बुलंदशहरः जिले के काहिरा गांव में डेंगू और रहस्यमयी बुखार से पिछले 20 दिनों में 10 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 100 से अधिक लोग बीमार हैं. बुखार के डर से लोग अब गांव छोड़ने लगे हैं. कई परिवार गांव से दूसरे स्थान पर जा चुके हैं और उनके घरों पर अब ताला लटका हुआ है. शनिवार को विधायक प्रदीप चौधरी व सीएमओ विनय कुमार मौके पर पहुंचकर बुखार से पीड़ित लोगों का हालचाल जाना.
सीएमओ विनय कुमार का कहना है कि गांव में डेंगू के चलते एक युवक की मौत हुई है, जबकि गांव के लोगों का कहना है कि पिछले 20 दिन में बुखार के चलते यहां 10 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, विधायक का मानना है कि बुखार के चलते गांव में कई लोगों की मौत हुई है. इसी के चलते विधायक प्रदीप चौधरी ने गांव में पहुंचकर एंटी लारवा का गली-गली और घर-घर में पहुंचकर खुद अपने हाथों से छिड़काव किया.
ईटीवी भारत की टीम शनिवार को जांच-पड़ताल के लिए काहिरा गांव पहुंची. गांव में उदय प्रकाश, दिनेश, कंछी मास्टर के घर पर ताला लटका मिला. घरों पर ताला लटकने के बारे में जानकारी की गई, तो ग्रामीणों ने बताया कि बुखार के डर से लोग दूसरी जगह चले गए हैं.
गांव के प्रकाशी, नीरज, कुंवरपाल, महेंद्र सिंह, बत्तोदेवी, जगराम और सुभाष के घर पर भी ताला लटका हुआ मिला. ऐसे ही कुछ अन्य मकानों में ताला लगा हुआ पाया गया. इनमें कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनों का इलाज कराने दूर-दराज गए हुए हैं. कुछ परिवारों के सदस्य बाहर रोजी-रोजगार कर रहे हैं, बुखार फैलने के बाद बाकी सदस्य भी गांव छोड़कर उनके पास चले गए.
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने नहीं लिया संज्ञान
गांव के पूर्व प्रधान जगवीर सिंह, श्योराज सिंह ने बताया कि एक महीने से गांव की स्थिति काफी खराब है. यहां सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की कोई व्यवस्था नहीं है. कुछ लोग तो गांव में ऐसे हैं, जिनके पास इलाज कराने के लिए पैसे तक नहीं हैं. स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के अधिकारियों ने भी कोई संज्ञान नहीं लिया है.
गांव में कैंप लगाकर की गई खानापूर्ति
ग्रामीणों का कहना है कि एक-दो दिन गांव में कैंप लगाकर सिर्फ खानापूर्ति की गई है. ग्रामीण सुधीर कुमार ने बताया कि गांव में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलीं तो अन्य लोगों को भी गांव छोड़ना पड़ेगा. गांव के हर घर में एक दो लोग बुखार से पीड़ित हैं. सबसे बड़ा डर बुखार से लगातार हो रही मौतों से बना हुआ है.
सुनसान हुईं गलियां
काहिरा गांव में 100 से अधिक लोगों के बीमार होने के कारण अधिकांश गलियां सुनसान पड़ी हैं. डर के मारे लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. वहीं, धर्मपाल सिंह और शंकरलाल समेत कुछ ग्रामीण गांव में ही उपचार करवाते मिले. ग्रामीण चरण सिंह का कहना है कि गांव से कई लोग दूसरी जगह जा चुके हैं. बीमारी के डर से वह यहां नहीं रुके. पता नहीं बीमारी कब तक रहेगी.
चरण सिंह ने बताया कि सीडीओ और सीएमओ पांच बार गांव का दौरा कर चुके हैं. गांव में कुछ लोग बीमार हैं, उनके उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को लगातार भेजा जा रहा है. गांव में सफाई व्यवस्था के साथ कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया गया है. पलायन के संबंध में कोई जानकारी नहीं है.