ETV Bharat / state

बुलन्दशहर: हिंसा में शांत करने में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने निभाई थी अहम भूमिका

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में पुलिस ने अज्ञात 800 और 25 नामजद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है. इस हिंसा को शांत करने में स्थानीय मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने अहम भूमिका निभाई.

etv bharat
बुलन्दशहर हिंसा शांत करने में मुस्लिमों की अहम भूमिका.
author img

By

Published : Dec 21, 2019, 3:15 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: शहर में शुक्रवार को हुई हिंसा के दौरान तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं, जबकि लगभग 800 अज्ञात लोगों के खिलाफ और करीब 25 नामजद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. इस दंगे को शांत करने में शहर के स्थानीय कुछ मुस्लिम समुदाय से जुड़े शहर के नामी लोगों की भी मदद लेनी पड़ी थी. उसके बाद ही हालात सामान्य हो पाए थे.

जानकारी देते संवाददाता.

जानिए दंगे में अब तक क्या हुआ

  • उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई.
  • इस मामले में प्रशासन ने कुल तीन एफआईआर दर्ज कराई है.
  • एसएसपी संतोष कुमार के मुताबिक पहली एफआईआर काला आम चौराहे पर कुछ लोगों द्वारा 144 धारा का उल्लंघन करने और सरकारी कर्मचारियों को अपना दायित्व पूरा करने में बाधा उत्पन्न करने पर की गई है.
  • दूसरा मुकदमा पुलिस की सरकारी गाड़ी के ड्राइवर ने दर्ज कराया है, जो गाड़ी जला दी गई थी.
  • तीसरा मुकदमा कोतवाली नगर प्रभारी अरुणा राय के द्वारा दर्ज कराया गया है, जिसमें 25 नामजद और लगभग 800 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

इन धाराओं में दर्ज हुए मुकदमें

  • उसमें धारा 147/148/149/307/395/436 आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 की धारा 7 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 34 जबकि संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के तहत धारा 4 में मुकदमा दर्ज किया गया है.
  • काला आम चौकी इंचार्ज की तरफ से कराई गई एफआईआर में 147/332/353/341 और 188 की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
  • इंस्पेक्टर कोतवाली नगर की तरफ से जो एफआईआर दर्ज कराई गई है, उसमें धारा 147/148/149/395/341/332/353/336/ 307/427 धारा 34 धारा 73 में मामला दर्ज किया गया है.

एसएसपी संतोष कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भड़काने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. इस दंगे के दौरान जब पत्थरबाजी पुलिस पर लगातार हो रही थी तब प्रशासन को बचाव में आंसू गैस और रबर की बुलेट चलानी पड़ी थी. फिलहाल मुस्लिम समाज के कुछ क्षेत्रीय नागरिकों के सहयोग से बवाल को शांत कराया लिया गया था.

बुलंदशहर: शहर में शुक्रवार को हुई हिंसा के दौरान तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं, जबकि लगभग 800 अज्ञात लोगों के खिलाफ और करीब 25 नामजद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. इस दंगे को शांत करने में शहर के स्थानीय कुछ मुस्लिम समुदाय से जुड़े शहर के नामी लोगों की भी मदद लेनी पड़ी थी. उसके बाद ही हालात सामान्य हो पाए थे.

जानकारी देते संवाददाता.

जानिए दंगे में अब तक क्या हुआ

  • उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई.
  • इस मामले में प्रशासन ने कुल तीन एफआईआर दर्ज कराई है.
  • एसएसपी संतोष कुमार के मुताबिक पहली एफआईआर काला आम चौराहे पर कुछ लोगों द्वारा 144 धारा का उल्लंघन करने और सरकारी कर्मचारियों को अपना दायित्व पूरा करने में बाधा उत्पन्न करने पर की गई है.
  • दूसरा मुकदमा पुलिस की सरकारी गाड़ी के ड्राइवर ने दर्ज कराया है, जो गाड़ी जला दी गई थी.
  • तीसरा मुकदमा कोतवाली नगर प्रभारी अरुणा राय के द्वारा दर्ज कराया गया है, जिसमें 25 नामजद और लगभग 800 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

इन धाराओं में दर्ज हुए मुकदमें

  • उसमें धारा 147/148/149/307/395/436 आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 की धारा 7 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 34 जबकि संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के तहत धारा 4 में मुकदमा दर्ज किया गया है.
  • काला आम चौकी इंचार्ज की तरफ से कराई गई एफआईआर में 147/332/353/341 और 188 की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
  • इंस्पेक्टर कोतवाली नगर की तरफ से जो एफआईआर दर्ज कराई गई है, उसमें धारा 147/148/149/395/341/332/353/336/ 307/427 धारा 34 धारा 73 में मामला दर्ज किया गया है.

