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चित्रकूट के रामघाट पर 11 हजार गोमय दीपक जलाकर मनाई गई देव दीपावली

मंदाकिनी नदी के रामघाट पर बड़े ही धूमधाम से 11 हजार गोमय दीप प्रज्वलित कर मनाया गया. देव दीपावली, दिवाली के 15 दिनों बाद मनाया जाने वाला त्योहार है, जिसमें साधु-संतों द्वारा दीप प्रज्वलित किए जाते हैं.

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Published : Nov 27, 2020, 12:59 PM IST

देव दीपावली पर बनाई गई रंगोली.
देव दीपावली पर बनाई गई रंगोली.

चित्रकूट: धर्म नगरी चित्रकूट में देवोत्थान एकादशी का वार्षिक उत्सव मंदाकिनी नदी के रामघाट पर बड़े ही धूमधाम से 11 हजार गोमय दीप प्रज्वलित कर मनाया गया. इसमें प्रधानमंत्री के नवरत्नों में शामिल रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रामभद्राचार्य ने दीप प्रज्वलित कर मंदाकिनी गंगा की आरती और भजन प्रवचन किया. इस कार्यक्रम में भक्तों के साथ कई साधु-संतों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया.

रामघाट पर मना देव दीपावली
देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा को मनाए जाने वाला त्योहार है, यह उत्तर प्रदेश के धर्मनगरी कहे जाने वाले जिला चित्रकूट में भी बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. देव दीपावली, दिवाली के 15 दिनों बाद मनाया जाता है, जिसमें साधु-संतों द्वारा दीप प्रज्वलित किए जाते हैं. माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देवता दीपावली मनाते हैं. इस दिन देवताओं का काशी में प्रवेश हुआ था. मान्यता है कि तीनों लोकों में त्रिपुरासुर राक्षस का राज चलता था, तब देवतागणों ने भगवान शिव के समक्ष त्रिपुरासुर राक्षस से उद्धार की विनती की और भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन राक्षस का वध कर उसके अत्याचारों से सभी को मुक्त कराया. जिसके बाद वे त्रिपुरारी कहलाए थे.

तब प्रसन्न होकर देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव मनाया था. तब से कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाई जाने लगी. हर वर्ष की भांति चित्रकूट में इस वर्ष भी बड़े ही धूमधाम से देव दीपावली मनाई गई. चित्रकूट के रामघाट में 11000 गौमय (गाये के गोबर से निर्मित) दीपक जलाए गए. इसके अलावा पूरे घाट पर रंगोली बनाई गई. देव दीपावली की शाम मानों पूरा रामघाट रोशनी से नहाया गया हो.

रामघाट पहुंचे रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रामभद्राचार्य ने सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. भजन गायन कर मंदाकिनी गंगा की आरती की गई. इस दौरान लेजर शो भी दिखाया गया. रामघाट पर यह नजारा देख देव दीपावली मनाने पहुंचे भक्त मंत्रमुग्ध हो गए.

गंगा आरती के दौरान कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपाल महाराज, निर्मोही अखाड़ा के ओंकार दास, दीनदयाल दास तथा खाकी अखाड़ा के राम ह्रदय दास आदि संत महंत के साथ जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय, चित्रकूट पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल, भाजपा विधायक राठ मनीषा अनुरागी, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे, नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समग्र ग्राम प्रमुख चंद्रमोहन, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन, मंदाकिनी आरती ट्रस्ट के अश्विनी कुमार अवस्थी, विपुल प्रताप सिंह सहित कमेटी के सदस्य व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.

चित्रकूट: धर्म नगरी चित्रकूट में देवोत्थान एकादशी का वार्षिक उत्सव मंदाकिनी नदी के रामघाट पर बड़े ही धूमधाम से 11 हजार गोमय दीप प्रज्वलित कर मनाया गया. इसमें प्रधानमंत्री के नवरत्नों में शामिल रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रामभद्राचार्य ने दीप प्रज्वलित कर मंदाकिनी गंगा की आरती और भजन प्रवचन किया. इस कार्यक्रम में भक्तों के साथ कई साधु-संतों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया.

रामघाट पर मना देव दीपावली
देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा को मनाए जाने वाला त्योहार है, यह उत्तर प्रदेश के धर्मनगरी कहे जाने वाले जिला चित्रकूट में भी बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. देव दीपावली, दिवाली के 15 दिनों बाद मनाया जाता है, जिसमें साधु-संतों द्वारा दीप प्रज्वलित किए जाते हैं. माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देवता दीपावली मनाते हैं. इस दिन देवताओं का काशी में प्रवेश हुआ था. मान्यता है कि तीनों लोकों में त्रिपुरासुर राक्षस का राज चलता था, तब देवतागणों ने भगवान शिव के समक्ष त्रिपुरासुर राक्षस से उद्धार की विनती की और भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन राक्षस का वध कर उसके अत्याचारों से सभी को मुक्त कराया. जिसके बाद वे त्रिपुरारी कहलाए थे.

तब प्रसन्न होकर देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव मनाया था. तब से कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाई जाने लगी. हर वर्ष की भांति चित्रकूट में इस वर्ष भी बड़े ही धूमधाम से देव दीपावली मनाई गई. चित्रकूट के रामघाट में 11000 गौमय (गाये के गोबर से निर्मित) दीपक जलाए गए. इसके अलावा पूरे घाट पर रंगोली बनाई गई. देव दीपावली की शाम मानों पूरा रामघाट रोशनी से नहाया गया हो.

रामघाट पहुंचे रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रामभद्राचार्य ने सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. भजन गायन कर मंदाकिनी गंगा की आरती की गई. इस दौरान लेजर शो भी दिखाया गया. रामघाट पर यह नजारा देख देव दीपावली मनाने पहुंचे भक्त मंत्रमुग्ध हो गए.

गंगा आरती के दौरान कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपाल महाराज, निर्मोही अखाड़ा के ओंकार दास, दीनदयाल दास तथा खाकी अखाड़ा के राम ह्रदय दास आदि संत महंत के साथ जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय, चित्रकूट पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल, भाजपा विधायक राठ मनीषा अनुरागी, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे, नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समग्र ग्राम प्रमुख चंद्रमोहन, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन, मंदाकिनी आरती ट्रस्ट के अश्विनी कुमार अवस्थी, विपुल प्रताप सिंह सहित कमेटी के सदस्य व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.

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