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Gangster Act: गैंगस्टर अधिनियम में ऐतिहासिक फैसला, कोर्ट ने गौकश मकसूद की संपत्ति पर बताया सरकार का हक

उत्तर प्रदेश के इतिहास में गैंगस्टर अधिनियम में ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया. विशेष न्यायाधीश अष्टम गैंगस्टर प्रशांत मित्तल ने गैंगस्टर मकसूद की संपत्ति को कुर्क करने का फैसला सही ठहराया.

Gangster Act
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Published : Feb 7, 2023, 10:57 AM IST

कोर्ट के फैसले की जानकारी देते एसएसपी श्लोक कुमार और डीएम चंद्र प्रकाश सिंह

बुलंदशहरः जिले के थाना गुलावठी में गौकशी की घटनाओं में शामिल गैंगस्टर मकसूद की संंपत्ति को पुलिस ने डीएम के आदेश पर कुर्क किया था. प्रशासन के इस कार्रवाई के बाद गैंगस्टर का पिता कोर्ट पहुंचा था. जहां उसने गैंगस्टर बेटे के नाम पर कोई भी संपत्ति नहीं होने का दावा किया था और पुलिस और जिला प्रशासन के कुर्क की कार्रवाई को अवैध बताया था. जिस पर सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश अष्टम गैंगस्टर प्रशांत मित्तल ने डीएम चंद्र प्रकाश सिंह के पारित कुर्की के आदेश को सही ठहराते हुए एतिहासिक फैसला दिया. गैंगस्टर कोर्ट ने गैंगस्टर मकसूद की 9.14 लाख रुपये की कुर्क प्रापर्टी पर सरकार का हक बताया. उत्तर प्रदेश के इतिहास में ये ऐसा पहला फैसला है, जिसमें गैंगस्टर की संपत्ति पर अब सरकार का हक होगा.

एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि गोकश और गैंगस्टर में वांछित मकसूद पुत्र अब्दुल हक के खिलाफ 8 मुकदमे दर्ज हैं. बीते साल गुलावठी पुलिस ने गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलापों में लिप्त मकसूद के मकान नंबर 116 मोहल्ला पीर खां गुलावठी को डीएम के आदेश पर कुर्क किया था. इसके बाद मकसूद के पिता अब्दुल हक (75) कोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने मकान को 34 वर्ष पुराना बताया. साथ ही दावा किया था कि मकान उनकी संपत्ति थी उनके बेटे मकसूद से इसका कोई लेना-देना नहीं था. हालांकि वही अपने आय का स्रोत को कोर्ट में दाखिल नहीं कर सके, जिसके बाद न्यायधीश गैंगस्टर ने अधिनियम में हुए फेरबदल का हवाला देते हुए कुर्क संपत्ति पर सरकार का हक बताया.

एसएसपी के अनुसार, तत्कालीन थाना प्रभारी गुलावठी ने कोर्ट में बताया था कि वर्ष 2018 से 2021 तक मकसूद ने 8 अपराध किए हैं. जिनके मुकदमे थाने में पंजीकृत हैं. मकसूद ने अपराध कर भौतिक लाभ लिया और अवैध धन अर्जित किया. इसी धन से मकान का पुर्ननिर्माण कराया गया. मकान के पुनर्निमाण की पुष्टि गुलावठी के सभासद ने भी कोर्ट में की थी. 2008 के गृहकर में मात्र दो कमरे दर्शाए गए थे. जबकि मौके पर चार कमरे और अन्य मकान पाया गए. ऐसे में इस संपत्ति को मकसूद के अवैध कार्यों से पुनर्निमाण होना पाया गया. विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर अधिनियम) अपर सत्र न्यायाधीश प्रशांत मित्तल ने जिलाधिकारी द्वारा कराई गई कुर्की को सही ठहराया.

ये भी पढ़ेंः High Court News : तुस्याना जमीन घोटाले में नोएडा के पूर्व प्रबंधक कैलाश भाटी की जमानत अर्जी खारिज

कोर्ट के फैसले की जानकारी देते एसएसपी श्लोक कुमार और डीएम चंद्र प्रकाश सिंह

बुलंदशहरः जिले के थाना गुलावठी में गौकशी की घटनाओं में शामिल गैंगस्टर मकसूद की संंपत्ति को पुलिस ने डीएम के आदेश पर कुर्क किया था. प्रशासन के इस कार्रवाई के बाद गैंगस्टर का पिता कोर्ट पहुंचा था. जहां उसने गैंगस्टर बेटे के नाम पर कोई भी संपत्ति नहीं होने का दावा किया था और पुलिस और जिला प्रशासन के कुर्क की कार्रवाई को अवैध बताया था. जिस पर सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश अष्टम गैंगस्टर प्रशांत मित्तल ने डीएम चंद्र प्रकाश सिंह के पारित कुर्की के आदेश को सही ठहराते हुए एतिहासिक फैसला दिया. गैंगस्टर कोर्ट ने गैंगस्टर मकसूद की 9.14 लाख रुपये की कुर्क प्रापर्टी पर सरकार का हक बताया. उत्तर प्रदेश के इतिहास में ये ऐसा पहला फैसला है, जिसमें गैंगस्टर की संपत्ति पर अब सरकार का हक होगा.

एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि गोकश और गैंगस्टर में वांछित मकसूद पुत्र अब्दुल हक के खिलाफ 8 मुकदमे दर्ज हैं. बीते साल गुलावठी पुलिस ने गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलापों में लिप्त मकसूद के मकान नंबर 116 मोहल्ला पीर खां गुलावठी को डीएम के आदेश पर कुर्क किया था. इसके बाद मकसूद के पिता अब्दुल हक (75) कोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने मकान को 34 वर्ष पुराना बताया. साथ ही दावा किया था कि मकान उनकी संपत्ति थी उनके बेटे मकसूद से इसका कोई लेना-देना नहीं था. हालांकि वही अपने आय का स्रोत को कोर्ट में दाखिल नहीं कर सके, जिसके बाद न्यायधीश गैंगस्टर ने अधिनियम में हुए फेरबदल का हवाला देते हुए कुर्क संपत्ति पर सरकार का हक बताया.

एसएसपी के अनुसार, तत्कालीन थाना प्रभारी गुलावठी ने कोर्ट में बताया था कि वर्ष 2018 से 2021 तक मकसूद ने 8 अपराध किए हैं. जिनके मुकदमे थाने में पंजीकृत हैं. मकसूद ने अपराध कर भौतिक लाभ लिया और अवैध धन अर्जित किया. इसी धन से मकान का पुर्ननिर्माण कराया गया. मकान के पुनर्निमाण की पुष्टि गुलावठी के सभासद ने भी कोर्ट में की थी. 2008 के गृहकर में मात्र दो कमरे दर्शाए गए थे. जबकि मौके पर चार कमरे और अन्य मकान पाया गए. ऐसे में इस संपत्ति को मकसूद के अवैध कार्यों से पुनर्निमाण होना पाया गया. विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर अधिनियम) अपर सत्र न्यायाधीश प्रशांत मित्तल ने जिलाधिकारी द्वारा कराई गई कुर्की को सही ठहराया.

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