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इस द्रोणाचार्य ने खेल के जरिए बदल दी कई युवाओं की जिंदगी

बुलंदशहर के रहने वाले राकेश कुमार शर्मा 17 बार कबड्डी में नेशनल स्तर पर खेलने के बाद अब युवाओं को खेल के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं. वहीं युवा भी राकेश कुमार का द्रोणाचार्य की तरह सम्मान करते हैं. यहां प्रशिक्षण लेने वाले सभी युवा करीब तीन घंटे तक प्रशिक्षण लेते हैं साथ ही राकेश की सारी बातों को ध्यान से सुनते हैं और उनका अनुसरण करते हैं.

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Published : Jun 13, 2019, 2:41 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

युवाओं को खेल के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं राकेश कुमार.

बुलंदशहर: कबड्डी में नेशनल स्तर पर खेलने वाले राकेश कुमार शर्मा अब युवाओं को प्रशिक्षित करने का काम कर रहे हैं. राकेश युवाओं को बिना किसी फीस के प्रशिक्षित करते हैं. यहां प्रशिक्षण लेने के बाद से कई युवा देश भर में जिले का नाम रोशन किया है.

युवाओं को खेल के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं राकेश कुमार.

खेल को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित करते हैं राकेश

  • कबड्डी के नेशनल प्लेयर राकेश कुमार शर्मा युवाओं को खेल के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं.
  • राकेश कुमार 17 बार कबड्डी प्लेयर के तौर पर नेशनल स्तर पर खेल चुके हैं.
  • खेल कोटे से विद्युत विभाग में नौकरी करने के बाद भी वह खेल से जुड़े रहे.
  • नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद अब राकेश युवाओं को खेल के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं.
  • राकेश कुमार से प्रशिक्षण लेने के बाद से कई युवा देश भर में जिले का नाम रोशन कर रहे हैं.
  • राकेश युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए करीब तीन घंटे से ज्यादा समय देते हैं.
  • वहीं यहां प्रशिक्षण लेने वाले कई युवा सेना में भी जाने की इच्छा रखते हैं.

बुलंदशहर: कबड्डी में नेशनल स्तर पर खेलने वाले राकेश कुमार शर्मा अब युवाओं को प्रशिक्षित करने का काम कर रहे हैं. राकेश युवाओं को बिना किसी फीस के प्रशिक्षित करते हैं. यहां प्रशिक्षण लेने के बाद से कई युवा देश भर में जिले का नाम रोशन किया है.

युवाओं को खेल के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं राकेश कुमार.

खेल को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित करते हैं राकेश

  • कबड्डी के नेशनल प्लेयर राकेश कुमार शर्मा युवाओं को खेल के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं.
  • राकेश कुमार 17 बार कबड्डी प्लेयर के तौर पर नेशनल स्तर पर खेल चुके हैं.
  • खेल कोटे से विद्युत विभाग में नौकरी करने के बाद भी वह खेल से जुड़े रहे.
  • नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद अब राकेश युवाओं को खेल के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं.
  • राकेश कुमार से प्रशिक्षण लेने के बाद से कई युवा देश भर में जिले का नाम रोशन कर रहे हैं.
  • राकेश युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए करीब तीन घंटे से ज्यादा समय देते हैं.
  • वहीं यहां प्रशिक्षण लेने वाले कई युवा सेना में भी जाने की इच्छा रखते हैं.
Intro: आज की नई पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक के तौर पर बुलंदशहर में जाने जाते हैं कबड्डी के नेशनल प्लेयर रह चुके राकेश कुमार शर्मा, जो कि युवाओं को हर दिन निशुल्क प्रशिक्षित कर बने हैं उनके मार्गदर्शी। अब तक दर्जनों युवा इनसे प्रशिक्षण के बाद देश भर में कर रहे हैं बुलन्दशहर जनपद का झंडा बुलन्द।देखिये इटीवी भारत की बुलन्दशहर से ये विशेष खबर।


