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जिला कारागार में रेप के आरोपी शिक्षक ने लगाई फांसी - चित्रकूट जिला कारागार

जिला कारागार में रेप के आरोप में बंद एक कैदी शिक्षक ने शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मामले में मृतक के परिजनों ने कारागार प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा कि मृतक जिला कारागार के उत्पीड़न के कारण आत्महत्या करने पर विवश हुआ है.

जिला कारागार में आत्महत्या.
जिला कारागार में आत्महत्या.
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Published : Mar 12, 2021, 9:52 PM IST

चित्रकूटः जिला कारागार में रेप के आरोप में बंद एक कैदी शिक्षक ने शौचालय में फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया है. परिजनों ने जिला कारागार प्रशासन पर मृतक कैदी के साथ उत्पीड़न करने के दबाव के चलते आत्महत्या करने का गंभीर आरोप लगाया है. आपको बता दें कि परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि मृतक कैदी संतोष शुक्ला संस्कृत विद्यालय में एक शिक्षक थे. जो 27 दिसंबर 2020 को रेप के आरोप में जिला कारागार रगौली में बंद थे.

इसके बाद कई बार उनसे जेल में मुलाकात की थी. तब वह बिल्कुल ठीक थे, लेकिन जेल प्रशासन उनसे मुलाकात करने की एवज में 1500 रुपये की मांग करते थे. इससे वह कुछ महीनों से पैसे के अभाव में मुलाकात नहीं कर पा रहे थे. आरोप है कि इसके चलते जेल प्रशासन मृतक कैदी पर कई प्रकार के मानसिक उत्पीड़न कर, उसको आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया गया होगा. इससे उन्होंने यह कदम उठाया है.

घटना के बाद जेल प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने उनको मरने की सूचना भी नहीं दी है. उन्हें मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली है. इससे वह इस मौत को संदिग्ध मान रहे हैं. इसलिए वह मांग करते हैं कि इस घटना की उचित जांच कराई जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए.

चित्रकूटः जिला कारागार में रेप के आरोप में बंद एक कैदी शिक्षक ने शौचालय में फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया है. परिजनों ने जिला कारागार प्रशासन पर मृतक कैदी के साथ उत्पीड़न करने के दबाव के चलते आत्महत्या करने का गंभीर आरोप लगाया है. आपको बता दें कि परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि मृतक कैदी संतोष शुक्ला संस्कृत विद्यालय में एक शिक्षक थे. जो 27 दिसंबर 2020 को रेप के आरोप में जिला कारागार रगौली में बंद थे.

इसके बाद कई बार उनसे जेल में मुलाकात की थी. तब वह बिल्कुल ठीक थे, लेकिन जेल प्रशासन उनसे मुलाकात करने की एवज में 1500 रुपये की मांग करते थे. इससे वह कुछ महीनों से पैसे के अभाव में मुलाकात नहीं कर पा रहे थे. आरोप है कि इसके चलते जेल प्रशासन मृतक कैदी पर कई प्रकार के मानसिक उत्पीड़न कर, उसको आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया गया होगा. इससे उन्होंने यह कदम उठाया है.

घटना के बाद जेल प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने उनको मरने की सूचना भी नहीं दी है. उन्हें मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली है. इससे वह इस मौत को संदिग्ध मान रहे हैं. इसलिए वह मांग करते हैं कि इस घटना की उचित जांच कराई जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए.

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