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बुलंदशहर: ऐसे हुए हालात, ड्यूटी और मजदूरी दोनों कर रहे होमगार्ड्स - homeguards in bulandshahr not getting pay

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 300 होमगार्ड्स को पिछले 6 महीने से मानदेय नहीं मिला है. होमगार्ड्स को गुजर-बसर करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कई होमगार्ड्स ड्यूटी के बाद मजदूरी करके घर चला रहे हैं.

homeguards
होमगार्ड्स.
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Published : Jul 4, 2020, 4:44 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: जिले में करीब 300 होमगार्ड्स को पिछले 6 महीने से मानदेय नहीं मिला है, लेकिन उसके बावजूद होमगार्डस अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. इतना ही नहीं ड्यूटी के अलावा मजबूरन अब ये कर्मी अपने घर का खर्चा चलाने के लिए अलग से मजदूरी भी कर रहे हैं. सरकार पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि कोरोना संकटकाल में इनकी सुध क्यों नहीं ली जा रही है.

देशभर में कोरोना संक्रमण काल चल रहा है. ऐसे में देखा जा रहा है कि जहां केंद्र और प्रदेश की सरकारें आम आदमी के लिए काफी कारगर कदम उठा रही हैं, लेकिन पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डयूटी करने वाले होमगार्डस कर्मचारियों की हालत शायद सरकार को नहीं मालूम.

दरअसल, प्रवासी कामगारों या अन्य जिले में पंजीकृत मजदूरों के खाते में तो सीधी रकम भी आर्थिक सहायता के तौर पर भेजी गई है. इतना ही नहीं सरकारी योजनाएं इस तरह से बनाई गई हैं कि आम आदमी को संकटकाल में दिक्कतों का सामना न करना पड़े, लेकिन होमगार्ड्स के लिए समस्याएं बनी हुई हैं.

क्यों परेशान हैं जिले के 300 होमगार्डस

प्रदेशभर में होमगार्ड विभाग में प्रत्येक जिले में हजारों होमगार्ड कर्मी तैनात हैं. करीब 2 साल पहले जब उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस की भर्ती प्रक्रिया न होने की वजह से होमगार्डों को यूपी पुलिस के जवानों के साथ लगाया गया था. तब यह तय हुआ था कि अब प्रत्येक जिले में जितने होमगार्ड पुलिसकर्मियों के रिक्तियों के सापेक्ष लिए गए हैं, उनका भुगतान भी पुलिस विभाग की तरफ से ही किया जाएगा.

बुलंदशहर में भी ऐसे 300 होमगार्डकर्मी हैं जिनका भुगतान पुलिस विभाग के द्वारा किया जाता है, लेकिन वर्तमान में जिले में ऐसे इन 300 होमगार्डसकर्मियों की सुध कोई नहीं ले रहा. होमगार्डकर्मियों से जब बात की गई तो उन्होंने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि भूखों मरने की स्थिति बनी हुई है. 6 महीने से एक भी पैसा मानदेय के तौर पर नहीं मिला है. जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि यह अकेले बुलंदशहर की बात नहीं है, बल्कि प्रदेशभर में यह दिक्कत बनी हुई है.

छह महीने से होमगार्ड्स को नहीं मिली पगार.

जिला कमांडेंट होमगार्ड ने दी जानकारी
जिला कमांडेंट होमगार्ड अमरेश कुमार का कहना है कि जिले में 1,070 होमगार्ड कानून व्यवस्था संभालने में लगे हुए हैं. इसमें से 770 होमगार्ड कर्मियों को होमगार्ड विभाग के द्वारा प्रत्येक महीने मास्टररोल तैयार होने के बाद मानदेय दिया जा रहा है. समस्या जिले के 300 होमगार्ड कर्मचारियों के सामने आ रही है, क्योंकि इनका मानदेय का भुगतान पुलिस विभाग की तरफ से होना है.

कई जगहों पर भुगतान की मांग को लेकर होमगार्डकर्मियों ने रोष व्यक्त करते हुए प्रदर्शन भी किया है. कुछ दिनों पहले खुर्जा में होमगार्ड्स ने विरोध जाहिर किया. वहीं डिबाई में भी होमगार्ड कर्मियों ने प्रदर्शन किया. इस बारे में ईटीवी भारत ने शहर के काला आम चौराहा पर तैनात होमगार्ड कर्मियों से बात की तो उन्होंने जो आपबीती बताई वह काफी कष्टकारी थी.

होमागार्ड ने बयां की परेशानियां
होमगार्ड हरलाल सिंह ने बताया कि पिछले 6 महीने से वह ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें एक भी पैसे का भुगतान नहीं हुआ है. यानी ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, वहीं मजबूरन उन्हें कहीं न कहीं जाकर छोटी-मोटी मजदूरी भी करनी पड़ती है. हरलाल सिंह ने बताया कि फरवरी से वह उम्मीद लगाए ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि 6 महीने से परेशानी बनी हुई है, जबकि कोरोना की वजह से तो सरकार ने आम आदमी को सहयोग करने का भरोसा दिलाया है, कई योजना भी चलाई हैं, लेकिन उनकी सुध कोई नहीं ले रहा. हरलाल का कहना है कि उन्हें डयूटी के बाद चूल्हा जलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है और जो उससे दो पैसे मिलते हैं उससे वो घर का खर्चा चला रहा है.