Body:यूं तो राकेश शर्मा बुलंदशहर में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, करीब 17 बार बतौर कबड्डी प्लेयर नेशनल खेल चुके,राकेश शर्मा ने अब तक सेंकडों युवाओं की तकदीर बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खेल कोटे से 1977 में राकेश विधुत विभाग में भर्ती हुए थे,लेकिन क्लेरिकल जॉब के साथ साथ अपने खेल से हमेशा जुड़े रहे ,अनेकों खिलाड़ी अब तक इनसे शिक्षा दीक्षा लेकर प्रदेश और देश की टीम में जाकर मुकाम पा चुके हैं,दिसम्बर 2017 में विधुत विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद फिर से राकेश शर्मा ने रूख किया प्ले ग्राउंड की तरफ और धीरे धीरे युवा उनकी तरफ आकर्षित होते रहे और राकेश उन्हें प्रशिक्षित करते रहे ,और यही वजह है कि आज इनके बताए मार्गदर्शन से सेंकडों युवा मेहनत के बल पर सेना से लेकर खेल के मैदान तक में छाए हैं और जिले के नाम को रोशण कर रहे हैं,और जो सबसे खास बात है वो ये है कि किसी भी बच्चे से कभी कोई पैसा इन्होंने फीस के नाम पर नहीं वसूला ,जब प्रेक्टिस का समय शुरू हो जाता है तो बारीकी से सभी को समझाते हैं ,और कई बार तो मार तक भी कई युवाओं पर पड़ जाया करती है ,लेकिन ये इस द्रोणाचार्य का सिखाने का तरीका है कि कभी किसी ने अपने गुरु के सम्मान में कमी नहीं की।और सीखने की ललक जिसमे होती है उसको निखरने में देर नहीं लगती,अब तो कबड्डी की कई टीमों में भी इन्हीं से प्रशिक्षण लेकर गए हुए युवा वर्तमान में एक मुकाम पर हैं, ईटीवी भारत में कुछ ऐसे युवाओं से बात की तो युवाओं में साफ तौर से अपने गुरु के लिए सम्मान नजर आया प्रशिक्षण के दौरान जिन युवाओं पर कई बार राकेश शर्मा सख्त नजर आते हैं, वह युवा भी उनकी तारीफ करते नजर आए । अब तो आए दिन कोई न कोई युवा उनके पास प्रशिक्षण के लिए आया करता है, इतना ही नहीं उन्होंने सभी के लिए अलग अलग बैच की व्यवस्था की हुई है और उनकी कठिन ट्रेनिंग में अगर उनके पास कुछ दिन कोई रुक गया तो समझ लो वह संवर गया।युवा हर दिन ट्रेनिग के लिए काफी संख्या में आते हैं तो वहीं बालिकाओं को भी राकेश दांव पेंच सिखाते देखे जा सकते हैं।हर दिन करीब तीन से साढ़े तीन घण्टे तक राकेश शर्मा अपनी उम्र को एक तरफ रखकर युवाओं के संग किसी युवा की तरह ही अखाड़े में खिलाड़ियों और फिजिकल फिटनेस पर ध्यान देने वालों का मार्गदर्शन करते देखे जा सकते हैं।हर कोई अपनी गुरु की तारीफ करता देखा जा सकता है ,तो वहीं बुनियादी जरूरतों की जहां तक बात है तो शहर के प्रसिद्ध शर्मा इंटर कॉलेज प्रबंधन भी राकेश शर्मा का पूरा सहयोग करते हैं और हर दिन यहां युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है।जिसमे तैयारी करने वाले विशेष तौर से सेना की तैयारी या फिर खिलाड़ी बनने की ललक लिए हर दिन कोई न कोई राकेश शर्मा से समय लेकर उनसे प्रशिक्षण लेना चाहता है।फिलहाल इस गुरु के पास लोग अपने सपने लेकर आते हैं और उन्हें तराश कर उन्हें नई पहचान दिला रहे हैं राकेश शर्मा। आज जहां इंसान पर अपने लिए समय नहीं है, ऐसे में पूरा समय आज की युवा पीढ़ी के नाम करके राकेश शर्मा बने हुए हैं जिले के अनेकों युवाओं के मार्गदर्शी। one to one....with राकेश शर्मा एवम युवा ।


Conclusion:shripal teotia, बुलन्दशहर, 9213400888.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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