बुलंदशहर: विगत दिनों गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र में एक कॉलोनी से एक महिला का अज्ञात शव पुलिस को सूटकेस में मिला था. इसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने अपने स्तर से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से शव की शिनाख्त की तमाम कोशिशें की. जिसके बाद अलीगढ़ जिले के हरदुआगंज के रहने वाले एक युवक ने शव की शिनाख्त करते हुए कहा था कि सूटकेश में जो डेडबॉडी साहिबाबाद पुलिस को मिली थी, वह डेडबॉडी उसकी बहन की है.
वरीशा के भाई ने पहचाना था शव
वरीशा के कत्ल के आरोप में उसके मायके वालों ने बुलन्दशहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसकी बहन को ससुराल पक्ष की तरफ से दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था और हत्या के आरोप में वरीशा के भाई की शिनाख्त पर वरीशा के पति समेत सास-ससुर को भी जेल भेज दिया गया था.
वरीशा के भाई ने दर्ज कराई थी FIR
अलीगढ़ के हरदुआगंज की रहने वाली वरीशा का निकाह 1 जून को बुलंदशहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला इस्लामाबाद के आमिर नामक युवक के साथ हुआ था. इस मामले में आमिर ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी भी कोतवाली में दर्ज कराई थी. उसका कहना था कि उसकी पत्नी कुछ नकदी और जेवरात लेकर अचानक घर से चली गई है, लेकिन गाजियाबाद के साहिबाबाद में सूटकेश में एक डेडबॉडी मिली. सूटकेस में रखी डेडबॉडी को वरीशा के भाई ने वरीशा की बताई थी. तब पुलिस ने उसी के भाई के बयान पर ध्यान देते हुए इस मामले का खुलासा ही कर दिया था.
अलीगढ़ में जीवित मिली वरीशा
वरीशा अलीगढ़ में जीवित मिली है. देखना ये है कि जांच के बाद अब किस पर इस लापरवाही की गाज गिरती है. वरीशा के जिंदा वापस आने के बाद यह सवाल अब भी बना हुआ है कि आखिर सूटकेस में मिला शव किसका था. बुलंदशहर पुलिस के साथ गाजियाबाद पुलिस पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
'शव का डीएनए रखा गया है सुरक्षित'
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि वरीशा 1 जुलाई को मायके से ससुराल आई थी, तब उसके ससुरालियों ने उसके गहने छीन लिए थे और उसके साथ मारपीट की थी. जिससे दुखी होकर वह घर छोड़कर 23 जुलाई को चली गई थी. वह नोएडा जाकर एक महिला के साथ रह रही थी. वह वापस अलीगढ़ आकर थाने में जाकर महिला सिपाही से सारी बातें बताई. एसपी ने बताया कि युवती के भाई ने ससुरालियों पर जो आरोप लगाएं हैं, उसमें हत्या की धारा को हटाकर दहेज उत्पीड़न का मामला चलाया जाएगा.
एसएसपी ने बताया कि सूटकेस में बरामद शव का विसरा और डीएनए सुरक्षित रखा गया था. गाजियाबाद पुलिस को यह जानकारी दे दी जाएगी कि शव का गलत शिनाख्त हुआ था.