बुलंदशहर: सावन मास में हरियाली तीज महिलाओं के लिए खास त्योहार होता है. महिलाए तीज के इस त्योहाक को लेकर तैयारियों में जुटी हुई हैं. महिलाएं इस दिन अपने लंबे सुहाग के लिए सोलह सिंगार कर व्रत रखती हैं, और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं, झूला झूलती हैं, गीत गाकर खुशियां मनाती हैं. मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की तिथि आज के दिन ही मानी जाती है.
पं. एसएस नागपाल ने बताया कि पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार हरियाली तीज का त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की तिथि है. उन्होंने बताया कि इस व्रत में सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं और घर में सुख शांति समृद्धि के लिए भगवान शिव और माता पार्वती से प्रार्थना करती हैं. महिलाएं नए वस्त्र विशेषकर हरी साड़ी और हरे वस्त्र पहनती है. झूला झूलने का आनंद लेती हैं व तीज के गीत गाकर माता पार्वती की पूजा करती हैं.
आज है शुभ योग
उन्होंने बताया कि श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि मंगलवार 10 अगस्त को शाम को 6:11 से शुरू होकर दूसरे दिन 11 अगस्त बुधवार को शाम को 4:56 समाप्त होगी. 11 अगस्त को हरियाली तीज पर शुभ शिव योग रहेगा और शुभ रवि योग सुबह 9:32 से पूरे दिन रहेगा.
पूजन मुहूर्त
पंडित जी ने शिव योग कल्याणकारी माना गया है. इस योग में पूजा करने से पुण्य कई गुना बढ़ जाता है. इसके अलावा इस योग में की गई पूजा दांपत्य जीवन को खुशियों से भर देती है. ऐसा संयोग लंबे समय के बाद बन रहा है. हरियाली तीज की पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं. पहला ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:24 मिनट से सुबह 5:17 मिनट तक और दूसरा विजय मुहूर्त दोपहर 2:23 से दोपहर 03:16 मिनट तक रहेगा.
महिलाएं तीज की तैयारियों में लगी हुई हैं. हालांकि दो दिन की साप्ताहिक बंदी और सोमवार को हुई बारिश ने त्योहार के उत्साह को थोड़ा धीमा कर दिया, लेकिन शाम को महिलाएं बाजार में पहुंचने लगी. उन्होंने पूजा सामग्री, सिंगार का समान, सौंदर्य प्रसाधन, ज्वेलरी से लेकर फलों की दुकानों पर खरीदारी की. हाथों पर मेहंदी भी लगवाई जिससे दुकान पर रौनक रही.
जबकि कुछ महिलाओं ने पसंदीदा आभूषण और हरी साड़ियों को मैचिंग के लिए दुकानदारों से इंटरनेट पर उपलब्ध डिजाइन की मांग भी की. दरअसल, मान्यता है कि इस दिन सोलह सिंगार कर व्रत रखकर महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना भगवान शिव और मां पार्वती से करती हैं. अविवाहित युवतियां, माता पार्वती की तरह वांछित वर पाने के लिए भी व्रत रखती हैं.