चित्रकूट: जिले में किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. जनपद के किसानों का कहना है कि इस योजना का लाभ पाने के लिए पिछले 5 से 6 महीने सुबह से शाम तक कृषि भवन में लाइन में लगकर हम लोग खड़े रहते हैं पर अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. वहीं कृषि अधिकारी का कहना है कि तकनीकी खामियों के चलते कुछ किसानों को प्रधानमंत्री किसान निधि का लाभ नहीं मिल सका है. जल्द ही हम बचे हुए किसानों को चिह्नित कर उन्हें इस योजना का लाभ पहुंचाएंगे.
लगातार बैंक और कृषि भवन का चक्कर काट रहे किसान
जिले के किसानों का कहना है कि इस योजना का लाभ पाने के लिए पिछले 5 से 6 माह सुबह आकर कृषि भवन में लाइन में लगकर अपनी शाम कर देते हैं, पर अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. दशकों से सूखे की मार और प्रकृति आपदा की मार झेल रहे बुंदेलखंड के किसान गरीबी और भुखमरी की कगार पर हैं. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से बनी कुछ उम्मीदों के चलते किसान लगातार बैंक और कृषि भवन का चक्कर काट रहे हैं. जहां महीनों बाद भी इनकी उम्मीदों के बादल नहीं बरसे और अब उनकी उम्मीदों का दिया बुझने की कगार में है. अब तो यह किसान भी बोलने लगे हैं कि जब पैसा नहीं देना था तो हम जैसे गरीब किसानों को आखिर लाइन में क्यों खड़ा कर रखा है.
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वहीं कई ऐसे किसान हैं कि जिन्होंने एनपीए खाते फीड करवा दिए थे. इन खातों में किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं हो रहा था और इन बैंक खातों को एनपीए करके बैंक लेन-देन बन्द कर चुका है, जिसके चलते उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पाया है.
जिले में कुल 187366 किसान हैं, जिनमें अभी तक 123000 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि लाभ दिया जा चुका है. वहीं पर 40 से 45 हजार किसान ऐसे बच्चे हुए हैं, जो तकनीकी समस्याओं के चलते अभी उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं पहुंच पाया है. कई बार बैंक के नाम बदलने से भी बहुत सारी दिक्कतें आई थीं, क्योंकि बैंक का नाम बदलने के साथ ही उसके आईएफएससी कोड भी बदल जाते हैं.
-टीपी शाही, उपनिदेशक कृषि, चित्रकूट