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चित्रकूट: BSNL नेटवर्क की हालत बिगड़ी, घट रहे उपभाेक्ता

चित्रकूट जिले में बीएसएनएल की स्थिति दिन-प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है. वहीं जिले में ग्राहकों की संख्या भी गिरती जा रही है और नेटवर्क लगातार गायब रहने से परेशान ग्राहकों ने बीएसएनएल से अपना नाता तोड़ लिया है.

विनय सिंह, उपमण्डल अभियंता, बीएसएनएल
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Published : Jul 13, 2019, 2:46 PM IST

चित्रकूट: जिले में बीएसएनएल की स्थिति अब दयनीय होती जा रही है. वहीं ऑफिस में मशीनें कबाड़ हो गई हैं और मशीनों में से तारों का जाल ही दिखाई देता है. ग्राहक कम हो जाने के बाद कर्मचारी ऑफिस आते नहीं बल्कि उनके खाली पड़े दफ्तरों में आवारा कुत्तों को आराम करते हुए जरूर देखा जा सकता है. ऐसे में डिजिटल इंडिया का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना आखिर कैसे पूरा होगा.

बीएसएनएल की सेवा बदहाल, लोग परेशान.

जानिए क्या है पूरा मामला-

  • पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया का मुख्य घटक बीएसएनएल की स्थिती जनपद में दयनीय है.
  • जिले में नेटवर्क लगातार गायब रहने से परेशान ग्राहकों ने बीएसएनएल से अपना नाता तोड़ लिया है.
  • ग्राहकों ने दूसरी कंपनी में अपना नंबर पोर्ट करा लिया है.
  • इससे बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति और भी डामाडोल होती जा रही है.

वहीं ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उपभोक्ता जनमेजन द्विवेदी ने बताया कि जिले में बैठे बड़े अधिकारी हमारी समस्याओं का निपटारा नहीं कर पा रहे हैं. महीनों नेटवर्क गोल रहने के बावजूद भी हमें बीएसएनएल का बिल लगातार भरना पड़ रहा है, जिससे परेशान होकर हम लोग अब बीएसएनएल का कनेक्शन कटवा रहे हैं.

बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है. कई महीनों से कर्मचारियों का वेतन भी नहीं मिल पा रहा है. वहीं वेतन न होने से कर्मचारियों के मन में भय की स्थिति बनी हुई है. आर्थिक समस्या से जूझ रहे बीएसएनल के ऑफिस में सफाई और मरम्मत के टेंडर भी खारिज गए है, जिसकी वजह से यहां गंदगी और भी फैल रही है. बीएसएनएल के लगभग 10 प्रतिशत उपभोक्ता की गिरावट हुई है और बीएसएनएल छोड़कर दूसरे नेटवर्क को अपना रहे हैं.
-विनय सिंह, उपमण्डल अभियंता, बीएसएनएल

जनपद के थानों मे लगातार बीएसएनएल के नेटवर्क न मिलने से परेशान अधिकारियों ने बीएसएनल की जगह अब निजी कंपनियों को चुनकर सीयूजी नंबर बदलने का काम भी कर चालू कर दिया है. सभी थानों और चौकियों में बीएसएनएल के साथ-साथ अब जिओ के नंबर दे दिए गए हैं, ताकि परेशान वादियों को फोन पर सूचना देने पर किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

चित्रकूट: जिले में बीएसएनएल की स्थिति अब दयनीय होती जा रही है. वहीं ऑफिस में मशीनें कबाड़ हो गई हैं और मशीनों में से तारों का जाल ही दिखाई देता है. ग्राहक कम हो जाने के बाद कर्मचारी ऑफिस आते नहीं बल्कि उनके खाली पड़े दफ्तरों में आवारा कुत्तों को आराम करते हुए जरूर देखा जा सकता है. ऐसे में डिजिटल इंडिया का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना आखिर कैसे पूरा होगा.

बीएसएनएल की सेवा बदहाल, लोग परेशान.

जानिए क्या है पूरा मामला-

  • पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया का मुख्य घटक बीएसएनएल की स्थिती जनपद में दयनीय है.
  • जिले में नेटवर्क लगातार गायब रहने से परेशान ग्राहकों ने बीएसएनएल से अपना नाता तोड़ लिया है.
  • ग्राहकों ने दूसरी कंपनी में अपना नंबर पोर्ट करा लिया है.
  • इससे बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति और भी डामाडोल होती जा रही है.

वहीं ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उपभोक्ता जनमेजन द्विवेदी ने बताया कि जिले में बैठे बड़े अधिकारी हमारी समस्याओं का निपटारा नहीं कर पा रहे हैं. महीनों नेटवर्क गोल रहने के बावजूद भी हमें बीएसएनएल का बिल लगातार भरना पड़ रहा है, जिससे परेशान होकर हम लोग अब बीएसएनएल का कनेक्शन कटवा रहे हैं.

बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है. कई महीनों से कर्मचारियों का वेतन भी नहीं मिल पा रहा है. वहीं वेतन न होने से कर्मचारियों के मन में भय की स्थिति बनी हुई है. आर्थिक समस्या से जूझ रहे बीएसएनल के ऑफिस में सफाई और मरम्मत के टेंडर भी खारिज गए है, जिसकी वजह से यहां गंदगी और भी फैल रही है. बीएसएनएल के लगभग 10 प्रतिशत उपभोक्ता की गिरावट हुई है और बीएसएनएल छोड़कर दूसरे नेटवर्क को अपना रहे हैं.
-विनय सिंह, उपमण्डल अभियंता, बीएसएनएल

जनपद के थानों मे लगातार बीएसएनएल के नेटवर्क न मिलने से परेशान अधिकारियों ने बीएसएनल की जगह अब निजी कंपनियों को चुनकर सीयूजी नंबर बदलने का काम भी कर चालू कर दिया है. सभी थानों और चौकियों में बीएसएनएल के साथ-साथ अब जिओ के नंबर दे दिए गए हैं, ताकि परेशान वादियों को फोन पर सूचना देने पर किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

Intro:चित्रकूट में भारत सरकार द्वारा चल रही दूरभाष कंपनी बीएसएनएल की स्थिति अब दयनीय होती जा रही है इसका अंदाजा यहां पर कबाड़ पड़ गई मशीनों और उनके तारों के जाल से लगाया जा सकता है ग्राहक कम हो जाने के बाद कर्मचारी ऑफिस आते नहीं बल्कि उनके खाली पड़े दफ्तरों में कुत्तों को आराम करते हुए जरूर देखा जा सकता है ऐसे में डिजिटल इंडिया का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना आखिर कैसे होगा पूरा


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया का मुख्य घटक बी एस एन एल की स्थिती चित्रकूट जनपद में दयनीय है चित्रकूट में कई महीनों तक बी एस एन एल के नेटवर्क लगातार गायब रहने से परेशान ग्राहकों ने बी एस एन एल से अपना नाता तोड़कर अब निजी कंपनी एयरटेल जिओ वोडाफोन को चुन लिया है जिससे बी एस एन एल की आर्थिक स्थिति और भी डामाडोल होती जा रही है उपभोगता के अनुसार यहां पर चित्रकूट में बैठे बड़े अधिकारी हमारी समस्याओं का निपटारा नहीं कर पा रहे हैं महीनों नेटवर्क गोल रहने के बावजूद भी हमें बीएसएनल का बिल लगातार भरना पड़ रहा है जिससे परेशान होकर हम लोग अब बीएसएनल का कनेक्शन कटवा रहे हैं

वही दफ्तर में बैठे चित्रकूट जनपद की बीएसएनल के उच्च अधिकारी ने बताया कि बीएसएनल की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है कई महीनों से कर्मचारियों का वेतन भी नहीं मिल पा रहा हैं वही वेतन न होने से कर्मचारियों के मन में भय की स्थिति बनी हुई है आर्थिक समस्या से जूझ रहे बीएसएनल के ऑफिस में सफाई और मरम्मत के टेंडर भी खारिज गए हैं जिसकी वजह से यह गंदगी और भी फैल रही है हालांकि अधिकारियों ने आर्थिक स्थिति कमजोर होने की बात तो स्वीकारी है पर कनेक्शन की संबंध में उनका मानना है कि बीएसएनल के लगभग 10 प्रतिशत उपभोक्ता की गिरावट हुई हैऔर बीएसएनल छोड़कर दूसरे नेटवर्क को अपना रहे हैं चित्रकूट जनपद के थानों मे लगातार बीएसएनल के नेटवर्क ना मिलने से परेशान अधिकारियों ने बीएसएनल की जगह अब निजी कंपनी जिओ को चुनकर सीयूजी नंबर बदलने का काम भी कर चालू कर दिया है सभी थानों और चौकियों में बीएसएनल के साथ-साथ अब जिओ के नंबर दे दिए गए हैं ताकि परेशान वादियों को फोन पर सूचना देने पर किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े ग्चित्रकूट के ग्रामीण इलाकों में लगातार तीन से 4 दिन तक बिजली गुल हो जाने की स्थिति पर यहां के बीएसएनल टावर में लगे डीटीएस बंद पड़े रहते हैं क्योंकि बीएसएनल के पास धन उपलब्ध न होने की वजह से जनरेटर में डीजल भी नहीं उपलब्ध हो पा रहा है जिसकी वजह से ग्रामीण अंचलों में बीएसएनल की स्थिति और भी देनी होती चली जा रही है ऐसे में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने आखिर कैसे सकार को सकेंगे जबकि यहां पर बीएसएनएल की स्थिति पूरी तरह से स्थिति बेहद दयनीय है।





Conclusion:चित्रकूट में बीएसएनल की स्थिति में गिरावट की मुख्य वजह उपभोक्ताओं को सही समय में सर्विस नही दे पाना है अधिकारियों की उपेक्षा और कमजोरी की वजह यह रही है कि आज चित्रकूट में लगभग उपभोक्ता बीएसएनल से अपना भरोसा तोड़कर निजी कंपनियों ने लगातार जुड़ते जा रहे हैं अगर यही स्थिति चित्रकूट जनपद में बनी रही तब बीएसएनल पूरी तरह से अपना अस्तित्व खो देगा और सरकारी उपक्रम और सहायता से चल रहा बीएसएनल पूरी तरह से गुम हो जाएगा
बाइट-जनमेजन दुवेदी(उपभोगता b s n l)
बाइट-विनय सिंह(उपमण्डल अभियंता bsnl चित्रकूट)
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