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बुलंदशहर : मूलभूत सुविधाओं को तरसता सांसद का गोद लिया गांव - pm modi

बुलंदशहर लोकसभा सीट से सांसद भोला सिंह ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया था. इसके बावजूद अभी तक इस गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी है.

बुलंदशहर
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Published : Mar 3, 2019, 8:06 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर : सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत बुलंदशहर लोकसभा सीट से सांसद भोला सिंह ने नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया था. ग्रामीण खुश थे कि उनके दिन बदलेंगे, लेकिन गांव में अलग से विकास तो छोड़िए मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा बना हुआ है. जो कि पीएम मोदी की सांसद आदर्श योजना के तहत विकास के सपने को ठेंगा दिखाती नजर आती हैं.

बता दें कि 11 अक्टूबर 2014 को पीएम मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी, इसके तहत जब सांसद भोला सिंह ने डिबाई तहसील के नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया तो यहां के निवासियों में यह आस जगी कि अब उनके गांव में सब ठीक होगा, लेकिन हालात जस के तस हैं.

सांसद द्वारा गोद लिए गए इस गांव में अगर कोई बीमार हो जाए तो एक अदद सरकारी अस्पताल तक नहीं हैं. गांवों में आमतौर किसान पशुपालक होते हैं, लेकिन पशुओं के लिए भी यहां पर किसी सरकारी हॉस्पिटल की सुविधा नहीं है और तो और यहां पर सामुदायिक भवन तक नहीं है.

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लोगों से बातचीत करते हमारे संवाददाता.

सांसद ने ग्रामीणों से वादा किया था कि गांव में एक बारात घर बनेगा लेकिन यह सिर्फ घोषणा ही रह गई. पिछले साल नवंबर में जिला ओडीएफ घोषित हो चुका है, लेकिन अभी भी यहां ऐसे काफी घर हैं, जहां शौचालय नहीं हैं. इसके अलाव यहां के रास्तों की हालत तो बहुत ही खस्ता है.

सांसद के कार्यकाल को करीब पांच साल होने को हैं, लेकिन गांव की न तश्वीर बदली और न सूरत. कहने को तो आवास को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार की अनेकों योजनाएं चल रही हैं, लेकिन यहां जो पात्रता की श्रेणी में आते हैं वो भी अभी तक कच्चे मकानों में गुजर बसर कर रहे हैं.

फिलहाल सबसे ज्यादा जो समस्या है वो यह है कि ग्रामीण आज भी निजी साधनों से ही शहर जाने के लिए मजबूर हैं. हालांकि सांसद ने ग्रामीणों द्वारा स्थान दिलवा दिए जाने के बाद यहां एक पोस्ट आफिस शुरू करा दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जब सांसद ने इस गांव को गोद लिया था तभी यहां आए थे उसके बाद उन्होंने यहां की कभी सुध नहीं ली.

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बुलंदशहर : सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत बुलंदशहर लोकसभा सीट से सांसद भोला सिंह ने नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया था. ग्रामीण खुश थे कि उनके दिन बदलेंगे, लेकिन गांव में अलग से विकास तो छोड़िए मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा बना हुआ है. जो कि पीएम मोदी की सांसद आदर्श योजना के तहत विकास के सपने को ठेंगा दिखाती नजर आती हैं.

बता दें कि 11 अक्टूबर 2014 को पीएम मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी, इसके तहत जब सांसद भोला सिंह ने डिबाई तहसील के नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया तो यहां के निवासियों में यह आस जगी कि अब उनके गांव में सब ठीक होगा, लेकिन हालात जस के तस हैं.

सांसद द्वारा गोद लिए गए इस गांव में अगर कोई बीमार हो जाए तो एक अदद सरकारी अस्पताल तक नहीं हैं. गांवों में आमतौर किसान पशुपालक होते हैं, लेकिन पशुओं के लिए भी यहां पर किसी सरकारी हॉस्पिटल की सुविधा नहीं है और तो और यहां पर सामुदायिक भवन तक नहीं है.

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लोगों से बातचीत करते हमारे संवाददाता.

सांसद ने ग्रामीणों से वादा किया था कि गांव में एक बारात घर बनेगा लेकिन यह सिर्फ घोषणा ही रह गई. पिछले साल नवंबर में जिला ओडीएफ घोषित हो चुका है, लेकिन अभी भी यहां ऐसे काफी घर हैं, जहां शौचालय नहीं हैं. इसके अलाव यहां के रास्तों की हालत तो बहुत ही खस्ता है.

सांसद के कार्यकाल को करीब पांच साल होने को हैं, लेकिन गांव की न तश्वीर बदली और न सूरत. कहने को तो आवास को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार की अनेकों योजनाएं चल रही हैं, लेकिन यहां जो पात्रता की श्रेणी में आते हैं वो भी अभी तक कच्चे मकानों में गुजर बसर कर रहे हैं.

फिलहाल सबसे ज्यादा जो समस्या है वो यह है कि ग्रामीण आज भी निजी साधनों से ही शहर जाने के लिए मजबूर हैं. हालांकि सांसद ने ग्रामीणों द्वारा स्थान दिलवा दिए जाने के बाद यहां एक पोस्ट आफिस शुरू करा दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जब सांसद ने इस गांव को गोद लिया था तभी यहां आए थे उसके बाद उन्होंने यहां की कभी सुध नहीं ली.