होमगार्ड किशोर स्वरूप का भी कुछ यही कहना है उन्होंने बताया कि बहुत दिक्कत आती है, परिवार का खर्चा नहीं चल पा रहा. किशोर स्वरूप का कहना है कि पता नहीं आखिर होमगार्डस की ही तनख्वाह का इंतजाम क्यों नहीं हो पा रहा. किशोर कहते हैं कि वो रात में किसानों के खेत में जाकर पानी लगाने का कार्य कर रहे हैं ताकि जो दो पैसे मजदूरी के मिलें उससे खर्चा चलाया जा सके.

वहीं होमगार्ड कर्मचारी नरेश सिंह ने बताया कि अफसरों के पास जाते हैं तो आश्वासन मिलता है कि जल्दी भुगतान होगा, लेकिन कब होगा ये नहीं मालूम. अब तक 6 महीने हो चुके हैं. परिवार चलाने में जो दिक्कत आ रही है उसे कोई नहीं समझ सकता.

इस बारे में बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि सम्बन्धित विषय में लगातार शासन से संपर्क में हैं और यह पूरे प्रदेश की ही समस्या है. उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी है कि 300 होमगार्ड कर्मचारी हैं जो अनवरत सेवाएं दे रहे हैं. फरवरी के बाद से लगातार दिक्कतें बनी हुई हैं. इसके सम्पर्क में हैं, लगातार पत्राचार भी हर स्तर से किया जा रहा है और माना जा रहा है कि जल्द ही इनकी समस्या का समाधान होगा. इन सभी कर्मचारियों का मानदेय दिया जाएगा.

जिला कमांडेंट होमगार्ड ने दी जानकारी
इस बारे में जिला होमगार्ड कमांडेंट अमरेश कुमार ने बताया कि पिछले 6 महीने में 300 होमगार्ड कर्मचारियों का मानदेय बकाया है, जिसका भुगतान उनके दायरे से बाहर है और यह भुगतान पुलिस विभाग की तरफ से किया जाता है. इस बारे में पत्राचार लगातार किया जा रहा है और पौने चार करोड़ रुपये 300 होमगार्ड कर्मियों का अब तक बकाया है. ऐसे में शासन को अवगत कराया जा रहा है. कोशिशें की जा रही हैं और उम्मीद है कि अगले महीने तक सब पहले की तरह सामान्य हो जायेगा.

बुलंदशहर: जिले में करीब 300 होमगार्ड्स को पिछले 6 महीने से मानदेय नहीं मिला है, लेकिन उसके बावजूद होमगार्डस अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. इतना ही नहीं ड्यूटी के अलावा मजबूरन अब ये कर्मी अपने घर का खर्चा चलाने के लिए अलग से मजदूरी भी कर रहे हैं. सरकार पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि कोरोना संकटकाल में इनकी सुध क्यों नहीं ली जा रही है.

देशभर में कोरोना संक्रमण काल चल रहा है. ऐसे में देखा जा रहा है कि जहां केंद्र और प्रदेश की सरकारें आम आदमी के लिए काफी कारगर कदम उठा रही हैं, लेकिन पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डयूटी करने वाले होमगार्डस कर्मचारियों की हालत शायद सरकार को नहीं मालूम.

दरअसल, प्रवासी कामगारों या अन्य जिले में पंजीकृत मजदूरों के खाते में तो सीधी रकम भी आर्थिक सहायता के तौर पर भेजी गई है. इतना ही नहीं सरकारी योजनाएं इस तरह से बनाई गई हैं कि आम आदमी को संकटकाल में दिक्कतों का सामना न करना पड़े, लेकिन होमगार्ड्स के लिए समस्याएं बनी हुई हैं.

क्यों परेशान हैं जिले के 300 होमगार्डस

प्रदेशभर में होमगार्ड विभाग में प्रत्येक जिले में हजारों होमगार्ड कर्मी तैनात हैं. करीब 2 साल पहले जब उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस की भर्ती प्रक्रिया न होने की वजह से होमगार्डों को यूपी पुलिस के जवानों के साथ लगाया गया था. तब यह तय हुआ था कि अब प्रत्येक जिले में जितने होमगार्ड पुलिसकर्मियों के रिक्तियों के सापेक्ष लिए गए हैं, उनका भुगतान भी पुलिस विभाग की तरफ से ही किया जाएगा.