एसएसपी संतोष कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भड़काने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. इस दंगे के दौरान जब पत्थरबाजी पुलिस पर लगातार हो रही थी तब प्रशासन को बचाव में आंसू गैस और रबर की बुलेट चलानी पड़ी थी. फिलहाल मुस्लिम समाज के कुछ क्षेत्रीय नागरिकों के सहयोग से बवाल को शांत कराया लिया गया था.

Intro:बुलन्दशहर में शुक्रवार को हुई हिंसा के दौरान तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं,जबकि सात सौ से आठ सौ अज्ञात के खिलाफ व करीब 25 के खिलाफ नामदर्ज रिपोर्ट की गई है,इस दंगे को शांत करने में वर्षसँ ने स्तानीय कुछ मुस्लिम समुदाय से जुड़े शहर के नामी लोगों की भी मदद लेनी पड़ी थी उसके बाद ही हालात सामान्य हो पाए थे।


Body:

जानिए दंगे में अब यक क्या हुआ.....

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सीए और एनआरसी बिल के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में बुलंदशहर प्रशासन ने कुल तीन एफ आई आर दर्ज कराई है इस बाबत एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने जो जानकारी दी थी उसके मुताबिक उनके मुताबिक पहली f.i.r. काला आम चौराहे पर कुछ लोगों द्वारा 144 धारा का उल्लंघन किया गया और सरकारी अधिकारी कर्मचारियों को अपना दायित्व पूरा करने में बाधा उत्पन्न की गई तो वह दूसरा मुकदमा पुलिस की सरकारी गाड़ी के ड्राइवर ने दर्ज कराया है जो गाड़ी जला दी गई थी इस कारण से मुकदमा यहां दर्ज किया गया है वहीं तीसरा मुकदमा कोतवाली नगर प्रभारी अरुणा राय के द्वारा दर्ज कराया गया है जिसमें 20 25 नामजद सात आठ सौ अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई है उसमें धारा 147 ,148 149, 307,395,436 आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 की धारा 7 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 34 जबकि संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के तहत धारा 4 में मुकदमा दर्ज किया गया है जबकि काला चौकी इंचार्ज की तरफ से कोई f.i.r. में 147, 332, 353 ,341 और 188 की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है साथ ही इंस्पेक्टर कोतवाली नगर की तरफ से जो एफ आई आर दर्ज कराई गई है उसमें धारा 147, 148 ,149 ,395, 341 332, 353 ,336, 307 ,427 धारा 34 धारा 73 और धारा चमके में मामला दर्ज किया गया है हिंसा के दौरान पुलिस की एक दंगा विरोधी प्रदर्शनों को प्रदर्शनकारियों द्वारा छीन ली गई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की तरफ से हुई फायरिंग में इस्तेमाल हुए 315 बोर के कॉटेज भी बरामद किए हैं यह सब अवैध असला द्वारा चलाए गए कॉटेज हैं सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पहचान की जा रही है डेढ़ दर्जन लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है पुलिस प्रशासन लगातार गश्त कर रहा है संयुक्त रूप से की जा रही है संतोष कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भड़काने वालों को बख्शा नहीं जाएगा,फिलहाल इस दंगे के दौरान जब पत्थरबाजी ऊपरकोट इलाके में पुलिस पर लगातार वार पर वार कर रहे थे ,तब प्रशासन को बचाव में आंसू गैस और रबर की बुलेट चलानी पड़ी थीं।फिलहाल मुस्लिम समाज के कुछ क्षेत्रीय नागरिकों के सहयोग से बबाल को शांत कराया लिया गया था।


Conclusion:9213400888,
shripal teotia,
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.