बुलंदशहर : सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत बुलंदशहर लोकसभा सीट से सांसद भोला सिंह ने नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया था. ग्रामीण खुश थे कि उनके दिन बदलेंगे, लेकिन गांव में अलग से विकास तो छोड़िए मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा बना हुआ है. जो कि पीएम मोदी की सांसद आदर्श योजना के तहत विकास के सपने को ठेंगा दिखाती नजर आती हैं.
बता दें कि 11 अक्टूबर 2014 को पीएम मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी, इसके तहत जब सांसद भोला सिंह ने डिबाई तहसील के नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया तो यहां के निवासियों में यह आस जगी कि अब उनके गांव में सब ठीक होगा, लेकिन हालात जस के तस हैं.
सांसद द्वारा गोद लिए गए इस गांव में अगर कोई बीमार हो जाए तो एक अदद सरकारी अस्पताल तक नहीं हैं. गांवों में आमतौर किसान पशुपालक होते हैं, लेकिन पशुओं के लिए भी यहां पर किसी सरकारी हॉस्पिटल की सुविधा नहीं है और तो और यहां पर सामुदायिक भवन तक नहीं है.
सांसद ने ग्रामीणों से वादा किया था कि गांव में एक बारात घर बनेगा लेकिन यह सिर्फ घोषणा ही रह गई. पिछले साल नवंबर में जिला ओडीएफ घोषित हो चुका है, लेकिन अभी भी यहां ऐसे काफी घर हैं, जहां शौचालय नहीं हैं. इसके अलाव यहां के रास्तों की हालत तो बहुत ही खस्ता है.
सांसद के कार्यकाल को करीब पांच साल होने को हैं, लेकिन गांव की न तश्वीर बदली और न सूरत. कहने को तो आवास को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार की अनेकों योजनाएं चल रही हैं, लेकिन यहां जो पात्रता की श्रेणी में आते हैं वो भी अभी तक कच्चे मकानों में गुजर बसर कर रहे हैं.
फिलहाल सबसे ज्यादा जो समस्या है वो यह है कि ग्रामीण आज भी निजी साधनों से ही शहर जाने के लिए मजबूर हैं. हालांकि सांसद ने ग्रामीणों द्वारा स्थान दिलवा दिए जाने के बाद यहां एक पोस्ट आफिस शुरू करा दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जब सांसद ने इस गांव को गोद लिया था तभी यहां आए थे उसके बाद उन्होंने यहां की कभी सुध नहीं ली.