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पोस्टमार्टम में खुलासाः मेराजुद्दीन के सिर और पेट से पार हो गई थीं गोलियां

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में गैंगवार में मारे गए मुकीम काला और मुठभेड़ में मारे गए शार्पशूटर अंशुल दीक्षित के शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए गए. वहीं, मेराजुद्दीन के पोस्टमार्टम में महत्वपूर्ण बात सामने आई हैं.

चित्रकूट में गैंगवार
चित्रकूट में गैंगवार
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Published : May 15, 2021, 7:59 PM IST

चित्रकूटः जिला कारागार में शुक्रवार को हुए गैंगवार के मामले में अहम खुलासा हुआ है. गैंगवार में मारे गए मेराजुद्दीन (मेराज) के सिर और पेट में गोली लगी थीं. दोनों गोली उसके शरीर से पार हो गई थीं. यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ. मेराजुद्दीन का पोस्टमार्टम शुक्रवार देर रात तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा कराया गया. इसके बाद जिला प्रशासन ने रात में ही मेराजुद्दीन(मेराज) के शव को परिजनों को सौंप दिया. वहीं, जेल गोलीकांड मामले में मृतक मुकीम काला और पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शार्पशूटर अंशुल दीक्षित का शव पोस्टमार्टम के बाद आज (शनिवार) उनके परिजनों को सौंप दिया गया.

चित्रकूट में गैंगवार

मेराजुद्दीन का शव ले गए बनारस
मेराजुद्दीन (मेराज) की डेड बॉडी लेकर परिजन बनारस के लिए रवाना हो गए हैं. मेराजुद्दीन को दो गोलियां अंशुल दीक्षित ने मारी थीं. एक गोली मेराजुद्दीन के सिर पर लगी थी और दूसरी गोली उसके पेट पर लगी थी. वहीं, गैंगवार में ढेर मुकीम काला की डेड बॉडी को लेने के लिए उसके परिजन चित्रकूट पहुंचे, जहां पर उनकी सहमति से मुकीम काला का भी तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया गया है.

मृतक मुकीम काला की मां मीना का आरोप
मुकीम काला के परिजनों ने आरोप लगाया है कि मुकीम काला की हत्या साजिश के तहत की गई है. उन्होंने कहा कि साजिश की तहत ही उसे चित्रकूट जेल में शिफ्ट किया गया था. जिस जेल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहती है, वहां अंदर पिस्टल पहुंचाई गई, जबकि जेल में मिलने पहुंचे परिजनों से चम्मच भी अंदर जाने नहीं दिया जाता. साथ ही आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में जेल अधीक्षक और जेलर की मिलीभगत है.

ये बोले अंशुल दीक्षित के पिता जगदीश दीक्षित
गैंगस्टर अंशुल दीक्षित के पिता जगदीश दीक्षित ने आरोप लगाया कि उनके बड़े पुत्र को पहले ही प्रशासन गायब कर चुका है. अब दूसरे बेटे को भी मिलीभगत से मरवा दिया. अब उनके पास कुछ नहीं है. ग्रामीण बैंक से सेवानिवृत्त जगदीश दीक्षित ने दुखी मन से कहा कि सत्यता कुछ और ही है और शासन कुछ और दिखा रहा है. वहीं, परिजनों की सहमति से अंशुल दीक्षित का भी पोस्टमार्टम डॉक्टरों को पैनल द्वारा किया गया. पोस्टमार्टम के बाद उसकी डेड बॉडी को परिजनों को सौंपा.

ये था घटनाक्रम
चित्रकूट जेल में बीते 14 मई को सीतापुर के शातिर बदमाश अंशुल दीक्षित ने बच्चा बैरक में बंद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के माफिया मुकीम काला और हाई सिक्योरिटी दो नंबर बैरक में बंद मेराजुद्दीन को भी मार दिया. मुकीम काला 7 मई 2021 को सहारनपुर से चित्रकूट जिला आया था. जबकि, मेराजुद्दीन 20 मार्च 2021 को वाराणसी से भेजा गया था. दावा है कि पुलिस टीम ने अंशुल दीक्षित को सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन वो फायरिंग करता रहा, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में अंशु को भी मार गिराया.

इसे भी पढ़ेंः मुकीम काला के जेल पहुंचते ही अंशुल ने कर ली थी हत्या की तैयारी

कैसे पहुंची पिस्टल, बड़ा सवाल
घटना के 30 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अभी गैंगवार होने का कारण पुलिस प्रशासन पता नहीं लगा पाया. ना ही कैसे 9 एमएम की पिस्टल जेल के अंदर कैसे पहुंचाई गई, इसका खुलासा जिला प्रशासन अभी तक कर पाया है. वहीं, घटना के बाद जेल अधीक्षक की तरफ से एक मुकदमा अंशु दीक्षित के खिलाफ गंभीर धाराओं में पंजीकृत करा दिया गया है. दूसरा मुकदमा कर्वी कोतवाल की तरफ से कैदियों को बंधक बनाना और जान से मारने की कोशिश करना सहित एनकाउंटर का मामला पंजीकृत कराया गया है. मामले की तफ्तीश पुलिस और जांच कमेटी कर रही है. गैंगवार होने का कारण और पिस्टल कैसे अंदर पहुंची, इसका अभी तक पता नहीं लगा है. इससे जेल प्रशासन पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान लेने के बाद जेल अधीक्षक और जेलर सहित चार जेल कर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है.

