार रुपये दे दिया था, जिसे सूदखोर ब्याज बता रहा था. सूदखोर ने मूलधन न चुकने की बात कहकर खेत पर कब्जा कर लिया था.
मईल थाना क्षेत्र के नरियाव गांव निवासी शिवदास प्रसाद मईल थाने पर आयोजित थाना दिवस पर फरियाद लेकर पहुंचा था. इस दौरान डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह भी पहुंच गए. पीड़ित शिवदास डीएम को प्रार्थना पत्र देकर रोने लगा. रोते हुए दलित ने कहा कि उसने गांव के ही हरिशंकर सिंह से करीब दस वर्ष पहले 62 हजार रुपये कर्ज लिया था. अभी तक वह एक लाख बीस हजार रुपये बतौर ब्याज चुका चुका हैं, लेकिन मूलधन चुकता नहीं हो पाया है. अभी हाल ही में आरोपी ने शिवदास का खेत जोत लिया और मना करने पर 2,89,000 रुपये सूद और मांगा, जिसे चुकता न करने पर दबंगों ने खेत पर कब्जा कर लिया.
बता दें कि शिवदास एक गरीब मजदूर हैं और खेत ही उनकी जीविका का एकमात्र साधन है. उन्होंने डीएम से अपने खेत को मुक्त कराने की गुहार लगाई थी. डीएम ने गंभीरता से लेते हुए सीओ बरहज अंशुमन श्रीवास्तव को प्रकरण की जांच करने और आरोप सही पाए जाने पर सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था. साथ ही एसडीएम को खेत से अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया था. सीओ ने आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाया. शिवदास की तहरीर पर आरोपी हरिशंकर सिंह के मईल थाने में एफआईआर दर्ज किया गया और सूदखोर से खेत मुक्त कराया गया. सीओ अंशुमान ने बताया कि डीएम के निर्देश पर कार्रवाई हुई है. आरोपी फरार है.