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बुलंदशहर: चिंगरावठी हिंसा मामले में तीन और आरोपियों से हटी देशद्रोह की धारा

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Published : May 13, 2019, 11:21 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

पिछले साल 3 दिसंबर को स्याना में हुई हिंसा में तीन और आरोपियों से देशद्रोह की धारा समाप्त कर दी गई है. अधिवक्ता का कहना है कि देशद्रोह की धारा के लिए प्रदेश सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है पर पुलिस ने ऐसा नहीं किया. गोवंश अवशेष मिलने पर हुए हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध और स्थानीय निवासी सुमित की मौत हो गई थी.

तीन और आरोपियों से हटी देशद्रोह की धारा

बुलंदशहर: पिछले साल 3 दिसंबर को जिले के स्याना में हुई हिंसा और आगजनी की घटना में पहले ही 38 लोगों से देशद्रोह की धारा हटा दी गई थी. वहीं सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के बाद तीन और हिंसा के आरोपियों से देशद्रोह की धारा समाप्त कर दी गई है. बता दें कि स्याना कोतवाली के चिंगरावठी में गोवंश अवशेष मिलने के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और युवक सुमित की जान चली गयी थी.

तीन और आरोपियों से हटी देशद्रोह की धारा.


क्या है पूरा मामला-

  • पिछले वर्ष 3 दिसंबर को बुलंदशहर के हिंसा प्रकरण में 38 आरोपियों से देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया था.
  • वहीं सोमवार को जब सीओ स्याना ने सीजेएम कोर्ट में आरोप पत्र लगाया तो इसमें आरोपी पक्ष के अधिवक्ता संजय शर्मा ने बहस की.
  • इसके बाद मामले की एसीजे सीनियर डिवीजन राहुल सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई और तीनों आरोपियों कलुआ, नितिन और राजकुमार से भी देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया.
  • तीनों के अधिवक्ता संजय शर्मा का कहना है कि देशद्रोह की धारा 124 ए के लिए प्रदेश सरकार की अनुमति आवश्यक होती है, लेकिन पुलिस ने प्रदेश सरकार से इसमें कोई अनुमति नहीं ली.
  • इसके बाद इस पर एसीजे सीनियर डिवीजन राहुल सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई और उन्होंने तीनों आरोपियों से देशद्रोह की धारा को हटा दिया.
  • अब तक जितने भी आरोपी स्याना हिंसा प्रकरण में सलाखों के पीछे हैं, उन पर कई धाराओं और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत है.
  • बता दें कि इस मामले में प्रशांत नट, राहुल, डेविड, लोकेंद्र और जॉनी पर कई धाराएं लगी हुई हैं.
  • इसके अलावा उन पर 302 और 395 धारा भी लगी हुई है.
  • गोवंश अवशेष मिलने के बाद स्याना कोतवाली क्षेत्र की चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हिंसा का जो तांडव हुआ था उसमें एक इंस्पेक्टर समेत युवक की जान चली गई थी, जिसमें पुलिस अब तक मृतक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पिस्टल को बरामद नहीं कर पाई है.

बुलंदशहर: पिछले साल 3 दिसंबर को जिले के स्याना में हुई हिंसा और आगजनी की घटना में पहले ही 38 लोगों से देशद्रोह की धारा हटा दी गई थी. वहीं सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के बाद तीन और हिंसा के आरोपियों से देशद्रोह की धारा समाप्त कर दी गई है. बता दें कि स्याना कोतवाली के चिंगरावठी में गोवंश अवशेष मिलने के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और युवक सुमित की जान चली गयी थी.

तीन और आरोपियों से हटी देशद्रोह की धारा.


