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चित्रकूट: मौसम की मार से किसान परेशान, भारी ओलावृष्टी से फसल बर्बाद

चित्रकूट जिले के मानिकपुर मऊ तहसील क्षेत्र में हुई ओलावृष्टी से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. इस भयंकर ओलावृष्टी ने जिले के कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया.

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मौसम की मार से किसान परेशान
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Published : Jan 10, 2020, 10:32 AM IST

चित्रकूट: जिले के मानिकपुर मऊ तहसील क्षेत्र में ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों में पानी फेर दिया है. इस ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों की गेहूं, चना, सरसों, अरहर, मसूर की फसलें बरबाद हो गई हैं. मानिकपुर क्षेत्र के घाटी ऊपर पाठा में, मारकुंडी से लेकर हल्दी ढाणी ओलावृष्टि से प्रभावित है. वहीं मऊ रामनगर ब्लाक क्षेत्र में भी रामनगर से लेकर रोली समेत कई गांव के किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं.

मौसम की मार से किसान परेशान.

किसानों कहना है कि कर्ज लेकर खेत बोवाई की थी, आशा थी कि इस बार कर्ज वापस हो सकेगा. लगभग 35 बीघे सरसों की फसल बर्बाद होने का दुख किसानों में साफ देखने को मिल रहा है. उनका कहना है कि इस बार अपनी बच्ची का हाथ पीला करना था, पर शायद ईश्वर को मंजूर नहीं था.

ओलावृष्टी से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है, उसी का आंकलन किया जा रहा है . यहां पर सरसों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. अकड़ों के मुताबिक यहां पर 50 से 60 प्रतिशत सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है.

-राजकुमार वर्मा, राजस्व लेखपाल

लेखपालों को भेजकर फसलों के सर्वेक्षण एवं आकलन के लिए लगाया गया है. जहां जैसा नुकसान होगा उसी के हिसाब से पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

- संगम लाल गुप्ता , उपजिलाधिकारी

चित्रकूट: जिले के मानिकपुर मऊ तहसील क्षेत्र में ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों में पानी फेर दिया है. इस ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों की गेहूं, चना, सरसों, अरहर, मसूर की फसलें बरबाद हो गई हैं. मानिकपुर क्षेत्र के घाटी ऊपर पाठा में, मारकुंडी से लेकर हल्दी ढाणी ओलावृष्टि से प्रभावित है. वहीं मऊ रामनगर ब्लाक क्षेत्र में भी रामनगर से लेकर रोली समेत कई गांव के किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं.

मौसम की मार से किसान परेशान.

किसानों कहना है कि कर्ज लेकर खेत बोवाई की थी, आशा थी कि इस बार कर्ज वापस हो सकेगा. लगभग 35 बीघे सरसों की फसल बर्बाद होने का दुख किसानों में साफ देखने को मिल रहा है. उनका कहना है कि इस बार अपनी बच्ची का हाथ पीला करना था, पर शायद ईश्वर को मंजूर नहीं था.

ओलावृष्टी से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है, उसी का आंकलन किया जा रहा है . यहां पर सरसों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. अकड़ों के मुताबिक यहां पर 50 से 60 प्रतिशत सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है.

-राजकुमार वर्मा, राजस्व लेखपाल

लेखपालों को भेजकर फसलों के सर्वेक्षण एवं आकलन के लिए लगाया गया है. जहां जैसा नुकसान होगा उसी के हिसाब से पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

- संगम लाल गुप्ता , उपजिलाधिकारी

Intro:प्रकृति ने एक बार फिर चित्रकूट जिले के किसानों की कमर तोड़ कर रख दिया है। जिले के मानिकपुर मऊ तहसील क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि ने किसानों की पूरी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। किसानों की गेहूं चना सरसों जैसी रवि की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है ।जिले के किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हैं। किसानों कहना है कि कर्ज लेकर खेत बोवाई की थी ।आशा थी इस बार कर्ज वापस हो सकेगा ।लगभग 35 बीघे में सरसों फसल बर्बाद होने के बाद किसान का कहना है कि इस बार अपनी बच्ची का हाथ पीला करना था पर शायद ईश्वर को मंजूर नहीं था। ओलावृष्टि ने सारे सपने चकनाचूर कर दिए जिला प्रशासन से किसानों की फसलों को हुए नुकसान का आकलन करना चालू कर दिया है। मौके पर पहुंचे लेखपाल ने बताया कि 50 से 60% किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। 1-बाइट-बरसाती लाल (किसान) 2-बाइट-सुखेन्द्र लाल दुवेदी(किसान) 3-बाइट-बरसाती लाल (किसान) 4-बाइट-राजकुमार वर्मा( राजस्व लेखपाल) 5-बाइट-संगम लाल गुप्ता (उपजिलाधिकारी)


Body:जिले के मानिकपुर मऊ तहसील क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि ने किसानों की पूरी पूरी उम्मीदों में पानी फेर दिया है किसानों की गेहूं, चना ,सरसों ,अरहर मसूर की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मानिकपुर क्षेत्र के घाटी के नीचे सरेया गढ़ चपा ,हनुमा ,कोबरा तलैया, समेत दर्जनों गांव ओलावृष्टि की चपेट में आए हैं । किसान खून के आंसू रोने को मजबूर घाटी ऊपर पाठा में मारकुंडी से लेकर हल्दी ढाणी ओलावृष्टि से प्रभावित है तो मऊ रामनगर ब्लाक क्षेत्र में भी रामनगर से लेकर रोली समेत कई दर्जन गांव के किसान प्रकृति की तुषाराघात का शिकार हुए हैं। किसानों ने जिला प्रशासन से सर्वे कर नुकसान की भरपाई करने की मांग की है ।प्रकृति की मार से पीड़ित किसान एक बार फिर उम्मीदभरी निगाहों से सरकार की तरफ देखने को मजबूर है। हालांकि जिलाप्रशासन के आदेश के बाद राजस्व की टीम मौके पर पहुच कर फसलों के नुकसान का आकलन कर रही है पाठा के मारकुंडी अमचूरनेरवा,किहुनिया में सर्वे करने पहुचे लेख पाल ने बताया कि यहाँ पर फसलों को काफी नुकसान पहुचा है यहाँ पर सरसों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है।अकड़ा है कि यहाँ पर 50 से 60 प्रतिशत सरसो की फसल को नुकसान पहुचा है। उपजिलाधिकारी मानिकपुर संगम लाल गुप्ता ने बताया कि फसलों के सर्वेक्षण एवं आकलन के लिए लगाया गया है। जहां जैसा नुकसान होगा उसी के हिसाब से पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।


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