ETV Bharat / state

बुलंदशहर को जलभराव से मिलेगी निजात, सीवर लाइन की खुदाई से राहगीर परेशान

बुलंदशहर में 2020 की शुरुआत से ही नगर पालिका और सरकारी मशीनरी शहर को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने में जुट गई. बावजूद इसके जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल सकी. हल्की बारिश में ही शहर टापू बन जाता है. वहीं सीवर लाइन निर्माण कार्य के दौरान खुदाई से होने वाली परेशानियों से जनता को जूझना पड़ रहा है.

author img

By

Published : Jan 1, 2021, 8:41 PM IST

बुलंदशहर: वर्ष 2020 की शुरुआत से ही नगर पालिका और सरकारी मशीनरी शहर को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने में जुट गई. बावजूद इसके जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल सकी. हल्की बारिश में ही शहर टापू बन जाता है. शहर के 30 से अधिक मोहल्ले बरसात में जलभराव झेलते हैं. सीवर नाले कचरे और पॉलिथीन से भरे पड़े हैं. इसी के चलते ड्रेनेज की व्यवस्था सही नहीं है.

शहर के 30 से अधिक मोहल्ले जलभराव की समस्या से जूझते हैं
अमृत योजना से सीवर लाइन का निर्माण
फरवरी 2020 में सीवर लाइन का निर्माण कार्य पूरा होना था, लेकिन अभी तक यह अधूरा पड़ा है. सीवर लाइन निर्माण कार्य के दौरान खुदाई से होने वाली परेशानियों से जनता को जूझना पड़ रहा है. सीवर लाइन निर्माण कार्य के चलते सालभर शहर की सड़कें टूटी पड़ी हैं. सीवर लाइन की खुदाई से वर्षभर सड़कों पर धूल उड़ती रही. इससे लोगों को आंखों से संबंधित दिक्कते महसूस होने लगी. सीवर लाइन की खुदाई के चलते जिले में प्रदूषण भी बढ़ा है. निर्माण कार्य में आ रही बाधाओं के चलते अब नव वर्ष 2021 में ही सीवर लाइन का कार्य पूरा होगा. शिविर का पानी शहर के नालों में डाला जाएगा. इसके लिए 42 करोड़ रुपए की लागत से एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाया जा रहा है. पालिका के अधिकारियों का भी कहना है कि कोरोना संक्रमण और प्रदूषण के कारण सिविल लाइन का निर्माण कार्य को रोकना पड़ा, लेकिन वर्ष 2021 में इसे पूरा कर लिया जाएगा. इससे शहर के लोगों को जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी.


साफ नहीं हो सके नाले

करोड़ों रुपए खर्च होने और लंबी कवायद के बाद आज भी नालों में शिल्ट और कचरे भरे पड़े हैं. शहर में छोटे-बड़े 38 नाले हैं. इन को साफ करने के लिए मानसून आने से पहले जून माह में अभियान चलता है. इसके अलावा भी नगरपालिका साल में दो बार सफाई कर्मचारियों और जेसीबी से इन्हें साफ करवाती है, इसके बावजूद नाले आज भी कचरे से भरे पड़े हैं.

अमृत योजना के विषय में क्या कहते हैं चेयरमैन

नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष मनोज गर्ग ने कहा कि "नगर में अमृत योजना के तहत सीवर का कार्य चल रहा है. इससे जनता नगर पालिका सभी लोग त्रस्त हैं. नगर की पूरी पाइपलाइन इन लोगों ने डैमेज कर दी है. साथ ही सड़कों को खोद कर खराब कर दिया है. पिछली बार शिकायत की गई थी की मेनहोल से गंदा पानी बहना चालू हो गया है. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री सबको हमने पत्र भेज दिया है. सरकार इसको सुनेगी और इस पर करवाई भी करेगी."

बुलंदशहर: वर्ष 2020 की शुरुआत से ही नगर पालिका और सरकारी मशीनरी शहर को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने में जुट गई. बावजूद इसके जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल सकी. हल्की बारिश में ही शहर टापू बन जाता है. शहर के 30 से अधिक मोहल्ले बरसात में जलभराव झेलते हैं. सीवर नाले कचरे और पॉलिथीन से भरे पड़े हैं. इसी के चलते ड्रेनेज की व्यवस्था सही नहीं है.

शहर के 30 से अधिक मोहल्ले जलभराव की समस्या से जूझते हैं
अमृत योजना से सीवर लाइन का निर्माणफरवरी 2020 में सीवर लाइन का निर्माण कार्य पूरा होना था, लेकिन अभी तक यह अधूरा पड़ा है. सीवर लाइन निर्माण कार्य के दौरान खुदाई से होने वाली परेशानियों से जनता को जूझना पड़ रहा है. सीवर लाइन निर्माण कार्य के चलते सालभर शहर की सड़कें टूटी पड़ी हैं. सीवर लाइन की खुदाई से वर्षभर सड़कों पर धूल उड़ती रही. इससे लोगों को आंखों से संबंधित दिक्कते महसूस होने लगी. सीवर लाइन की खुदाई के चलते जिले में प्रदूषण भी बढ़ा है. निर्माण कार्य में आ रही बाधाओं के चलते अब नव वर्ष 2021 में ही सीवर लाइन का कार्य पूरा होगा. शिविर का पानी शहर के नालों में डाला जाएगा. इसके लिए 42 करोड़ रुपए की लागत से एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाया जा रहा है. पालिका के अधिकारियों का भी कहना है कि कोरोना संक्रमण और प्रदूषण के कारण सिविल लाइन का निर्माण कार्य को रोकना पड़ा, लेकिन वर्ष 2021 में इसे पूरा कर लिया जाएगा. इससे शहर के लोगों को जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी.


साफ नहीं हो सके नाले

करोड़ों रुपए खर्च होने और लंबी कवायद के बाद आज भी नालों में शिल्ट और कचरे भरे पड़े हैं. शहर में छोटे-बड़े 38 नाले हैं. इन को साफ करने के लिए मानसून आने से पहले जून माह में अभियान चलता है. इसके अलावा भी नगरपालिका साल में दो बार सफाई कर्मचारियों और जेसीबी से इन्हें साफ करवाती है, इसके बावजूद नाले आज भी कचरे से भरे पड़े हैं.

अमृत योजना के विषय में क्या कहते हैं चेयरमैन

नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष मनोज गर्ग ने कहा कि "नगर में अमृत योजना के तहत सीवर का कार्य चल रहा है. इससे जनता नगर पालिका सभी लोग त्रस्त हैं. नगर की पूरी पाइपलाइन इन लोगों ने डैमेज कर दी है. साथ ही सड़कों को खोद कर खराब कर दिया है. पिछली बार शिकायत की गई थी की मेनहोल से गंदा पानी बहना चालू हो गया है. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री सबको हमने पत्र भेज दिया है. सरकार इसको सुनेगी और इस पर करवाई भी करेगी."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.