बुलंदशहर में भी ऐसे 300 होमगार्डकर्मी हैं जिनका भुगतान पुलिस विभाग के द्वारा किया जाता है, लेकिन वर्तमान में जिले में ऐसे इन 300 होमगार्डसकर्मियों की सुध कोई नहीं ले रहा. होमगार्डकर्मियों से जब बात की गई तो उन्होंने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि भूखों मरने की स्थिति बनी हुई है. 6 महीने से एक भी पैसा मानदेय के तौर पर नहीं मिला है. जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि यह अकेले बुलंदशहर की बात नहीं है, बल्कि प्रदेशभर में यह दिक्कत बनी हुई है.

छह महीने से होमगार्ड्स को नहीं मिली पगार.

जिला कमांडेंट होमगार्ड ने दी जानकारी
जिला कमांडेंट होमगार्ड अमरेश कुमार का कहना है कि जिले में 1,070 होमगार्ड कानून व्यवस्था संभालने में लगे हुए हैं. इसमें से 770 होमगार्ड कर्मियों को होमगार्ड विभाग के द्वारा प्रत्येक महीने मास्टररोल तैयार होने के बाद मानदेय दिया जा रहा है. समस्या जिले के 300 होमगार्ड कर्मचारियों के सामने आ रही है, क्योंकि इनका मानदेय का भुगतान पुलिस विभाग की तरफ से होना है.

कई जगहों पर भुगतान की मांग को लेकर होमगार्डकर्मियों ने रोष व्यक्त करते हुए प्रदर्शन भी किया है. कुछ दिनों पहले खुर्जा में होमगार्ड्स ने विरोध जाहिर किया. वहीं डिबाई में भी होमगार्ड कर्मियों ने प्रदर्शन किया. इस बारे में ईटीवी भारत ने शहर के काला आम चौराहा पर तैनात होमगार्ड कर्मियों से बात की तो उन्होंने जो आपबीती बताई वह काफी कष्टकारी थी.

होमागार्ड ने बयां की परेशानियां
होमगार्ड हरलाल सिंह ने बताया कि पिछले 6 महीने से वह ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें एक भी पैसे का भुगतान नहीं हुआ है. यानी ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, वहीं मजबूरन उन्हें कहीं न कहीं जाकर छोटी-मोटी मजदूरी भी करनी पड़ती है. हरलाल सिंह ने बताया कि फरवरी से वह उम्मीद लगाए ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि 6 महीने से परेशानी बनी हुई है, जबकि कोरोना की वजह से तो सरकार ने आम आदमी को सहयोग करने का भरोसा दिलाया है, कई योजना भी चलाई हैं, लेकिन उनकी सुध कोई नहीं ले रहा. हरलाल का कहना है कि उन्हें डयूटी के बाद चूल्हा जलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है और जो उससे दो पैसे मिलते हैं उससे वो घर का खर्चा चला रहा है.

होमगार्ड किशोर स्वरूप का भी कुछ यही कहना है उन्होंने बताया कि बहुत दिक्कत आती है, परिवार का खर्चा नहीं चल पा रहा. किशोर स्वरूप का कहना है कि पता नहीं आखिर होमगार्डस की ही तनख्वाह का इंतजाम क्यों नहीं हो पा रहा. किशोर कहते हैं कि वो रात में किसानों के खेत में जाकर पानी लगाने का कार्य कर रहे हैं ताकि जो दो पैसे मजदूरी के मिलें उससे खर्चा चलाया जा सके.

वहीं होमगार्ड कर्मचारी नरेश सिंह ने बताया कि अफसरों के पास जाते हैं तो आश्वासन मिलता है कि जल्दी भुगतान होगा, लेकिन कब होगा ये नहीं मालूम. अब तक 6 महीने हो चुके हैं. परिवार चलाने में जो दिक्कत आ रही है उसे कोई नहीं समझ सकता.

इस बारे में बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि सम्बन्धित विषय में लगातार शासन से संपर्क में हैं और यह पूरे प्रदेश की ही समस्या है. उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी है कि 300 होमगार्ड कर्मचारी हैं जो अनवरत सेवाएं दे रहे हैं. फरवरी के बाद से लगातार दिक्कतें बनी हुई हैं. इसके सम्पर्क में हैं, लगातार पत्राचार भी हर स्तर से किया जा रहा है और माना जा रहा है कि जल्द ही इनकी समस्या का समाधान होगा. इन सभी कर्मचारियों का मानदेय दिया जाएगा.

जिला कमांडेंट होमगार्ड ने दी जानकारी
इस बारे में जिला होमगार्ड कमांडेंट अमरेश कुमार ने बताया कि पिछले 6 महीने में 300 होमगार्ड कर्मचारियों का मानदेय बकाया है, जिसका भुगतान उनके दायरे से बाहर है और यह भुगतान पुलिस विभाग की तरफ से किया जाता है. इस बारे में पत्राचार लगातार किया जा रहा है और पौने चार करोड़ रुपये 300 होमगार्ड कर्मियों का अब तक बकाया है. ऐसे में शासन को अवगत कराया जा रहा है. कोशिशें की जा रही हैं और उम्मीद है कि अगले महीने तक सब पहले की तरह सामान्य हो जायेगा.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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