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चित्रकूट: नहीं मिली एंबुलेंस, महिला ने सड़क पर बच्चे को दिया जन्म - चित्रकूट समाचार

यूपी के चित्रकूट में एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण महिला ने सड़क पर ही बच्‍चे को जन्‍म दे दिया. वहीं परिजनों का आरोप है कि कई बार 108 और 102 नंबरों पर कई बार कॉल की, लिकिन घंटों बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई.

डॉ ध्रुव प्रताप सिंह ,चिकित्सा अधिकारी सीएचसी
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Published : Aug 7, 2019, 2:53 PM IST

चित्रकूट: सरकार प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये गरीबों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए खर्च कर रही है, लेकिन जिम्मेदारों के रहमों करम पर गरीबों को इलाज न मिलने से लगातार स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होती जा रही हैं. ऐसा ही मामला जिले की पहाड़ी तहसील स्थित कलवारी गांव का सामने आया है. यहां एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचने पर प्रसूता बीच सड़क पर बच्चे को जन्म देने को मजबूर हो गई.

महिला ने सड़क पर बच्‍चे को दिया जन्म.
  • जिले के पहाड़ी तहसील स्थित कलवारी गांव का मामला.
  • प्रसूता लवली पत्नी कुशल विश्वकर्मा को गांव में प्रसव पीड़ा हुई.
  • परिजनों ने 108 और 102 नंबरों पर कई बार कॉल की, लिकिन घंटों बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई.
  • पड़ोस के युवक के साथ मोटरसाइकिल पर लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर निकले.
  • प्रसव पीड़ा बढ़ने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से चंद कदम दूरी पर बीच रोड पर बच्ची को जन्म दे दिया.
  • रोड से गुजर रही मोटरसाइकिल से नवजात बच्ची को सिर में चोट भी लग गई.

परिजनों ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रसव पीड़ित महिला की मदद के लिए कई ग्रामीणों ने एंबुलेंस सेवा के लिए 108 और 102 नंबरों पर बार कॉल की, लेकिन एक घंटे बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई. घंटों तक कोई सरकारी महकमा प्रसूता के पास मदद के लिए नहीं पहुंचा. जिलाधिकारी चित्रकूट को फोन करके रोड पर प्रसव की घटना बताई गई, तो आनन-फानन में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ध्रुव कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और महिला को स्ट्रेचर पर लिटा कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया.

मुझे पता लगा कि प्रसव हो गया है. मैं अपनी गाड़ी से तुरन्त आया, लेकिन मुझे कुछ लोगों ने बताया कि एंबुलेंस पास गुजरी और महिला के रोकने पर भी नहीं रुकी. मैं इस मामले में एंबुलेंस की सीएमओ से शिकायत करूंगा. महिला को मैंने अस्पताल में भर्ती करा दिया है.
-डॉ. ध्रुव प्रताप सिंह, चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी

चित्रकूट: सरकार प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये गरीबों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए खर्च कर रही है, लेकिन जिम्मेदारों के रहमों करम पर गरीबों को इलाज न मिलने से लगातार स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होती जा रही हैं. ऐसा ही मामला जिले की पहाड़ी तहसील स्थित कलवारी गांव का सामने आया है. यहां एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचने पर प्रसूता बीच सड़क पर बच्चे को जन्म देने को मजबूर हो गई.

महिला ने सड़क पर बच्‍चे को दिया जन्म.
  • जिले के पहाड़ी तहसील स्थित कलवारी गांव का मामला.
  • प्रसूता लवली पत्नी कुशल विश्वकर्मा को गांव में प्रसव पीड़ा हुई.
  • परिजनों ने 108 और 102 नंबरों पर कई बार कॉल की, लिकिन घंटों बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई.
  • पड़ोस के युवक के साथ मोटरसाइकिल पर लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर निकले.
  • प्रसव पीड़ा बढ़ने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से चंद कदम दूरी पर बीच रोड पर बच्ची को जन्म दे दिया.
  • रोड से गुजर रही मोटरसाइकिल से नवजात बच्ची को सिर में चोट भी लग गई.

परिजनों ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रसव पीड़ित महिला की मदद के लिए कई ग्रामीणों ने एंबुलेंस सेवा के लिए 108 और 102 नंबरों पर बार कॉल की, लेकिन एक घंटे बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई. घंटों तक कोई सरकारी महकमा प्रसूता के पास मदद के लिए नहीं पहुंचा. जिलाधिकारी चित्रकूट को फोन करके रोड पर प्रसव की घटना बताई गई, तो आनन-फानन में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ध्रुव कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और महिला को स्ट्रेचर पर लिटा कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया.

