देवरिया: जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने भलुअनी ब्लॉक के वार्ड संख्या 26 से चुनाव लड़ रहे भाजपा समर्थित प्रत्याशी और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही पर आरोप लगाया है. आरोप है कि कृषि मंत्री के दबाव में जिला प्रशासन मतगणना में गड़बड़ी कर रहा है. कम्युनिस्ट पार्टी से जीते हुए प्रत्याशी को प्रमाण पत्र न देकर हारे हुए प्रत्याशी को जिताने के लिए दोबारा मतगणना करायी जा रही है.
'675 वोट से जीते प्रत्याशी को नहीं दिया प्रमाण पत्र'
भलुअनी ब्लॉक के वार्ड नम्बर 26 पश्चिमी मध्य से जिला पंचायत सदस्य के 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. सोमवार को मतगणना के अंत में कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार कलेक्टर शर्मा ने अपने निकटतम भाजपा के उम्मीदवार आशुतोष सिंह को 675 वोट से हरा कर विजय हासिल की. लेकिन, आरोप है कि जिला प्रशासन ने सत्ता पक्ष के दबाव में जीते हुए प्रत्याशी कलेक्टर शर्मा को प्रमाण पत्र न देकर बिना किसी वजह के दोबारा रिकाउंटिंग शुरू कर दिया. जब उन्होंने इसका विरोध किया तो प्रशासन ने उन्हें कार्यकर्ताओं समेत गेट से बाहर कर दिया. इस बात से नाराज अन्य प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन व भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए.
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कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी ने लगाया आरोप
कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी कलेक्टर शर्मा का कहना था कि रविवार से मतगणना शुरू होकर सोमवार की सुबह तक चली. इसमें हमें कुल 6044 वोट मिले और हम 675 वोट से चुनाव जीत गए. आरओ और सेकंड अफसर ने हमसे कहा कि आप चुनाव जीत गए हैं. इस पर हमने कहा कि हमारी जीत की घोषणा कर दी जाए और हमें सर्टिफिकेट दे दिया जाए. आरओ और रिटर्निंग अफसर ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि आप देवरिया चले जाइए. डीएम आपको सर्टिफिकेट जारी करेंगे. लेकिन जब हम जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि डीएम ने मतगणना स्थल पर पूरी फोर्स के साथ पहुंचकर हमारे कार्यकर्ताओं को मतगणना केंद्र से बाहर निकाल दिया है. हमारे साथ धोखा किया जा रहा है.
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कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही पर आरोप
वार्ड नंबर 26 से जिला पंचायत सदस्य पद के एक अन्य प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद का कहना था कि काउंटिंग में कलेक्टर शर्मा बढ़त बनाए हुए थे. आखिरी वक्त में प्रशासन ने कुछ गड़बड़ी करनी शुरू कर दी. ये सब भाजपा समर्थित प्रत्याशी आशुतोष सिंह और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के दबाव में किया जा रहा है. जबरन जिला प्रशासन दबाव बनाकर एक जीते हुए उम्मीदवार को हरा रहा है.