बुलन्दशहर: प्रदेश सरकार द्वारा संचालित कन्या सुमंगला योजना का लाभ उसके पात्र को मिले. इस दिशा में प्रशासन सख्त नजर आ रहा है. सुमंगला योजना को लेकर मुख्य विकास अधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं. अब इसकी जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग व जिला विद्यालय निरीक्षक को भी दी जा रही है.
मुख्य विकास अधिकारी ने दिए निर्देश -
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि अब तक करीब 5 हजार से ज्यादा फॉर्म ऐसे पात्र बालिकाओं के भरे जा चुके हैं और इसमें जुड़े सभी विभागों की जिम्मेदारी भी अलग-अलग तय की गई है. कक्षा 1 से कक्षा 6 तक बालिकाओं को चिन्हित कर फॉर्म भरने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग को दी गई है. वही हाल ही में जन्मे बच्चों की जानकारी उपलब्ध कराने और उन्हें प्रोत्साहित कर चिन्हित कर फॉर्म भरने की जिम्मेदारी के लिए स्वास्थ्य विभाग को भी कहा गया है. वहीं दूसरी तरफ माध्यमिक और ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने पर जिन बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिलना है. उसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को भी जिम्मेदारी दी गई है.
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क्या है कन्या सुमंगला योजना -
यूपी कन्या सुमंगला योजना के तहत उत्तर प्रदेश की बेटियों को 15,000 रुपये दिये जाएंगे. यह पूरी राशि बेटियों की स्नातक तक की पढ़ाई तक दी जाएगी. सरकार द्वारा इसके लिए बेटी का अलग खाता खोला जाएगा. यह राशि बच्ची के जन्म के समय से स्नातक तक 6 किस्तों में मिलेगी. इस योजना का लाभ एक अप्रैल या उसके बाद जन्मी बेटियों को ही मिला पाएगा.
माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी बालिकाओं को चिन्हित करने के बाद इस योजना के तहत लाभ शत प्रतिशत पात्र बालिकाओं को मिले इसके लिए तमाम कवायदें की जा रही हैं. सरकार ने बेटियों की सुरक्षा की मंशा को पूरा करने का प्रयास किया है. यह योजना न सिर्फ बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कारगर सिद्ध होगी, बल्कि बालिकाओं के जन्म के साथ ही उन्हें लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.
राधाकृष्ण तिवारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बुलन्दशहर