बुलंदशहर: जिले के होम्योपैथिक अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं. यहां के सभी 20 अस्पतालों में न तो पर्याप्त डॉक्टर हैं और न ही पदों के मुताबिक फार्मेसिस्ट हैं. एक ही डॉक्टर को कई डिस्पेंसरी की जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है. ईटीवी भारत ने इस मुद्दे पर एक खास रिपोर्ट तैयार की है.
बुलंदशहर में जिला अस्पताल समेत कुल 20 हॉस्पिटल हैं, जहां होम्योपैथिक पद्धति के माध्यम से इलाज कराया जा सकता है. लेकिन इन संस्थानों में पर्याप्त डॉक्टर भी मौजूद नहीं हैं. मरीजों की संख्या के अनुसार जिले में कम से कम 21 डॉक्टर होने चाहिए, लेकिन फिलहाल महज 11 डॉक्टरों के सहारे ही काम चल रहा है. फार्मासिस्ट के मामले में भी इसी तरह के हालात हैं. महकमे में मौजूदा वक्त में केवल 23 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी काम कर रहे हैं, जबकि मानक के अनुसार यह संख्या 40 से अधिक होनी चाहिए.
हालांकि आउटसोर्सिंग के माध्यम से भी कुछ लोगों को नियुक्त किया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी जिले में 51 डॉक्टर और कर्मचारी ही मौजूद हैं. इस बारे में जिला होम्योपेथिक चिकित्सा अधिकारी एसएन राय ने बताया कि इस स्थिति में सुधार लाने के लिए वह निजी स्तर पर कई बार प्रयास कर चुके हैं. कई बार शासन को भी इस बारे में पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं मिल पाया है. इस वजह से लगातार यह दिक्कत बनी रहती है. स्टाफ की कमी के चलते कई बार तो उन्हें खुद अपने प्रशासनिक कार्यों को छोड़कर मरीजों को देखना होता है.