चित्रकूट: जिले के मानिकपुर तहसील में एक और दो रुपये के सिक्कों का प्रचलन बन्द होने के बाद ईटीवी भारत ने 8 मई को खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद खबर को संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन ने पूरे कस्बे में लाउडस्पीकर के जरिये सूचना दी है कि अगर कोई व्यापारी एक या दो के सिक्के लेने से इंकार करता है तो उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा के अपमान की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 7 से 12 साल की सजा का प्रावधान या 20 हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों ही हो सकता है.
सिक्के न लेने वाले अब जाएंगे जेल
- चित्रकूट की तहसील मानिकपुर में पिछले कुछ महीनों से एक और दो के सिक्कों का प्रचलन बन्द हो गया था, जिसके चलते कई गरीब और छोटे व्यापारी काफी परेशान थे.
- सिक्कों का प्रचलन बन्द होने से कई लोगों के घरों में सिक्कों का ढेर सा लग गया है.
- पिछले 8 मई को ईटीवी भारत ने सिक्कों को लेकर खबरें प्रकाशित की थी, जिसके बाद खबर को संज्ञान में लेकर उपजिलाधिकारी ने 15 मई को एक बैठक कर आदेश जारी किया है कि जो भी व्यापारी इन सिक्कों को लेने से मना करेगा, उसके खिलाफ भारतीय मुद्राओं के बहिष्कार की धारा के तहत 7 से 12 वर्ष की सजा या 20 हजार रुपया जुर्माना या फिर दोनों हो सकते है.
- वहीं सिक्के चलने से लोगों के साथ ही दुकानदारों के चेहरे भी खिल उठे हैं.
हम गरीबों को इससे बहुत फायदा हुआ है. इससे जहां 20 रुपये लगते थे, अब 5 रुपये में काम हो जाएगा.
-आरती देवी, ग्राहक
अब एक और दो के सिक्के चलने लगे हैं. ईटीवी भारत ने इसको लेकर हमारी समस्याओं का प्रमुखता से प्रकाशन किया था, जिसके बाद अब सिक्के चलने लगें हैं. इसके लिए ईटीवी भारत का बहुत-बहुत धन्यवाद.
-सुनील अग्रहरि, ग्राहक
15 मई को उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें तहसीलदार और मै स्वयं उपस्थित था. गरीब जनता से एक और दो रुपये के सिक्के नहीं लिए जाते और न ही उनको सामान दिया जाता था. यह भारतीय मुद्रा का बहिष्कार है. सिक्के न लेने वालों पर 7 से 12 वर्ष की जेल या 20 हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों हो सकती है.
-रामाशीष वर्मा, अधिशाषी अधिकारी, मानिकपुर