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बुलन्दशहर: सुमंगला योजना को लेकर विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश - बेसिक शिक्षा विभाग

उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में सुमंगला योजना को लेकर विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए अब बेसिक शिक्षा विभाग व जिला विद्यालय निरीक्षक को भी जिम्मेदारी दी जा रही है.

सुमंगला योजना
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Published : Aug 30, 2019, 2:34 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलन्दशहर: प्रदेश सरकार द्वारा संचालित कन्या सुमंगला योजना का लाभ उसके पात्र को मिले. इस दिशा में प्रशासन सख्त नजर आ रहा है. सुमंगला योजना को लेकर मुख्य विकास अधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं. अब इसकी जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग व जिला विद्यालय निरीक्षक को भी दी जा रही है.

कन्या सुमंगला योजना को लेकर अधिकारियों को दिए गए कड़े निर्देश.

मुख्य विकास अधिकारी ने दिए निर्देश -
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि अब तक करीब 5 हजार से ज्यादा फॉर्म ऐसे पात्र बालिकाओं के भरे जा चुके हैं और इसमें जुड़े सभी विभागों की जिम्मेदारी भी अलग-अलग तय की गई है. कक्षा 1 से कक्षा 6 तक बालिकाओं को चिन्हित कर फॉर्म भरने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग को दी गई है. वही हाल ही में जन्मे बच्चों की जानकारी उपलब्ध कराने और उन्हें प्रोत्साहित कर चिन्हित कर फॉर्म भरने की जिम्मेदारी के लिए स्वास्थ्य विभाग को भी कहा गया है. वहीं दूसरी तरफ माध्यमिक और ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने पर जिन बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिलना है. उसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को भी जिम्मेदारी दी गई है.

इसे भी पढ़ें - मेरठ: मुख्यमंत्री विवाह योजना के तहत दांपत्य जीवन में बंधे 178 जोड़ें

क्या है कन्या सुमंगला योजना -
यूपी कन्या सुमंगला योजना के तहत उत्तर प्रदेश की बेटियों को 15,000 रुपये दिये जाएंगे. यह पूरी राशि बेटियों की स्नातक तक की पढ़ाई तक दी जाएगी. सरकार द्वारा इसके लिए बेटी का अलग खाता खोला जाएगा. यह राशि बच्ची के जन्म के समय से स्नातक तक 6 किस्तों में मिलेगी. इस योजना का लाभ एक अप्रैल या उसके बाद जन्मी बेटियों को ही मिला पाएगा.

माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी बालिकाओं को चिन्हित करने के बाद इस योजना के तहत लाभ शत प्रतिशत पात्र बालिकाओं को मिले इसके लिए तमाम कवायदें की जा रही हैं. सरकार ने बेटियों की सुरक्षा की मंशा को पूरा करने का प्रयास किया है. यह योजना न सिर्फ बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कारगर सिद्ध होगी, बल्कि बालिकाओं के जन्म के साथ ही उन्हें लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.
राधाकृष्ण तिवारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बुलन्दशहर

बुलन्दशहर: प्रदेश सरकार द्वारा संचालित कन्या सुमंगला योजना का लाभ उसके पात्र को मिले. इस दिशा में प्रशासन सख्त नजर आ रहा है. सुमंगला योजना को लेकर मुख्य विकास अधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं. अब इसकी जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग व जिला विद्यालय निरीक्षक को भी दी जा रही है.

कन्या सुमंगला योजना को लेकर अधिकारियों को दिए गए कड़े निर्देश.

मुख्य विकास अधिकारी ने दिए निर्देश -
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि अब तक करीब 5 हजार से ज्यादा फॉर्म ऐसे पात्र बालिकाओं के भरे जा चुके हैं और इसमें जुड़े सभी विभागों की जिम्मेदारी भी अलग-अलग तय की गई है. कक्षा 1 से कक्षा 6 तक बालिकाओं को चिन्हित कर फॉर्म भरने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग को दी गई है. वही हाल ही में जन्मे बच्चों की जानकारी उपलब्ध कराने और उन्हें प्रोत्साहित कर चिन्हित कर फॉर्म भरने की जिम्मेदारी के लिए स्वास्थ्य विभाग को भी कहा गया है. वहीं दूसरी तरफ माध्यमिक और ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने पर जिन बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिलना है. उसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को भी जिम्मेदारी दी गई है.

इसे भी पढ़ें - मेरठ: मुख्यमंत्री विवाह योजना के तहत दांपत्य जीवन में बंधे 178 जोड़ें

क्या है कन्या सुमंगला योजना -
यूपी कन्या सुमंगला योजना के तहत उत्तर प्रदेश की बेटियों को 15,000 रुपये दिये जाएंगे. यह पूरी राशि बेटियों की स्नातक तक की पढ़ाई तक दी जाएगी. सरकार द्वारा इसके लिए बेटी का अलग खाता खोला जाएगा. यह राशि बच्ची के जन्म के समय से स्नातक तक 6 किस्तों में मिलेगी. इस योजना का लाभ एक अप्रैल या उसके बाद जन्मी बेटियों को ही मिला पाएगा.

माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी बालिकाओं को चिन्हित करने के बाद इस योजना के तहत लाभ शत प्रतिशत पात्र बालिकाओं को मिले इसके लिए तमाम कवायदें की जा रही हैं. सरकार ने बेटियों की सुरक्षा की मंशा को पूरा करने का प्रयास किया है. यह योजना न सिर्फ बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कारगर सिद्ध होगी, बल्कि बालिकाओं के जन्म के साथ ही उन्हें लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.
राधाकृष्ण तिवारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बुलन्दशहर

Intro:सीएम योगी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक सुमंगला योजना को लेकर बुलंदशहर में इससे जुड़े ,जरूरी विभागों के अधिकारियों को पात्रों को खोजने के लिए कड़ी मशक्कत करते देखे जा सकते हैं ,कुछ माह पूर्व महिला कल्याण विभाग के द्वारा संचालित ये योजना ना सिर्फ बालिकाओं के लिए लाभकारी है बल्कि सरकार इससे कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगाने व बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी कारगर है, एक रिपोर्ट।


Body:प्रदेश सरकार के द्वारा संचालित कन्या सुमंगला योजना के तहत बुलंदशहर में इसे लेकर तमाम प्रयास जिला प्रशासन के द्वारा किए जा रहे हैं ,

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार इसमें काफी रूचि ले रहे हैं,

मुख्य विकास अधिकारी ने इस बारे में बताया कि अब तक करीब 5 हजार से ज्यादा फॉर्म ऐसे पात्र बालिकाओं के भरे जा चुके हैं, तो वहीं इसमें जुड़े सभी विभागों की जिम्मेदारी भी अलग-अलग तय की गई है,
कक्षा 1 से कक्षा 6 तक चिन्हित कर फॉर्म भरने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग को दी गई है ,तो वही हाल ही में जन्मे बच्चों की जानकारी उपलब्ध कराने और उन्हें प्रोत्साहित कर चिन्हित कर फॉर्म भरने की जिम्मेदारी के लिए स्वास्थ्य विभाग को भी कहा गया है ,तो वहीं दूसरी तरफ माध्यमिक और ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने पर जिन बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिलना है ,उसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को भी जिम्मेदारी दी गई है , फिलहाल सभी इस तरफ भागदौड़ करते देखे जा रहे हैं।
काबिले गौर है कि पिछले दिनों जिलाधिकारी ने तमाम अधिकारियों की इस बारे में आवश्यक बैठक कर सुमंगला योजना की समीक्षा की थी,
जिससे उस वक्त वह नाखुश नजर आए थे लेकिन उसके बाद से तमाम अधिकारी इस योजना में दिन रात एक किए हुए हैं,
इस बारे में समाज कल्याण विभाग भी अपने स्तर से तमाम कवायद कर रहा है ,फिलहाल मुख्य विकास अधिकारी का कहना है कि यह योजना काफी लाभकारी है। मुख्य विकास अधिकारी का कहना है कि कन्या सुमंगला योजना का लाभ पाने पर अभिभावकों को नहीं तो बेटियों के स्वास्थ्य की चिंता करनी होगी और ना उनकी पढ़ाई की फिलहाल इसमें 3 लाख तक सालाना आय तक के परिवारों को शामिल करके राज्य सरकार ने एक बड़े वर्ग को इसका लाभ देने की रूपरेखा तैयार की है ,तो वहीं इस बारे में जिला विधालय निरीक्षक राधा कृष्ण तिवारी ने इटीवी भारत को बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी बालिकाओं के चिन्हांकन करने के बाद इस योजना के तहत लाभ शतप्रतिशत पात्र बालिकाओं को मिले उसके लिए तमाम कवायदें की जा रही हैं,
बेटी के जन्म पर दो हजार रुपये की पहली किस्त देकर सरकार जहां बेटी बचाने पर जोर दे रही है, 1हजार रुपये की दूसरी किस्त के साथ सभी टीकाकरण के समय भी धनराशि दी जाएगी, सरकार ने बेटियों की सुरक्षा की मंशा को पूरा करने का प्रयास किया है उसके साथ में योजना को शिक्षा से भी जोड़ा गया है कक्षा 1 में प्रवेश के बाद प्राथमिक शिक्षा के हर स्टेप पर बालिकाओं को अलग-अलग समय पर पैसे दिए जाएंगे वहीं डिग्री कॉलेज में प्रवेश पर 5 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी ,फिलहाल ये ऐसी योजना है जिससे जुड़कर ना सिर्फ बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने कारगर सिद्ध होगी, बल्कि बालिकाओं के जन्म के साथ ही उन्हें लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
बाइट....सुधीर कुमार रूंगटा,मुख्य विकास अधिकारी ,बुलन्दशहर ,
बाइट...राधकृष्ण तिवारी,जिला विद्यालय निरीक्षक,बुलन्दशहर,
पीटीसी....श्रीपाल तेवतिया,


Conclusion:बुलन्दशहर,
9213400888
813038876
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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