बुलंदशहर: वर्ष 2020 की शुरुआत से ही नगर पालिका और सरकारी मशीनरी शहर को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने में जुट गई. बावजूद इसके जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल सकी. हल्की बारिश में ही शहर टापू बन जाता है. शहर के 30 से अधिक मोहल्ले बरसात में जलभराव झेलते हैं. सीवर नाले कचरे और पॉलिथीन से भरे पड़े हैं. इसी के चलते ड्रेनेज की व्यवस्था सही नहीं है.
साफ नहीं हो सके नाले
करोड़ों रुपए खर्च होने और लंबी कवायद के बाद आज भी नालों में शिल्ट और कचरे भरे पड़े हैं. शहर में छोटे-बड़े 38 नाले हैं. इन को साफ करने के लिए मानसून आने से पहले जून माह में अभियान चलता है. इसके अलावा भी नगरपालिका साल में दो बार सफाई कर्मचारियों और जेसीबी से इन्हें साफ करवाती है, इसके बावजूद नाले आज भी कचरे से भरे पड़े हैं.
अमृत योजना के विषय में क्या कहते हैं चेयरमैन
नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष मनोज गर्ग ने कहा कि "नगर में अमृत योजना के तहत सीवर का कार्य चल रहा है. इससे जनता नगर पालिका सभी लोग त्रस्त हैं. नगर की पूरी पाइपलाइन इन लोगों ने डैमेज कर दी है. साथ ही सड़कों को खोद कर खराब कर दिया है. पिछली बार शिकायत की गई थी की मेनहोल से गंदा पानी बहना चालू हो गया है. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री सबको हमने पत्र भेज दिया है. सरकार इसको सुनेगी और इस पर करवाई भी करेगी."