चित्रकूट: सरकार प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये गरीबों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए खर्च कर रही है, लेकिन जिम्मेदारों के रहमों करम पर गरीबों को इलाज न मिलने से लगातार स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होती जा रही हैं. ऐसा ही मामला जिले की पहाड़ी तहसील स्थित कलवारी गांव का सामने आया है. यहां एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचने पर प्रसूता बीच सड़क पर बच्चे को जन्म देने को मजबूर हो गई.
- जिले के पहाड़ी तहसील स्थित कलवारी गांव का मामला.
- प्रसूता लवली पत्नी कुशल विश्वकर्मा को गांव में प्रसव पीड़ा हुई.
- परिजनों ने 108 और 102 नंबरों पर कई बार कॉल की, लिकिन घंटों बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई.
- पड़ोस के युवक के साथ मोटरसाइकिल पर लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर निकले.
- प्रसव पीड़ा बढ़ने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से चंद कदम दूरी पर बीच रोड पर बच्ची को जन्म दे दिया.
- रोड से गुजर रही मोटरसाइकिल से नवजात बच्ची को सिर में चोट भी लग गई.
परिजनों ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रसव पीड़ित महिला की मदद के लिए कई ग्रामीणों ने एंबुलेंस सेवा के लिए 108 और 102 नंबरों पर बार कॉल की, लेकिन एक घंटे बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई. घंटों तक कोई सरकारी महकमा प्रसूता के पास मदद के लिए नहीं पहुंचा. जिलाधिकारी चित्रकूट को फोन करके रोड पर प्रसव की घटना बताई गई, तो आनन-फानन में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ध्रुव कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और महिला को स्ट्रेचर पर लिटा कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया.
मुझे पता लगा कि प्रसव हो गया है. मैं अपनी गाड़ी से तुरन्त आया, लेकिन मुझे कुछ लोगों ने बताया कि एंबुलेंस पास गुजरी और महिला के रोकने पर भी नहीं रुकी. मैं इस मामले में एंबुलेंस की सीएमओ से शिकायत करूंगा. महिला को मैंने अस्पताल में भर्ती करा दिया है.
-डॉ. ध्रुव प्रताप सिंह, चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी