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गेहूं क्रय केंद्र में दिखा कोरोना वायरस का असर, गेहूं लेकर नहीं आये किसान

चित्रकूट में गेहूं की खरीद करने के लिए सरकार ने 38 गेहूं क्रय केंद्र खोले हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण किसानों की फसल खेतों में पककर खड़ी है, जिस कारण किसान फसल नहीं काट पा रहे हैं. इस कारण वह गेहूंं को क्रय केंद्र नहीं ला पा रहे हैं.

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किसान फसल लेकर नहीं पहुंचे गेहूं क्रय केंद्र
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Published : Apr 19, 2020, 10:56 AM IST

चित्रकूट : जिले में किसानों के फसलों की खरीद-फरोख्त करने के लिए सरकार की तरफ से 38 गेहूं क्रय केंद्र खोले गए हैं. इन केंद्रों में सभी आने वाले किसानों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर साफ सफाई की पूरी व्यवस्था की गई है. पर लॉकडाउन से प्रभावित किसानों की फसलों को गेहूं क्रय केंद्र तक आने में देरी हो रही है. वही सरकार ने गेंहू का समर्थन मूल्य 1,925 प्रति क्विंटल निर्धारित किया है.

गेहूं क्रय केंद्रों में की गई व्यवस्था

इसके लिए प्रशासन ने जिले भर में 38 गेहूं क्रय केंद्र खोले हैं और इसमें सरकार ने निर्धारित समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. इसमें कोरोना वायरस को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव के सारे इंतजाम क्रय केंद्र में किए गए हैं. क्रय केंद्र के अधिकारियों ने दीवारों पर स्लोगन और स्टिकर के माध्यम से मुंह बांधकर रखने और हाथ साफ करने की हिदायत लिखी गई है. वही सोशल डिस्टेंसिंग व्यवस्थित करने के लिए एक-एक मीटर के दायरे में गोले बनाये गए हैं.

किसान 2 या 4 दिनों में आएंगे फसल बेचने

क्रय केंद्र अधिकारी अमित राज का कहना है कि गेहूं क्रय केंद्र 15 अप्रैल से संचालित कर दिया गया है. हालांकि अभी किसानों की फसलें उनके घरों तक नहीं पहुंची है, जिसके चलते वह अभी के केंद्र तक नहीं आ पा रहे है. जल्द ही दो या 4 दिन के अंदर यहां पर पर्याप्त किसान आकर अपनी फैसले सरकार के निर्धारित समर्थन मूल्य के अनुसार बेचेंगे.

किसानों ने ऑनलाइन कराया रजिस्ट्रेशन

अधिकारी अमित राज ने बताया कि ज्यादातर किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लिए है और कई किसानों ने गेहूं क्रय केंद्र में आकर टोकन भी ले लिए है, अब जबकि टोकन ले लिया है तो किसान अपनी सुविधानुसार गेहूं क्रय केंद्र में फसलें लाकर बेचेंगे. बेची गई फसलों की धनराशि विभाग उनके अकाउंट में 72 घंटे के अंदर ट्रांसफर भी कर देंगे.

चित्रकूट : जिले में किसानों के फसलों की खरीद-फरोख्त करने के लिए सरकार की तरफ से 38 गेहूं क्रय केंद्र खोले गए हैं. इन केंद्रों में सभी आने वाले किसानों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर साफ सफाई की पूरी व्यवस्था की गई है. पर लॉकडाउन से प्रभावित किसानों की फसलों को गेहूं क्रय केंद्र तक आने में देरी हो रही है. वही सरकार ने गेंहू का समर्थन मूल्य 1,925 प्रति क्विंटल निर्धारित किया है.

गेहूं क्रय केंद्रों में की गई व्यवस्था

इसके लिए प्रशासन ने जिले भर में 38 गेहूं क्रय केंद्र खोले हैं और इसमें सरकार ने निर्धारित समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. इसमें कोरोना वायरस को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव के सारे इंतजाम क्रय केंद्र में किए गए हैं. क्रय केंद्र के अधिकारियों ने दीवारों पर स्लोगन और स्टिकर के माध्यम से मुंह बांधकर रखने और हाथ साफ करने की हिदायत लिखी गई है. वही सोशल डिस्टेंसिंग व्यवस्थित करने के लिए एक-एक मीटर के दायरे में गोले बनाये गए हैं.

किसान 2 या 4 दिनों में आएंगे फसल बेचने

क्रय केंद्र अधिकारी अमित राज का कहना है कि गेहूं क्रय केंद्र 15 अप्रैल से संचालित कर दिया गया है. हालांकि अभी किसानों की फसलें उनके घरों तक नहीं पहुंची है, जिसके चलते वह अभी के केंद्र तक नहीं आ पा रहे है. जल्द ही दो या 4 दिन के अंदर यहां पर पर्याप्त किसान आकर अपनी फैसले सरकार के निर्धारित समर्थन मूल्य के अनुसार बेचेंगे.

किसानों ने ऑनलाइन कराया रजिस्ट्रेशन

अधिकारी अमित राज ने बताया कि ज्यादातर किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लिए है और कई किसानों ने गेहूं क्रय केंद्र में आकर टोकन भी ले लिए है, अब जबकि टोकन ले लिया है तो किसान अपनी सुविधानुसार गेहूं क्रय केंद्र में फसलें लाकर बेचेंगे. बेची गई फसलों की धनराशि विभाग उनके अकाउंट में 72 घंटे के अंदर ट्रांसफर भी कर देंगे.

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