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चित्रकूट: नियमों को ताख पर रखकर चल रहे परिषदीय विद्यालय, प्रशासन बेखबर

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में सरकार के दावों के उलट परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा सभी नियमों को ताख में रखकर विद्यालय संचालित किया जा रहा है. ऐसे में शिक्षा का स्तर कितना बेहतर होगा यह शिक्षकों की कार्य प्रणाली से समझा जा सकता है.

गंदे पानी से बर्तन धुलते बच्चे.
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Published : Sep 20, 2019, 7:23 AM IST

चित्रकूट: जिले में सरकार के दावों के उलट शिक्षा विभाग की कार्यशैली दिखाई दे रही है. जिले के चूल्ही विद्यालय में मिड डे मील के मीनू को ताख पर रखकर हल्दी और नमक के पानी में आलू और कुछ सोयाबीन की बरी उबालकर छात्रों को परोसी जाती है तो दूसरी ओर सरहट विद्यालय में पानी की किल्लत के चलते छात्रों को बारिश के भरे गंदे पानी से ही बर्तन धोना पड़ता है.

परिषदीय विद्यालयों में हो रही लापरवाही.

मिड डे मील में हो रही धांधली-

  • विद्यालय में मिड डे मील के निर्धारित मीनू के विपरीत भोजन बनाया गया.
  • मीनू के अनुसार विद्यालय में रोटी सब्जी बनायी जानी थी.
  • कई विद्यालयों में छात्रों को रोटी की जगह चावल दिए जाते हैं.
  • विद्यालय में सब्जी के नाम पर हल्दी के पानी में नमक मिलाकर आलू और सोयाबीन को उबालकर दे दिया जाता है.
  • मीनू के अनुसार छात्रों को सब्जी की जगह दाल परोसनी थी.

अध्यापक रहे नदारद-

  • कम्पोजिट विद्यालय चूल्ही में पांच अध्यापकों की नियुक्तियां विभाग द्वारा की गई थी.
  • सरकार द्वारा संचालित प्रेरणा ऐप का अध्यापकों ने पुरजोर तरीके से विरोध किया.
  • चूल्ही के कम्पोजिट विद्यालय में मौके पर सिर्फ दो ही अध्यापक नजर आए.
  • एक अध्यापक विद्यालय के पीछे के रूम में बच्चों की क्लास में सोते नजर आए.
  • विद्यालय में मौजूद बच्चों ने अध्यापक को जगाया.

    इसे भी पढे़ं- प्रयागराज: बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम

मैंने सरहट विद्यालय के हेडमास्टर विनय त्रिपाठी से बात की है. उन्होंने बताया कि कम वोल्टेज के कारण सबमर्सिबल नहीं चल रहा था. समस्या के निवारण हेतु हेडमास्टर विनय ने मिस्त्री को बुलाया है. जल्द ही पानी की समस्या दूर हो जाएगी.
-प्रमोद गुप्ता, खण्ड शिक्षा अधिकारी

चित्रकूट: जिले में सरकार के दावों के उलट शिक्षा विभाग की कार्यशैली दिखाई दे रही है. जिले के चूल्ही विद्यालय में मिड डे मील के मीनू को ताख पर रखकर हल्दी और नमक के पानी में आलू और कुछ सोयाबीन की बरी उबालकर छात्रों को परोसी जाती है तो दूसरी ओर सरहट विद्यालय में पानी की किल्लत के चलते छात्रों को बारिश के भरे गंदे पानी से ही बर्तन धोना पड़ता है.

परिषदीय विद्यालयों में हो रही लापरवाही.

मिड डे मील में हो रही धांधली-

  • विद्यालय में मिड डे मील के निर्धारित मीनू के विपरीत भोजन बनाया गया.
  • मीनू के अनुसार विद्यालय में रोटी सब्जी बनायी जानी थी.
  • कई विद्यालयों में छात्रों को रोटी की जगह चावल दिए जाते हैं.
  • विद्यालय में सब्जी के नाम पर हल्दी के पानी में नमक मिलाकर आलू और सोयाबीन को उबालकर दे दिया जाता है.
  • मीनू के अनुसार छात्रों को सब्जी की जगह दाल परोसनी थी.

