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अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मजदूरों ने कहा, प्रशासन कर रहा मदद लेकिन वह काफी नहीं - बुलन्दशहर

उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जिले में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर ईटीवी भारत ने कामगारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि दो जुन की रोजी रोटी के लिए वह लॉकडाउन के बीच भी अपना काम कर रहे हैं.

international labor day
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Published : May 1, 2020, 7:58 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलन्दशहर: देश और दुनिया में 1 मई को मजदूर दिवस के नाम पर मनाया जाता है. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत की टीम ने ऐसे कामगारों के पास जा पहुंची. जो ऐसे वक्त में भी रोजी रोटी की जुगत में तपती धूप में भी आग की तपन में काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें रोटी चाहिए और उसके लिए उन्हें काम करना जरूरी है.

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मजदूरों से खास बातचीत.
मजदूरों ने कहा प्रशासन कर रहा मदद लेकिन वह काफी नहीं-
1 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है, तो वहीं इन दिनों देश में कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन है. लॉकडाउन की वजह से मेहनतकश मजदूर खाली बैठे हुए हैं. ईटीवी भारत की टीम से मजदूरों ने बताया कि उन्हें जिला प्रशासन के द्वारा मदद दी जा रही है, लेकिन जो मदद उन्हें मिल रही है वह पर्याप्त नहीं है. वह आम दिनों में लोहे से जुड़े कुछ सामान बनाकर बिक्री किया करते थे. लेकिन लॉकडाउन की वजह से न हीं तो उनका कोई काम ही चल रहा है और ना ही उन पर कोई घर में खोटा सिक्का है, जिससे उनका गुजारा हो सके.

हालांकि उन्होंने जिला प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराई जा रही खाद्य सामग्री व बने बनाये बनाये भोजन मिलने की बात भी स्वीकार किया.

इस मामले में जब एसडीएम डॉ. सदानंद गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन प्रत्येक दिन समय से भोजन की व्यवस्था करा रहा है. कोशिश यही है कि जरूरतमंद लोगों तक शासन की मंशा के मुताबिक भोजन पहुंचे. उसमें तहसील क्षेत्र के सभी ऐसे स्थानों को चिन्हित कर पर भोजन वितरित किया जा रहा है. जो लॉकडाउन की वजह से प्रभावित व जरूरतमंद हैं अगर किसी स्तर पर कोई समस्या आती है तो उसे वो स्वयं देखकर समस्या का निराकरण करते हैं.

इसे भी पढ़ें- LOCKDOWN: घर बना स्कूल, ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चे

बुलन्दशहर: देश और दुनिया में 1 मई को मजदूर दिवस के नाम पर मनाया जाता है. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत की टीम ने ऐसे कामगारों के पास जा पहुंची. जो ऐसे वक्त में भी रोजी रोटी की जुगत में तपती धूप में भी आग की तपन में काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें रोटी चाहिए और उसके लिए उन्हें काम करना जरूरी है.

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मजदूरों से खास बातचीत.
मजदूरों ने कहा प्रशासन कर रहा मदद लेकिन वह काफी नहीं-
1 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है, तो वहीं इन दिनों देश में कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन है. लॉकडाउन की वजह से मेहनतकश मजदूर खाली बैठे हुए हैं. ईटीवी भारत की टीम से मजदूरों ने बताया कि उन्हें जिला प्रशासन के द्वारा मदद दी जा रही है, लेकिन जो मदद उन्हें मिल रही है वह पर्याप्त नहीं है. वह आम दिनों में लोहे से जुड़े कुछ सामान बनाकर बिक्री किया करते थे. लेकिन लॉकडाउन की वजह से न हीं तो उनका कोई काम ही चल रहा है और ना ही उन पर कोई घर में खोटा सिक्का है, जिससे उनका गुजारा हो सके.

हालांकि उन्होंने जिला प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराई जा रही खाद्य सामग्री व बने बनाये बनाये भोजन मिलने की बात भी स्वीकार किया.

इस मामले में जब एसडीएम डॉ. सदानंद गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन प्रत्येक दिन समय से भोजन की व्यवस्था करा रहा है. कोशिश यही है कि जरूरतमंद लोगों तक शासन की मंशा के मुताबिक भोजन पहुंचे. उसमें तहसील क्षेत्र के सभी ऐसे स्थानों को चिन्हित कर पर भोजन वितरित किया जा रहा है. जो लॉकडाउन की वजह से प्रभावित व जरूरतमंद हैं अगर किसी स्तर पर कोई समस्या आती है तो उसे वो स्वयं देखकर समस्या का निराकरण करते हैं.

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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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