बुलंदशहर: पिछले साल 3 दिसंबर को जिले के स्याना में हुई हिंसा और आगजनी की घटना में पहले ही 38 लोगों से देशद्रोह की धारा हटा दी गई थी. वहीं सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के बाद तीन और हिंसा के आरोपियों से देशद्रोह की धारा समाप्त कर दी गई है. बता दें कि स्याना कोतवाली के चिंगरावठी में गोवंश अवशेष मिलने के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और युवक सुमित की जान चली गयी थी.
क्या है पूरा मामला-
- पिछले वर्ष 3 दिसंबर को बुलंदशहर के हिंसा प्रकरण में 38 आरोपियों से देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया था.
- वहीं सोमवार को जब सीओ स्याना ने सीजेएम कोर्ट में आरोप पत्र लगाया तो इसमें आरोपी पक्ष के अधिवक्ता संजय शर्मा ने बहस की.
- इसके बाद मामले की एसीजे सीनियर डिवीजन राहुल सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई और तीनों आरोपियों कलुआ, नितिन और राजकुमार से भी देशद्रोह की धारा को हटा दिया गया.
- तीनों के अधिवक्ता संजय शर्मा का कहना है कि देशद्रोह की धारा 124 ए के लिए प्रदेश सरकार की अनुमति आवश्यक होती है, लेकिन पुलिस ने प्रदेश सरकार से इसमें कोई अनुमति नहीं ली.
- इसके बाद इस पर एसीजे सीनियर डिवीजन राहुल सिंह की कोर्ट में सुनवाई हुई और उन्होंने तीनों आरोपियों से देशद्रोह की धारा को हटा दिया.
- अब तक जितने भी आरोपी स्याना हिंसा प्रकरण में सलाखों के पीछे हैं, उन पर कई धाराओं और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत है.
- बता दें कि इस मामले में प्रशांत नट, राहुल, डेविड, लोकेंद्र और जॉनी पर कई धाराएं लगी हुई हैं.
- इसके अलावा उन पर 302 और 395 धारा भी लगी हुई है.
- गोवंश अवशेष मिलने के बाद स्याना कोतवाली क्षेत्र की चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हिंसा का जो तांडव हुआ था उसमें एक इंस्पेक्टर समेत युवक की जान चली गई थी, जिसमें पुलिस अब तक मृतक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पिस्टल को बरामद नहीं कर पाई है.