चित्रकूट: जिले के मानिकपुर विकास खंड के गांव बरोड़ा में मनरेगा के कार्यों में अनियमितता पाए जाने पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह ने ग्राम विकास अधिकारी धर्मपाल यादव को निलंबित कर दिया है. आरोप है कि ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान ने बिना निर्माण कार्य करवाए पैसों का भुगतान करवा लिया.
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बाद लॉकडाउन में हजारों की संख्या में मजदूर दूसरे प्रांतों से अपने गृह जनपद पहुंच रहे हैं. इन प्रवासी मजदूरों और ग्रामीणों को उन्हीं के गांव में मनरेगा के तहत रोजगार दिया जा रहा है. चित्रकूट में भी मनरेगा के तहत ग्रामीणों और प्रवासियों को रोजगार दिया जा रहा है, जिससे वे अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
चित्रकूट के कुछ ऐसे गांव हैं, जहां ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी की मिलीभगत से पैसों का बंदर बांट किया जा रहा है. ग्राम पंचायत अघुराहूडा के ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान ने नियमों को ताक पर रखकर इस गांव में नाली और सड़क निर्माण करवाया, जिसमें अनियमितता मिली. वहीं प्रशासन की जांच में ऐसे कार्य भी सामने आए, जो अधूरे पड़े हैं. लेकिन प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी की मिली भगत से शासन के पैसों का बंदर बांट कर लिया गया है.
इस पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्राम विकास अधिकारी धर्मपाल यादव को निलंबित कर दिया है. वहीं सम्बंधित ग्राम प्रधान के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
ये भी पढ़ें- चित्रकूट: अनलॉक-1 में भक्तों के लिए खुले 'कामतानाथ मन्दिर' के द्वार