चित्रकूट: एनकाउंटर में मारे गए इनामी डकैत गौरी यादव का पुलिस ने रात में ही कर्वी के मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार करवा दिया. पुलिस अधिकारियों ने गौरी यादव का शव उसकी मां को नहीं सौंपा. गौरी की बेवा और उसकी मां उसका अंतिम संस्कार अपने गांव बिलहरी में करना चाहती थीं. इसके लिए उन्होंने प्रार्थना पत्र भी दिया था.
डकैत गौरी यादव के पोस्टमार्टम के बाद शनिवार देर रात को पुलिस टीम मंदाकिनी किनारे घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंची. रात होने के कारण परिजनों ने रविवार सुबह अंतिम संस्कार करने की बात कही, लेकिन पुलिस ने उनकी बात नहीं मानी और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उसका अंतिम संस्कार करा दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी नहीं मिली है.
यह भी पढ़ें: अयोध्या में फंदे पर लटकता मिला महिला बैंककर्मी का शव, सुसाइड नोट में पुलिस अधिकारी सहित तीन के नाम
मां रजनी देवी चाहती थी कि गौरी यादव का अंतिम संस्कार वह खुद अपने गांव बिलहरी ले जाकर करें. इसके लिए उसने डीएम और एसपी को पत्र लिखकर यह मांग की थी कि वह गौरी यादव के शव को उसे सौंप दें. रजनी देवी घंटों डीएम और एसपी दफ्तर के चक्कर काटती रही, लेकिन अधिकारी उसे पूरे दिन टरकाते रहे, लेकिन उसका प्रार्थना पत्र तक स्वीकार नहीं किया गया.
एसपी ऑफिस से कहा गया कि इस एप्लीकेशन को कोतवाली ले जाकर दे दीजिए. रजनी देवी को डर है कि कहीं पुलिस उसके साथ ज्यादती न करें. क्योंकि रजनी देवी अब 60 साल से ज्यादा की हो चुकी है. उसका एक ही बेटा था. उसके पति की पहले ही मौत हो चुकी है.