चित्रकूटः शासन की मंशानुसार परिषदीय विद्यालयों को भौतिक संसाधनों से लैश किया जाएगा, जिससे छात्र-छात्राओं को अच्छी सुविधा मिल सके. इसके तहत छात्रों के बैठने, पढ़ने, खेलने से लेकर शारीरिक क्रियाओं को ध्यान में रखकर निर्माण किया जाएगा. कायाकल्प का कार्य तीन चरणों में किया जाएगा. शासन ने जिले के 335 ग्राम सभा के 1434 विद्यालयों की कायाकल्प की डेडलाइन 31 मार्च 2020 तय की है.
चित्रकूट में यूनिसेफ ने गुरुवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें पंचायती राज के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ शिक्षा विभाग और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग भी शामिल रहा. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य चित्रकूट में परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प करना है. इसमें परिषदीय विद्यालयों में पांच सितारा सुविधाओं से विद्यालयों को लैश किया जाना है.
इसमें सुरक्षित बुनियादी ढांचा, उपयुक्त कक्षा, हाइजेनिक शौचालय, सुरक्षित पेयजल आपूर्ति प्रणाली, दिव्यांगों के लिए आसान पहुंच के साधन, स्वच्छ और हरा-भरा परिवेश बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को ध्यान में रखते हुए खाने-पीने की चीजों पर भी ध्यान दिया गया है.
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बच्चों में सुलभ भोजन एवं सुरक्षित पेयजल की दैनिक व्यवस्था, हाथ धुलाई एवं शौचालय के उपयोग हेतु पर्याप्त पानी की व्यवस्था, भोजन पकाने एवं विद्यालय की साफ-सफाई हेतु पानी की व्यवस्था की जाएगी. वहीं स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए शौच के लिए भी कायाकल्प योजना के तहत कार्य किया जाना है.
बालक और बालिकाओं के लिए अलग शौचालय
बालक और बालिकाओं के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था, बालिकाओं के माहवारी प्रबंधन की व्यवस्था, परिषदीय विद्यालयों में शासन के आदेशानुसार तीन चरणों में कार्य किया जाना तय किया गया है. पहले चरण में सभी ग्राम विकास अधिकारियों को अपने कार्यक्षेत्र के एक विद्यालय को 26 जनवरी 2020 तक पूरा करना है.
31 मार्च 2020 है डेडलाइन
दूसरे चरण में ग्राम विकास अधिकारी को प्रत्येक ग्राम सभा के एक विद्यालय का कायाकल्प 28 फरवरी 2020 तक करना है. तीसरे चरण और अंतिम चरण में 335 ग्राम सभा के 1434 विद्यालयों का कायाकल्प 31 मार्च 2020 तक किया जाना है.