क्या है पूरा मामला-

  • पिछले वर्ष 3 दिसंबर को बुलंदशहर के हिंसा प्रकरण में 38 आरोपियों से देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया था.
  • वहीं सोमवार को जब सीओ स्याना ने सीजेएम कोर्ट में आरोप पत्र लगाया तो इसमें आरोपी पक्ष के अधिवक्ता संजय शर्मा ने बहस की.
  • इसके बाद मामले की एसीजे सीनियर डिवीजन राहुल सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई और तीनों आरोपियों कलुआ, नितिन और राजकुमार से भी देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया.
  • तीनों के अधिवक्ता संजय शर्मा का कहना है कि देशद्रोह की धारा 124 ए के लिए प्रदेश सरकार की अनुमति आवश्यक होती है, लेकिन पुलिस ने प्रदेश सरकार से इसमें कोई अनुमति नहीं ली.
  • इसके बाद इस पर एसीजे सीनियर डिवीजन राहुल सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई और उन्होंने तीनों आरोपियों से देशद्रोह की धारा को हटा दिया.
  • अब तक जितने भी आरोपी स्याना हिंसा प्रकरण में सलाखों के पीछे हैं, उन पर कई धाराओं और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत है.
  • बता दें कि इस मामले में प्रशांत नट, राहुल, डेविड, लोकेंद्र और जॉनी पर कई धाराएं लगी हुई हैं.
  • इसके अलावा उन पर 302 और 395 धारा भी लगी हुई है.
  • गोवंश अवशेष मिलने के बाद स्याना कोतवाली क्षेत्र की चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हिंसा का जो तांडव हुआ था उसमें एक इंस्पेक्टर समेत युवक की जान चली गई थी, जिसमें पुलिस अब तक मृतक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पिस्टल को बरामद नहीं कर पाई है.
Intro:पिछले साल 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना में जो हिंसा और आगजनी की घटना हुई थी उसमें पूर्व में जहां 38 लोगों से देशद्रोह की धारा हटा दी गई थी, वही आज कोर्ट में सुनवाई के बाद तीन और हिंसा के आरोपियों से देशद्रोह की धारा समाप्त कर दी गई है काबिले गौर है कि स्याना कोतवाली के चिंगरावठी में गोवंश अवशेष मिलने के बाद भड़की हिंसा में एक इंस्पेक्टर और एक नव युवक की जान चली गयी थी।


Body:पिछले वर्ष 3 दिसंबर को बुलंदशहर के शर्मा हिंसा प्रकरण में जहां पिछले दिनों 38 आरोपियों से देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया था तो वहीं आज जब सीओ स्याना ने सीजेएम कोर्ट में आरोपपत्र लगाया तो इसमें आरोपी पक्ष के अधिवक्ता संजय शर्मा ने बहस की जिसके बाद सीजेएम कोर्ट से इस मामले को एसीजे सीनियर डिवीजन राहुल सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई और तीनों आरोपियों कलुआ ,नितिन और राजकुमार से भी देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया।
तीनों के अधिवक्ता संजय शर्मा का कहना था कि पुलिस के पास पर्याप्त समय था और देशद्रोह की धारा 24 ए के लिए प्रदेश सरकार की अनुमति आवश्यक होती है ,लेकिन पुलिस ने उसके बावजूद भी प्रदेश सरकार से इसमें कोई अनुमति नहीं ली जिसके बाद इस पर एसीजे सीनियर डिवीजन राहुल सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई और उन्होंने तीनों आरोपियों से देशद्रोह की धारा को हटा दिया, काबिले गौर है कि अब तक जितने भी आरोपी स्याना हिंसा प्रकरण में सलाखों के पीछे हैं उन सभी पर धारा 147, 148 ,149, 332, 333 ,336, 341, 307, 427 ,आईपीसी धारा 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट 3/4 सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत है ।
हम आपको बता दें कि इस मामले में प्रशांत नट, राहुल, डेविड, लोकेंद्र और जॉनी पर जहां यह सभी उपरोक्त धाराएं लगी हुई हैं, वहीं इन धाराओं के अलावा 302 और 395 धारा और लगी हुई है । फिलहाल इस मामले में आज कोर्ट के द्वारा तीन और आरोपियों को से देशद्रोह की धारा हटने के बाद कहीं ना कहीं पुलिस की इस पूरे मामले से पकड़ कमजोर होती दिख रही है। काबिले गौर है कि महाव गांव में गोवंशों के अवशेष मिलने के बाद स्याना कोतवाली क्षेत्र की चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हिंसा का जो तांडव हुआ था उसमें एक इंस्पेक्टर समेत नवयुवक की जान चली गई थी जिसमें पुलिस अभी तक भी म्रतक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पिस्टल को बरामद नहीं कर पाई है ,जो कि बुलन्दशहर पुलिस के लिए चुनोती बनी हुई है।

बाइट...संजय शर्मा,आरोपी पक्ष के अधिवक्ता
पीटीसी....श्रीपाल तेवतिया।


Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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