चित्रकूट: जिले की मानिकपुर तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें कोबरा ग्राम पंचायत के ग्रामीण सौभाग्य योजना के तहत दिए गए विद्युत उपकरणों को हाथों में लेकर सभागार में पहुंचे. ग्रामीणों का आरोप है कि सौभाग्य योजना के तहत उनके घरों में बिजली के कनेक्शन तो हुए, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बावजूद उन्हें बिजली नहीं मिली और उनके घरों में बिजली के भारी बिल पहुंचने लगे हैं.
जिले में सौभाग्य योजना के तहत 85,800 घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य अगस्त 2019 तक दिया गया था, जिसमें 65 हजार घरों में विद्युत कनेक्शन दे दिया गया है. टाटा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को विद्युत कनेक्शन करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी. कनेक्शन देने के बाद उपभोक्ताओं को विद्युत बिल वसूली का काम यूपीपीसीएल की जिम्मेदारी में होगा.
सौभाग्य योजना में प्रावधान
सौभाग्य योजना से मिलने वाले विद्युत कनेक्शन में मीटर और विद्युत बोर्ड सहित एलईडी बल्ब भी देने का प्रावधान है. सौभाग्य योजना के तहत दिए जाने वाले विद्युत कनेक्शन 2011 की सामाजिक-आर्थिक-गणना के पात्र व्यक्तियों को निशुल्क और एपीएल के स्तर के ग्रामीणों को 500 में दिया जाएगा, जिसे 50 रुपये की 10 आसान किस्तों में उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा.
कई गांवों तक नहीं पहुंची विद्युत लाइन
सरकार द्वारा चयनित कंपनी टाटा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने चित्रकूट के कई ऐसे गांव में अभी तक विद्युत लाइन नहीं बिछाई है, न ही उन गांवों में आज तक विद्युत पोल ही पहुंच पाए हैं. एक वर्ष बीतने पर लोगों के घरों में विद्युत मीटर और बोर्ड लगने के बाद UPPCL ने ग्रामीणों के घरों में विद्युत बिल भेजने लगा है.
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बिजली का बिल प्राप्त होने पर घबराए ग्रामीणों ने अपने अपने घरों से विद्युत मीटर बोर्ड तार सहित तहसील के सभागार में पहुंच कर अपनी आपबीती जिलाधिकारी से बताई. जिलाधिकारी ने विद्युत अधिकारियों से वार्ता कर ग्रामीणों को यह आश्वासन दिया है कि अगर बिजली नहीं आई है तो बिल माफ होगा और बिजली जलने के बाद से ही बिजली बिल मान्य होगा.