चित्रकूट: प्रधानमंत्री मोदी के नौ रत्नों में से एक तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने बुधवार को अपने उत्तराधिकारी का पटाभिषेक किया. एक विशाल कार्यक्रम में अपने प्रिय शिष्य जय मिश्रा को उन्होंने अपना उत्तराधिकार सौंप दिया. जय मिश्रा को रामचंद्र दास के रूप में जाना जाएगा. देश के तमाम बड़े साधु-संतों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. योग गुरु स्वामी बाबा रामदेव भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी इस कार्यक्रम में आने का कार्यक्रम था, लेकिन पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के आकस्मिक निधन के बाद मुख्यमंत्री ने चित्रकूट का दौरा रद्द कर दिया.
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गृहस्थ जीवन को छोड़कर संत या सन्यासी बनने की डगर बहुत ही कठिन होती है. संत हमेशा समाज को संगत और शांति का मार्ग दिखाते हैं. रामदास भी जगतगुरु के दिखाए रास्ते और उनसे मिले ज्ञान के सहारे दुनिया को राह दिखाएंगे.
-हनुमान बाबा, ग्वालियर वाले
मैं 1992 से तुलसी पीठ पहुंचकर महाराज रामभद्राचार्य से लगातार आशीर्वाद लेता रहा हूं. जगदगुरू रामभद्राचार्य जी ने अपना उत्तराधिकारी बनाकर जय मिश्रा के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी दे दी है. हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि जगतगुरु का लिया गया निर्णय बहुत सही है. रामदास जी अब जगदगुरू रामभद्राचार्य के नक्शे कदम पर चल कर दुनिया में सेवा करेंगे और महान पुरुष कहलाएंगे.
-हरिनारायण, श्रद्धालुयोग गुरु स्वामी रामदेव समेत तमाम बड़े साधु संतों की मौजूदगी में हुआ कार्यक्रम.