बुलंदशहर: सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र में गेहूं की अलग-अलग 10 वैरायटी पर ट्रायल किया जा रहा है. अगर ट्रायल सफल रहा तो आने वाले समय में गेहूं की फसल एक ही सिंचाई में तैयार हो जाएगी, जो अभी करीब पांच से छह बार तक की सिंचाई में तैयार होती है.
इसके सफल ट्रायल से न केवल किसानों को फायदा होगा बल्कि उन्हें बार-बार सिंचाई करने के लिए मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी. वहीं इसके साथ ही गिरते हुए जलस्तर में पानी की भी बचत होगी, क्योंकि जब जल बचेगा तभी कल सुरक्षित होगा. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र में यह ट्रायल किया जा रहा है.
अलग-अलग वैरायटी का किया जा रहा प्रयोग
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र के इंचार्ज डॉ. शिव सिंह का कहना है कि यहां पर गेहूं की वैरायटी पर यह प्रयोग किया जा रहा है. उनके नतीजे भी काफी लंबे समय से सकारात्मक ही आ रहे हैं.
डॉ. सैमसंग कहते हैं कि गेहूं की बुवाई करने के करीब डेढ़ महीने बाद यह पानी से खेत की सिंचाई करनी है और उसके बाद फिर फसल तैयार होने तक कोई पानी नहीं दिया जाना है. इसी एक पानी से फसल तैयार हो जाएगी, जिसको लेकर यहां दस अलग-अलग वैरायटी पर लगातार ट्रायल किया जा रहा है. पिछले कई वर्षों से यहां ट्रायल चल रहा है अभी इसके परिणाम काफी सुखद आ रहे हैं.
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बता दें, पिछले कई वर्षों से यहां ट्रायल चल रहा है और इसके परिणाम काफी सुखद आ रहे हैं. उम्मीद है कि आने वाले कुछ समय यह बीज ओपन मार्केट में मिलने लगेंगे.