अध्यापक रहे नदारद-

  • कम्पोजिट विद्यालय चूल्ही में पांच अध्यापकों की नियुक्तियां विभाग द्वारा की गई थी.
  • सरकार द्वारा संचालित प्रेरणा ऐप का अध्यापकों ने पुरजोर तरीके से विरोध किया.
  • चूल्ही के कम्पोजिट विद्यालय में मौके पर सिर्फ दो ही अध्यापक नजर आए.
  • एक अध्यापक विद्यालय के पीछे के रूम में बच्चों की क्लास में सोते नजर आए.
  • विद्यालय में मौजूद बच्चों ने अध्यापक को जगाया.

    इसे भी पढे़ं- प्रयागराज: बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम

मैंने सरहट विद्यालय के हेडमास्टर विनय त्रिपाठी से बात की है. उन्होंने बताया कि कम वोल्टेज के कारण सबमर्सिबल नहीं चल रहा था. समस्या के निवारण हेतु हेडमास्टर विनय ने मिस्त्री को बुलाया है. जल्द ही पानी की समस्या दूर हो जाएगी.
-प्रमोद गुप्ता, खण्ड शिक्षा अधिकारी

Intro: चित्रकूट में सरकार के दावों के उलट शिक्षा विभाग की कार्यशैली दिखाई दे रही हैl कहीं एमडीएम के मीनू को ताख पर रखकर हल्दी और नमक के पानी में आलू और कुछ सोयाबीन की बरी उबालकर छात्रों में परोसी जा रही है ।तो कहीं पानी की किल्लत के चलते छात्रों को बरसात के भरे गंदे पानी से ही बर्तन धोना पड़ रहा है। प्रेरणा एप्स का विरोध कर रहे शिक्षकों की जमीनी हकीकत यह है कि, शिक्षक विद्यालय से नदारत रहे। तो कहीं विद्यालय में शिक्षक सोते ही नजर आए।


Body:उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में सरकार के दावों के उलट पार्षदयी विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा सभी नियमों को ताख में रखकर विद्यालय संचालित किया जा रहा है। ऐसे में शिक्षा का स्तर कितना बेहतर होगा यह शिक्षकों की कार्य प्रणाली से साफ साफ नजर आ रहा है। विद्यालय परिसर में भरे गंदे बरसात के पानी से छात्रों को अपने भोजन करने के लिए बर्तनों को धोना पड़ रहा है, तो मिड डे मील में निर्धारित मीनू विपरीत संचालित भोजन को नहीं बनाया गया ।जबकि मीनू के अनुसार रोटी दी जानी थी । कई विद्यालयों में रोटी की जगह चावल छात्रों को दिए गए सब्जी की हकीकत यह रही कि हल्दी के पानी में नमक मिलाकर आलू और सोयाबीन को जैसे उबालकर दे दिया गया हो। जबकि इन्हें सब्जी की जगह दाल छात्रों में परोसनी थी ।वही जब कम्पोजिट विद्यालय चूल्ही की बात की जाए तब इस विद्यालय में 5 अध्यापकों की नियुक्तियां विभाग द्वारा की गई थी। सरकार द्वारा प्रेरणा एप्स भी संचालित किया गया जिसका विरोध अध्यापकों ने पुरजोर तरीके से किया था। जिसकी जमीनी हकीकत हमें चूल्ही के कम्पोजिट विद्यालय में देखने को मिली इस विद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा 5 अध्यापकों की नियुक्ति की गई है ,पर यहां पर सिर्फ दो ही अध्यापक नजर आए। जिसमें एक अध्यापक पीछे के रूम में बच्चों की क्लास में आराम से सोते नजर आए अद्यापक को बच्चों द्वारा जब उठाया गया तब बड़ी मुश्किल से वह जाग पाए ।चित्रकूट में जिस तरीके से विद्यालय संचालन किया जा रहा है।उससे यह साफ -साफ नजर आ रहा है कि प्रेरणा ऐप्स का विरोध इन अध्यापको द्वारा क्यों किया जा रहा है। जब कि चित्रकूट में कई ऐसे विद्यालय है। जिसका संचालन संविदा कर्मी अध्यापको या किराये की टीचरों से करवाया जा रहा है।
बाइट-विनय त्रिपाठी(हेडमास्टर-सरहट विद्यालय)
बाइट-नरेंद्र मिश्रा(हेडमास्टर चूल्हि विद्यालय)
बाइट-प्रमोद गुप्ता(खण्ड शिक्षा अधिकारी)


Conclusion:
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