चित्रकूट : लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने और मतदान प्रतिशत को और अधिक बढ़ाने के लिए प्रशासन ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. वहीं जिलाधिकारी ने दस्यु का गढ़ माने जाने वाले सुदूर के ग्राम पंचायत भरतकूप, बदरी, कोलुहा और खमरिया पहुंच कर लोगों को भयमुक्त होकर मतदान करने के लिए कहा. साथ ही उन्हें ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के बारे जानकारी भी दी.
चित्रकूट के 80 अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों में से डीएम और एसपी ने 4 बूथों और ग्रामपंचायतों का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने लोगों को भयमुक्त हो कर मतदान करने के लिए जागरूक किया. साथ ही यहां की वोटिंग लिस्ट में छूटे नामों को जोड़ने और संशोधन की जानकारी भी दी गई. ये ग्राम पंचायतें पिछले कुछ सालों में डाकुओं की शरणस्थली रही है और बीहड़ के डाकुओं ने इन ग्राम पंचायतों में अपना तांडव किया था. इसके चलते लोग आज भी वोट करने के लिए अपने घरों से बाहर निकलने में कतराते हैं.
ऐसे में चित्रकूट के जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा ने बीहड़ के खूंखार डाकुओं का गढ़ माने जाने वाले गांवों में पहुंच कर ग्रामीणों के बीच चौपाल लगाई. उन्होंने लोगों को ये आश्वासन दिया कि उन्हें अब डरने और दबाव में मतदान करने की जरूरत नहीं है. बल्कि भयमुक्त और शांतिपूर्ण ढंग से मतदान करें और हर एक व्यक्ति जिम्मेदारी से इस चुनाव में भाग ले. मौके पर साथ पहुंचे अधिकारियों ने वीवीपैट मशीन और ईवीएम मशीन के बारे में जानकारी भी दी. वहीं बीएलओ को आदेश दिया कि जिनके नाम छूटे या संशोधित करने हैं उन्हें जल्द से जल्द ठीक करवाया जाए.
जिलाधिकारी विशाख जी ने बताया कि इन अति संवेदनशील गांवों में चौपाल लगाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को भयमुक्त मतदान के प्रति प्रेरित करना है. वहीं पुलिस अधीक्षक चित्रकूट मनोज कुमार झा ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ये गांव डाकुओं से प्रभावित थे. इन गांवों में पहुंच कर लोगो से ये अपील कर रहे हैं कि भयमुक्त होकर मतदान करें.