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चित्रकूट के जिन घरों में नहीं पहुंची बिजली वहां पहुंच गए बिजली बिल

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के कई गांवों में सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन दिए गए थे. इन गांवों में बिजली अभी तक नहीं पहुंची है, लेकिन बिजली के बिल पहुंच गए. नाराज ग्रामीण बिजली मीटर लेकर तहसील सभागार पहुंच गए और मामले से डीएम को अवगत कराया. डीएम ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि अगर बिजली नहीं आई है तो बिल माफ होगा और बिजली जलने के बाद से ही बिजली बिल मान्य होगा.

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घरों में नहीं पहुंची बिजली लेकिन पहुंच गए बिजली बिल.
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Published : Jan 8, 2020, 1:11 PM IST

चित्रकूट: जिले की मानिकपुर तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें कोबरा ग्राम पंचायत के ग्रामीण सौभाग्य योजना के तहत दिए गए विद्युत उपकरणों को हाथों में लेकर सभागार में पहुंचे. ग्रामीणों का आरोप है कि सौभाग्य योजना के तहत उनके घरों में बिजली के कनेक्शन तो हुए, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बावजूद उन्हें बिजली नहीं मिली और उनके घरों में बिजली के भारी बिल पहुंचने लगे हैं.

जिले में सौभाग्य योजना के तहत 85,800 घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य अगस्त 2019 तक दिया गया था, जिसमें 65 हजार घरों में विद्युत कनेक्शन दे दिया गया है. टाटा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को विद्युत कनेक्शन करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी. कनेक्शन देने के बाद उपभोक्ताओं को विद्युत बिल वसूली का काम यूपीपीसीएल की जिम्मेदारी में होगा.

घरों में नहीं पहुंची बिजली लेकिन पहुंच गए बिजली बिल.

सौभाग्य योजना में प्रावधान
सौभाग्य योजना से मिलने वाले विद्युत कनेक्शन में मीटर और विद्युत बोर्ड सहित एलईडी बल्ब भी देने का प्रावधान है. सौभाग्य योजना के तहत दिए जाने वाले विद्युत कनेक्शन 2011 की सामाजिक-आर्थिक-गणना के पात्र व्यक्तियों को निशुल्क और एपीएल के स्तर के ग्रामीणों को 500 में दिया जाएगा, जिसे 50 रुपये की 10 आसान किस्तों में उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा.

कई गांवों तक नहीं पहुंची विद्युत लाइन
सरकार द्वारा चयनित कंपनी टाटा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने चित्रकूट के कई ऐसे गांव में अभी तक विद्युत लाइन नहीं बिछाई है, न ही उन गांवों में आज तक विद्युत पोल ही पहुंच पाए हैं. एक वर्ष बीतने पर लोगों के घरों में विद्युत मीटर और बोर्ड लगने के बाद UPPCL ने ग्रामीणों के घरों में विद्युत बिल भेजने लगा है.

इसे भी पढ़ें- महेंद्र नाथ पांडेय का तंज, कहा- हमारे संस्कार अखिलेश जैसे नहीं

बिजली का बिल प्राप्त होने पर घबराए ग्रामीणों ने अपने अपने घरों से विद्युत मीटर बोर्ड तार सहित तहसील के सभागार में पहुंच कर अपनी आपबीती जिलाधिकारी से बताई. जिलाधिकारी ने विद्युत अधिकारियों से वार्ता कर ग्रामीणों को यह आश्वासन दिया है कि अगर बिजली नहीं आई है तो बिल माफ होगा और बिजली जलने के बाद से ही बिजली बिल मान्य होगा.

चित्रकूट: जिले की मानिकपुर तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें कोबरा ग्राम पंचायत के ग्रामीण सौभाग्य योजना के तहत दिए गए विद्युत उपकरणों को हाथों में लेकर सभागार में पहुंचे. ग्रामीणों का आरोप है कि सौभाग्य योजना के तहत उनके घरों में बिजली के कनेक्शन तो हुए, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बावजूद उन्हें बिजली नहीं मिली और उनके घरों में बिजली के भारी बिल पहुंचने लगे हैं.

जिले में सौभाग्य योजना के तहत 85,800 घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य अगस्त 2019 तक दिया गया था, जिसमें 65 हजार घरों में विद्युत कनेक्शन दे दिया गया है. टाटा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को विद्युत कनेक्शन करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी. कनेक्शन देने के बाद उपभोक्ताओं को विद्युत बिल वसूली का काम यूपीपीसीएल की जिम्मेदारी में होगा.

घरों में नहीं पहुंची बिजली लेकिन पहुंच गए बिजली बिल.

सौभाग्य योजना में प्रावधान
सौभाग्य योजना से मिलने वाले विद्युत कनेक्शन में मीटर और विद्युत बोर्ड सहित एलईडी बल्ब भी देने का प्रावधान है. सौभाग्य योजना के तहत दिए जाने वाले विद्युत कनेक्शन 2011 की सामाजिक-आर्थिक-गणना के पात्र व्यक्तियों को निशुल्क और एपीएल के स्तर के ग्रामीणों को 500 में दिया जाएगा, जिसे 50 रुपये की 10 आसान किस्तों में उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा.