मुझे पता लगा कि प्रसव हो गया है. मैं अपनी गाड़ी से तुरन्त आया, लेकिन मुझे कुछ लोगों ने बताया कि एंबुलेंस पास गुजरी और महिला के रोकने पर भी नहीं रुकी. मैं इस मामले में एंबुलेंस की सीएमओ से शिकायत करूंगा. महिला को मैंने अस्पताल में भर्ती करा दिया है.
-डॉ. ध्रुव प्रताप सिंह, चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी

Intro:

-सरकार प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए गरीबों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए खर्च कर रही है। किन्तु जिम्मेदारों के रहमों करम पर गरीबों को इलाज नहीं मिलने से लगातार स्वास्थ्य सेवाये बदहाल होती जा रही है । जिसके चलते आज चित्रकूट जिले में फिर एक प्रसूता बीच सड़क में बच्चे को जन्म देने को मजबूर हो गयी। वजह एम्बुलेंस का समय पर नही पहुचना ।मामला चित्रकूट के पहाड़ी तहसील के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का वही पसुता चित्रकूट पहाड़ी तहसील के कलवारी गांव की है रहने वाली
Body:
एम्बुलेंस के न पहुचने पर चित्रकूट के कलवारा गाव की प्रसूता परिजनों के साथ मोटरसाइकिल में सवार होकर प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहाड़ी आ रही थी। प्रसव पीड़ा बढ़ने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चंद कदम दूरी पर बीच रोड में बच्ची को जन्म दे दिया । जन्म देते ही बच्ची को मोटरसाइकिल की चोट सर पर लग गई ।प्रसव होने के बाद प्रसव पीड़ित महिला के मदद के लिए दर्जनों ग्रामीणों ने एंबुलेंस सेवा के लिए 108, 102, के लिए कई बार फोन किया परंतु एक घंटे बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पाई। घंटों तक कोई सरकारी महकमा प्रसूता के पास मदद के लिए नहीं पहुंचा। जिलाधिकारी चित्रकूट को फोन करके रोड पर प्रसव की घटना बताई गई तो आनन-फानन में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ध्रुव कुमार सिंह मौके पर पहुंच कर महिला को अस्पताल की स्टेचर लिटा कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। 8
-बता दे कि पहाड़ी विकासखंड क्षेत्र के ग्राम कलवारा बुजुर्ग की प्रसूता लवली पत्नी कुशल विश्वकर्मा को गांव में प्रसव पीड़ा हुई जिसके लिए परिजनों ने 108, 102, एम्बुलेंस सेवा के लिए कई बार फोन लगाया था किन्तु घंटो बीत जाने के बाद भी जब एंबुलेंस सेवा नहीं मिल पाई तो पड़ोस के युवक के साथ मोटरसाइकिल में लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आ रहे थे किन्तु प्रसव पीड़ा बढ़ने की वजह से स्वस्थ केंद्र तक नही पहुंच पाई और समय सुबह 3:40बजे विकासखंड कार्यालय पहाड़ी के पास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से चंद कदमों की दूरी में प्रसूता ने सड़क में ही बच्ची को जन्म दे दिया जिससे नवजात बच्ची को सिर में चोट भी लग गयी है।


- प्रसूता के बच्ची को जन्म देते ही पास से गुजर रही मोटरसाइकिल की टक्कर लग गई जिससे बच्ची के सिर में गहरी चोट आ गई। पास पड़ोस के प्रत्यक्षदर्शियों ने 108 और 102, एम्बुलेंस को सूचना दी किन्तु एम्बुलेंस न मिलने पर जिलाधिकारी शेषमणि पांडे को फोन किया गया तब जाकर मौके पर पहुंचे प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ध्रुव प्रताप सिंह ने महिला को स्ट्रेचर में लिटा कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया।
Conclusion:
- सड़क में प्रसव का यह दृश्य शर्मशार करने वाला पहली बार सामने नही आया बल्कि इसके पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी है किंतु स्वास्थ्य महकमे को कोई फर्क नही पड़ा है।

बाइट - लवकुश परिजन
बाइट - डॉ ध्रुव प्रताप सिंह (चिकित्सा अधिकारी सीएचसी पहाड़ी)
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