बुलंदशहर: अनामिका शुक्ला का बुलंदशहर कनेक्शन इन दिनों विभाग के लिए सिरदर्द बना हुआ है. इसका कोई जवाब विभाग के किसी भी अधिकारी के पास नहीं है. पिछले दिनों बुलंदशहर जिले के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में अनामिका शुक्ला की फर्जी नियुक्ति को लेकर जांच पड़ताल कराई गई, तो वहीं बीएसए के मुताबिक स्याना के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में वार्डन रही अनामिका शुक्ला के नाम से विभाग के पास कोई रिकॉर्ड ही नहीं है.
विभाग के अधिकारियों को पता नहीं कि अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी किसने की और किसने उसका मानदेय लिया. जब इस बात की जानकारी कस्तूरबा गांधी विद्यालय के समन्वयक (समेकित) पंकज कुमार गुप्ता से मांगी गई, तो वो जांच कर रिपोर्ट देने की बात कर रहे हैं.
बेसिक शिक्षा अधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है. आवेदन पत्र पर अनामिका का धुंधला फोटो लगा हुआ था. इससे समझा सकता है कि इसे लगाने में भी धांधली हुई है. इसकी पड़ताल की जा रही है. मामला सितंबर 2018 से मई 2019 के दौरान का है. इस समय बीएसए के तौर पर अमरीश कुमार यादव तैनात थे. हालांकि उन्होंने बताया कि यहां सितंबर से लेकर मई 19 तक मानदेय कस्तूरबा में पढ़ाने वाली अनामिका शुक्ला के नाम पर विभाग की तरफ से दिया गया है. बीएसए अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि जिले के तीन तेजतर्रार एबीएसए की जांच टीम बनाकर इस मामले के खुलासे के लिए लगाया गया है.
कस्तूरबा गांधी विद्यालय मे 2 अक्टूबर, 15 अगस्त और 26 जनवरी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ करते हैं तो ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसे कार्यक्रमों में विद्यालय में मौजूद अनामिका शुक्ला की एक भी तस्वीर नहीं मिली. सवाल ये भी उठता है कि इतने बड़े फर्जीवाड़ा का मास्टरमाइंड आखिर कौन है.
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