चित्रकूट: देशभर में लॉक डाउन लागू होने के बाद आम जनता को खाने-पीने की परेशानियां होनी शुरू हो गई थी, जिसके बाद सरकार ने गरीबों की मदद के लिए उन्हें मुफ्त में राशन देने की घोषणा की थी. वहीं कोरोना संकट से जूझते हजारों लोगों का समाजसेवी संस्थाएं भी सहारा बन रही हैं.
बीहड़ के गांवों में पहुंचाई जा रही राहत सामग्री
लॉक डाउन के बाद बीहड़ के सुदूर गांवों में लकड़ी काट कर अपना जीवन यापन करते आ रहे ग्रामीणों के सामने भरण-पोषण की समस्या आकर खड़ी हो गई है, जिन्हें जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय और पुलिस अधीक्षक तमाम समाजसेवियों की मदद से खाद्य सामग्री और तौलिया वितरित करने पहुंचे. इसके बाद बाद मध्य प्रदेश की सीमा से सटे गिदुरहा ग्राम पंचायत में पहुंचकर रसद सामग्री का वितरण किया गया. साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए जागरूक किया.
भूखा न सोए कोई गरीब-डीएम
जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि मनरेगा श्रमिकों का लॉकडाउन के बाद से काम ठप है. ऐसे लोगों के जॉब कार्डों की जांच कर उनकी लिस्ट बनाकर संबंधित विभाग में पहुंचा दें और कामगारों, मजदूरों की भी लिस्ट बना दें. वहीं जिन लोगों के अभी तक राशन कार्ड नहीं बने थे, उनकी सूची बनाकर तत्काल राशन कार्ड बनाने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देशित किया. ताकि कोई भी पात्र सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चित्रकूट में प्रत्येक व्यक्ति के पास खाद्य सामग्री होना सुनिश्चित करें. कोई भी ग्रामीण या व्यक्ति भूखा न सोए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की हिदायत दी.