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चित्रकूट में गैंगरेप के बाद हत्या का मामला, CBCID ने तीनों आरोपियों को भेजा जेल

चित्रकूट में गैंगरेप के बाद हत्या के मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में होनी है. इस मामले की जांच सीबीसीआईडी कर रही है. CBCID ने मंगलवार को तीनों आरोपियों को भेजा जेल दिया.

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Published : Jan 18, 2022, 8:04 PM IST

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चित्रकूट में गैंगरेप के बाद हत्या

चित्रकूट: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहिलपुरवा थाना क्षेत्र में नाबालिक किशोरी की गैंगरेप और हत्या के मामले में CBCID पुलिस को 17 जनवरी तक प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का समय दिया था. मंगलवार को CBCID पुलिस ने पूछताछ करने के बाद तीन आरोपियों को जेल भेज दिया.

बहिलपुरवा थाना क्षेत्र में नाबालिक किशोरी की गैंगरेप और हत्या के मामले में तीनों आरोपी भेजे गए जेल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के एक गांव में गैंगरेप के बाद हत्या करने और फिर किशोरी की लाश को पेड़ से लटकाने के मामले में लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सीबीसीआईडी जांच करने और उसकी प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. सरकारी अधिवक्ता मोहम्मद शोएब ने सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट के लिए लखनऊ भेजा था.

चित्रकूट में गैंगरेप के बाद हत्या मामले की जांच में किशोरी के कपड़े में सीमेन की पुष्टि हुई थी. कोर्ट ने 17 जनवरी तक प्रगति रिपोर्ट पेश करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया था. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान तथा न्यायमूर्ति एस विद्यार्थी की खंडपीठ ने शिव विजय की याचिका पर दिया था.

मामला चित्रकूट जिले के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के एक गांव का है. यहां रहने वाली 17 साल की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी. मृतका के पिता ने इस मामले में याचिका दाखिल की थी. इसमें कहा गया था कि घटना 22/23 अगस्त 2020 की रात की है. उसकी नाबालिग लड़की की हत्या कर शव को सहजन के पेड़ में लटकाया गया था, ताकि आत्महत्या का रूप दिया जा सके.

ये भी पढ़ें- दिल्ली से अपहरण के बाद एटा में बच्चे की हत्या, आरोपी फूफा गिरफ्तार

याची की तहरीर को तत्कालीन थानाध्यक्ष बहिलपुरवा जयशंकर सिंह ने फाड़कर फेंक दिया था. इसके बाद उनसे दबाव डालकर दूसरा प्रार्थना पत्र लिखवाया था. इसके बाद पंकज पांडेय ने थाने का चार्ज लिया था. आरोप है कि उन्होंने भी आरोपियों से मिलकर मामले को रफादफा करने करने की कोशिश की थी.

निराश होकर पिता ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था. अपर सत्र न्यायाधीश (रेप केस एवं पॉक्सो एक्ट) चित्रकूट ने 12 अक्टूबर 2020 को तत्कालीन थानाध्यक्ष बहिलपुरवा पंकज पांडेय को रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था. इसके बाद आरोपी सोनू, लवकुश, लालमन समेत 3 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गयी थी.

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चित्रकूट: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहिलपुरवा थाना क्षेत्र में नाबालिक किशोरी की गैंगरेप और हत्या के मामले में CBCID पुलिस को 17 जनवरी तक प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का समय दिया था. मंगलवार को CBCID पुलिस ने पूछताछ करने के बाद तीन आरोपियों को जेल भेज दिया.

बहिलपुरवा थाना क्षेत्र में नाबालिक किशोरी की गैंगरेप और हत्या के मामले में तीनों आरोपी भेजे गए जेल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के एक गांव में गैंगरेप के बाद हत्या करने और फिर किशोरी की लाश को पेड़ से लटकाने के मामले में लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सीबीसीआईडी जांच करने और उसकी प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. सरकारी अधिवक्ता मोहम्मद शोएब ने सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट के लिए लखनऊ भेजा था.

चित्रकूट में गैंगरेप के बाद हत्या मामले की जांच में किशोरी के कपड़े में सीमेन की पुष्टि हुई थी. कोर्ट ने 17 जनवरी तक प्रगति रिपोर्ट पेश करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया था. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान तथा न्यायमूर्ति एस विद्यार्थी की खंडपीठ ने शिव विजय की याचिका पर दिया था.

मामला चित्रकूट जिले के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के एक गांव का है. यहां रहने वाली 17 साल की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी. मृतका के पिता ने इस मामले में याचिका दाखिल की थी. इसमें कहा गया था कि घटना 22/23 अगस्त 2020 की रात की है. उसकी नाबालिग लड़की की हत्या कर शव को सहजन के पेड़ में लटकाया गया था, ताकि आत्महत्या का रूप दिया जा सके.

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याची की तहरीर को तत्कालीन थानाध्यक्ष बहिलपुरवा जयशंकर सिंह ने फाड़कर फेंक दिया था. इसके बाद उनसे दबाव डालकर दूसरा प्रार्थना पत्र लिखवाया था. इसके बाद पंकज पांडेय ने थाने का चार्ज लिया था. आरोप है कि उन्होंने भी आरोपियों से मिलकर मामले को रफादफा करने करने की कोशिश की थी.

निराश होकर पिता ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था. अपर सत्र न्यायाधीश (रेप केस एवं पॉक्सो एक्ट) चित्रकूट ने 12 अक्टूबर 2020 को तत्कालीन थानाध्यक्ष बहिलपुरवा पंकज पांडेय को रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था. इसके बाद आरोपी सोनू, लवकुश, लालमन समेत 3 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गयी थी.

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