चित्रकूटः जिला कारागार में शुक्रवार को हुए गैंगवार के मामले में अहम खुलासा हुआ है. गैंगवार में मारे गए मेराजुद्दीन (मेराज) के सिर और पेट में गोली लगी थीं. दोनों गोली उसके शरीर से पार हो गई थीं. यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ. मेराजुद्दीन का पोस्टमार्टम शुक्रवार देर रात तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा कराया गया. इसके बाद जिला प्रशासन ने रात में ही मेराजुद्दीन(मेराज) के शव को परिजनों को सौंप दिया. वहीं, जेल गोलीकांड मामले में मृतक मुकीम काला और पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शार्पशूटर अंशुल दीक्षित का शव पोस्टमार्टम के बाद आज (शनिवार) उनके परिजनों को सौंप दिया गया.

चित्रकूट में गैंगवार

मेराजुद्दीन का शव ले गए बनारस
मेराजुद्दीन (मेराज) की डेड बॉडी लेकर परिजन बनारस के लिए रवाना हो गए हैं. मेराजुद्दीन को दो गोलियां अंशुल दीक्षित ने मारी थीं. एक गोली मेराजुद्दीन के सिर पर लगी थी और दूसरी गोली उसके पेट पर लगी थी. वहीं, गैंगवार में ढेर मुकीम काला की डेड बॉडी को लेने के लिए उसके परिजन चित्रकूट पहुंचे, जहां पर उनकी सहमति से मुकीम काला का भी तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया गया है.

मृतक मुकीम काला की मां मीना का आरोप
मुकीम काला के परिजनों ने आरोप लगाया है कि मुकीम काला की हत्या साजिश के तहत की गई है. उन्होंने कहा कि साजिश की तहत ही उसे चित्रकूट जेल में शिफ्ट किया गया था. जिस जेल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहती है, वहां अंदर पिस्टल पहुंचाई गई, जबकि जेल में मिलने पहुंचे परिजनों से चम्मच भी अंदर जाने नहीं दिया जाता. साथ ही आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में जेल अधीक्षक और जेलर की मिलीभगत है.

ये बोले अंशुल दीक्षित के पिता जगदीश दीक्षित
गैंगस्टर अंशुल दीक्षित के पिता जगदीश दीक्षित ने आरोप लगाया कि उनके बड़े पुत्र को पहले ही प्रशासन गायब कर चुका है. अब दूसरे बेटे को भी मिलीभगत से मरवा दिया. अब उनके पास कुछ नहीं है. ग्रामीण बैंक से सेवानिवृत्त जगदीश दीक्षित ने दुखी मन से कहा कि सत्यता कुछ और ही है और शासन कुछ और दिखा रहा है. वहीं, परिजनों की सहमति से अंशुल दीक्षित का भी पोस्टमार्टम डॉक्टरों को पैनल द्वारा किया गया. पोस्टमार्टम के बाद उसकी डेड बॉडी को परिजनों को सौंपा.

ये था घटनाक्रम
चित्रकूट जेल में बीते 14 मई को सीतापुर के शातिर बदमाश अंशुल दीक्षित ने बच्चा बैरक में बंद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के माफिया मुकीम काला और हाई सिक्योरिटी दो नंबर बैरक में बंद मेराजुद्दीन को भी मार दिया. मुकीम काला 7 मई 2021 को सहारनपुर से चित्रकूट जिला आया था. जबकि, मेराजुद्दीन 20 मार्च 2021 को वाराणसी से भेजा गया था. दावा है कि पुलिस टीम ने अंशुल दीक्षित को सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन वो फायरिंग करता रहा, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में अंशु को भी मार गिराया.

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कैसे पहुंची पिस्टल, बड़ा सवाल
घटना के 30 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अभी गैंगवार होने का कारण पुलिस प्रशासन पता नहीं लगा पाया. ना ही कैसे 9 एमएम की पिस्टल जेल के अंदर कैसे पहुंचाई गई, इसका खुलासा जिला प्रशासन अभी तक कर पाया है. वहीं, घटना के बाद जेल अधीक्षक की तरफ से एक मुकदमा अंशु दीक्षित के खिलाफ गंभीर धाराओं में पंजीकृत करा दिया गया है. दूसरा मुकदमा कर्वी कोतवाल की तरफ से कैदियों को बंधक बनाना और जान से मारने की कोशिश करना सहित एनकाउंटर का मामला पंजीकृत कराया गया है. मामले की तफ्तीश पुलिस और जांच कमेटी कर रही है. गैंगवार होने का कारण और पिस्टल कैसे अंदर पहुंची, इसका अभी तक पता नहीं लगा है. इससे जेल प्रशासन पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान लेने के बाद जेल अधीक्षक और जेलर सहित चार जेल कर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है.

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