कई गांवों तक नहीं पहुंची विद्युत लाइन
सरकार द्वारा चयनित कंपनी टाटा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने चित्रकूट के कई ऐसे गांव में अभी तक विद्युत लाइन नहीं बिछाई है, न ही उन गांवों में आज तक विद्युत पोल ही पहुंच पाए हैं. एक वर्ष बीतने पर लोगों के घरों में विद्युत मीटर और बोर्ड लगने के बाद UPPCL ने ग्रामीणों के घरों में विद्युत बिल भेजने लगा है.

इसे भी पढ़ें- महेंद्र नाथ पांडेय का तंज, कहा- हमारे संस्कार अखिलेश जैसे नहीं

बिजली का बिल प्राप्त होने पर घबराए ग्रामीणों ने अपने अपने घरों से विद्युत मीटर बोर्ड तार सहित तहसील के सभागार में पहुंच कर अपनी आपबीती जिलाधिकारी से बताई. जिलाधिकारी ने विद्युत अधिकारियों से वार्ता कर ग्रामीणों को यह आश्वासन दिया है कि अगर बिजली नहीं आई है तो बिल माफ होगा और बिजली जलने के बाद से ही बिजली बिल मान्य होगा.

Intro:चित्रकूट के तहसील मानिकपुर में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया जिसमें एक अनोखा मामला देखने को मिला जिसमें कोबरा ग्राम पंचायत के ग्रामीण अपने हाथों में सौभाग्य योजना से ग्रामीणों को दिए गए विद्युत उपकरणों को हाथ मिलेगा सभागार में आप पहुंचे ग्रामीणों का आरोप है कि महीनों से लगे विद्युत मीटर में विद्युत करंट तो नहीं आया बल्कि बीमा बिना बिजली खर्च किए उनके दिल जरूर पहुंच गए हैं हालांकि जिलाधिकारी ने मामले में सभी ग्रामीणों के बिल माफ करने की बात की है


Body: चित्रकूट के दूरदराज के गांव में बसे ग्रामीणों को खुशी थी कि अब हमारे भी घर रोशन होगा और हमारे घरों में भी मनोरंजन और सुख सुविधाओं की चीजों से परिपूर्ण होंगे । अब हमें मोबाइल चार्ज करने दूर शहर नहीं जाना पड़ेगा। हम भी अब आधुनिक समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इंटरनेट की सेवा का उपभोग करेंगे पर ग्रामीणों के सपने चकनाचूर तब हो गए जब सौभाग्य योजना के तहत उनके घरों में बिजली के कनेक्शन तो हुए पर एक वर्ष बीत जाने के बावजूद उन्हें बिजली नहीं मिली और उसके एवज में उनके घरों में बिजली के भारी बिल पहुंचने लगे है।

चित्रकूट में सौभाग्य योजना के तहत 85800 घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य अगस्त 2019 तक दिया गया था ।जिस पर 65 हजार घरों में विद्युत कनेक्शन दे दिया गया है ।वहीं टाटा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को विद्युत कनेक्शन करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी। कनेक्शन देने के बाद उपभोक्ताओं को विद्युत बिल वसूली का काम यूपीपीसीएल की जिम्मेदारी में होगा। सौभाग्य योजना से मिलने वाले विद्युत कनेक्शन में मीटर और विद्युत बोर्ड सहित एलईडी बल्ब भी देने का प्रावधान है। सौभाग्य योजना के तहत दिए जाने वाले विद्युत कनेक्शन 2011 की सामाजिक आर्थिक गणना के पात्र व्यक्तियों को निशुल्क व एपीएल के स्तर के ग्रामीणों को ₹500 में दिया जाएगा। जो कि ₹50 की 10 आसान किस्तों में उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा।
पर सरकार द्वारा चयनित कंपनी टाटा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने चित्रकूट के कई ऐसे गांव में आज भी विद्युत लाइन नहीं बिछाई है ना ही उन गांव में आज तक विद्युत पोल ही पहुंच पाया हैं।और न ही लाइट जली एक वर्ष बीतने पर लोगों के घरों में विद्युत मीटर और बोर्ड लगने के बाद UPPCL ने ग्रामीणों के घरों में विधुत बिल जरूर भेजने लगा है।जिससे घबराए ग्रामीणों ने अपने अपने घरों से विधुत मीटर बोर्ड तार सहित तहसील के सभा गर में पहुच कर अपनी आप बीती जिलाधिकारी से बताई।
हालांकि जिलाधिकारी ने विधुत अधिकारियों से वार्ता कर ग्रामीणों को ये अस्वासन जरूर दिया है कि अगर बिजली नही आई है तो बिल माफ हो गा।और बिजली जलने के बाद से ही बिजली बिल मान्य होगा।
बाइट- कल्ली(ग्रामीण)
बाइट-राकेश (ग्रामीण)
बाइट-शेषमणि पांडेय(जिलाधिकारी)




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