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चित्रकूट में यूरिया की किल्लत, सहकारी केंद्रों पर लगीं लंबी कतारें - सहकारी केंद्रों पर लगीं खाद के लिए लंबी कतारें

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में किसानों को यूरिया खाद के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. खाद की किल्लत होने के कारण सहकारी समितियों के लैंप और क्रय-विक्रय समिति के केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं.

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खाद के लिए लगी भीड़
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Published : Aug 25, 2020, 10:01 PM IST

चित्रकूट: जिले में बभनी लैम्पस पर किसानों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं, जहां जरुरतमंद किसान खाद के लिए सैकड़ों की संख्या में रोजाना एकत्रित हो रहे हैं. सहकारी समिति के केंद्रों पर भीड़ होने के कारण पुलिस की भी तैनाती की गई है.

कोरोना महामारी के चलते केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बनाये गए सोशल डिस्टेंसिंग के प्रोटोकाल का भी पालन नहीं हो रहा है. इन अव्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर अपनी चिंता जताई है, लेकिन अधिकारियों की नजर में यह कोई बड़ी समस्या नहीं है.

लाइन में लग रही महिला किसान
खाद के लिए महिलाएं भी इन लंबी लाइनों में खड़ी हो रही है. सरकार के लाख दावों के बाद भी यूरिया खाद की भारी कमी से जिला जूझ रहा है. जिला मुख्यालय कर्वी में यूरिया खाद के लिए मंडी परिसर में किसानों की लंबी लाइनें लग रही है. यूरिया खाद की किल्लत जिले में अभी दूर नहीं की जा सकती है. प्रशासन बार-बार दावे कर रहा है की जिले में यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है.

नहीं मिल रही खाद
किसानों का दावा है कि वह एक हफ्ते से खाद के लिए ऐसे ही लाइन में लगती हैं और शाम को हम खाली हाथ वापस लौट जाते हैं. धान की फसल के लिए यूरिया खाद की बेहद जरूरत है, लेकिन खाद की इतनी मारामारी है कि किसानों को खाद मिल नहीं रही है.

जल्द खत्म होगी खाद की किल्लत
जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय ने बताया कि जिले में खाद तो उपलब्ध है, लेकिन यूरिया खाद में कमी आई है. लगभग 300 मैट्रिक टन यूरिया खाद जिले में आई है. नवीन गल्ला मंडी पीसीएफ केंद्र में वितरित की जा रही है. मंगलवार शाम तक लगभग 1000 हजार मैट्रिक टन और यूरिया आ जाएगी. जल्द ही यूरिया खाद की किल्लत खत्म हो जाएगी.

चित्रकूट: जिले में बभनी लैम्पस पर किसानों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं, जहां जरुरतमंद किसान खाद के लिए सैकड़ों की संख्या में रोजाना एकत्रित हो रहे हैं. सहकारी समिति के केंद्रों पर भीड़ होने के कारण पुलिस की भी तैनाती की गई है.

कोरोना महामारी के चलते केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बनाये गए सोशल डिस्टेंसिंग के प्रोटोकाल का भी पालन नहीं हो रहा है. इन अव्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर अपनी चिंता जताई है, लेकिन अधिकारियों की नजर में यह कोई बड़ी समस्या नहीं है.

लाइन में लग रही महिला किसान
खाद के लिए महिलाएं भी इन लंबी लाइनों में खड़ी हो रही है. सरकार के लाख दावों के बाद भी यूरिया खाद की भारी कमी से जिला जूझ रहा है. जिला मुख्यालय कर्वी में यूरिया खाद के लिए मंडी परिसर में किसानों की लंबी लाइनें लग रही है. यूरिया खाद की किल्लत जिले में अभी दूर नहीं की जा सकती है. प्रशासन बार-बार दावे कर रहा है की जिले में यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है.

नहीं मिल रही खाद
किसानों का दावा है कि वह एक हफ्ते से खाद के लिए ऐसे ही लाइन में लगती हैं और शाम को हम खाली हाथ वापस लौट जाते हैं. धान की फसल के लिए यूरिया खाद की बेहद जरूरत है, लेकिन खाद की इतनी मारामारी है कि किसानों को खाद मिल नहीं रही है.

जल्द खत्म होगी खाद की किल्लत
जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय ने बताया कि जिले में खाद तो उपलब्ध है, लेकिन यूरिया खाद में कमी आई है. लगभग 300 मैट्रिक टन यूरिया खाद जिले में आई है. नवीन गल्ला मंडी पीसीएफ केंद्र में वितरित की जा रही है. मंगलवार शाम तक लगभग 1000 हजार मैट्रिक टन और यूरिया आ जाएगी. जल्द ही यूरिया खाद की किल्लत खत्म हो जाएगी.

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