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Intro:बुलंदशहर में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जिले के सांसद भोला सिंह ने नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया था, ग्रामीण खुश थे कि उनके दिन बहुरेंगे ,लेकिन गांव में अलग से विकास तो छोड़िए मूलभूत समस्या भी ज्यों की त्यों ही बनी हुई हैं।सत्ताधारी दल से ताल्लुक रखने वाले बीजेपी सांसद के इस गांव की जमीनी हकीकत को जानने का प्रयास किया ईटीवी ने ,हमारी एक्सक्लूसिव पड़ताल में जो तथ्य निकल कर सामने आए वह न सिर्फ चोंकाने वाले हैं बल्कि पीएम मोदी की सांसद आदर्श योजना के सपने को चूर चूर भी करते हैं।यूपी की सबसे बड़ी जीतों में शुमार बीजेपी सांसद के गोद लिए गांव का पूरा सच सिर्फ और सिर्फ ईटीवी पर ।


Body:11 अक्टूबर 2014 को पीएम मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी,बुलंदशहर के सांसद डॉ भोला सिंह ने जिले के डिबाई तहसील के नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया था, इस खुशी में गांव में मिठाइयां बांटी गयीं, ढोल नगाड़े बजे लोगों को उम्मीद जागी कि उनके गांव में अब सब ठीक होगा,ग्रामीणों को आस थी कि अब इस बदहाल गांव में कम से कम सरकारी योजनाओं का लाभ भी आमजन को मिलेगा,ईटीवी ने इस गांव के बदले स्वरूप को समझने के लिए यहां का रूख किया,जिले के सांसद भोला सिंह के नाम के आगे डॉक्टर लेकिन सांसद आदर्श गांव योजना में गांव में अगर कोई बीमार हो जाये तो एक अदद सरकारी अस्पताल तक नहीं,गांवों में आमतौर पर पशुपालक किसान होता हैं लेकिन पशुओं के लिए भी किसी सरकारी हॉस्पिटल की सुविधा यहां नहीं है,और तो और सामुदायिक भवन तक नहीं,जबकि जिले के सांसद ने ग्रामीणों से वादा किया यह कि गांव में एक बारात घर बनेगा लेकिन सिर्फ घोषणा ही रह गयी,जिला पिछले साल नवंबर में ओडीएफ घोषित हो चुका, लेकिन अभी भी ऐसे काफी घर यहां अभी भी हैं, जिनमें यहां शौचालय तक नहीं,रास्ते बाबा आदम के जमाने के बने हुए लगते हैं,लगता है जैसे किसी का इस तरफ ध्यान कभी गया ही नहीं, सत्ताधारी दल से सम्बन्ध रखने वाले सांसद जी के कार्यकाल को पूरे करीब पाँच साल होने को हैं ,लेकिन गांव की न तश्वीर बदली और न सूरत,हालांकि गांव में एक रास्ते का निर्माण करीब 500 मीटर हुआ है ,जिसके लिए लोग जिले के सांसद का कोटि कोटि आभार भी व्यक्त करते देखे जा सकते हैं , कहने को तो केंद्र और प्रदेश सरकार की अनेकों योजनाएं चल रही हैं ,लेकिन यहां जो पात्रता की श्रेणी में आते हैं वो अभी तक भी कच्चे मकानों में गुजर बसर कर रहे हैं ,ग्रामीणों में गुस्सा है,वहीं कई लोग तो यहां तक कहते हैं कि अपने गांव को आदर्श गांव बनाने के ख्याल से सांसद भोला सिंह यहां आए थे लेकिन मिठाई समोसे खाकर खिलाकर चले गए और फिर कभी इनकी सुध नहीं ली ,कई ग्रामीण तो कहते हैं कि वो सांसद को कभी कभार टेलीविजन पर या अखबार में छपने वाली फ़ोटो में ही देख पाते हैं, केंद्र की प्रधानमंत्री आवास योजना और सूबे की तरफ से मुख्यमंत्री आवास योजनाएं चलाई जा रही हैं,लेकिन कच्चे मकानों में या यों कहिये घासफूस के मकानों में लोग रहने को मजबूर हैं,गांव में कोई बीमार हो जाये तो कोई डायरेक्ट कनेक्टिविटी न होने की वजह से या तो मरीज रास्ते में ही दम तोड़ दे या फिर कराहता रह जाये,हैं ग्रामीण कहते हैं की संसद ने वादा किया था कि यहां सरकारी हॉस्पिटल बनवाया जाएगा,लेकिन न हीं हॉस्पिटल बना और न ही एमपी ने ही फिर कभी इस तरफ रुख किया,हालांकि विधुतीकरण गांव में किया जा रहा है,कुछ खम्बों पर बुनियादी सुविधाएं नदारद हैं,
जिले के सांसद भोला सिंह को चार लाख इक्कीस हजार से अधिक वोटों से विजयी बनाकर जिले की जनता ने लोकतंत्र के मंदिर में भेजा था,या यों कहिये की वेस्टर्न यूपी की सबसे बड़ी जीतों में डॉक्टर भोला सिंह ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और मोदी लहर और लोगों के उनके प्रति प्रेम को इसी से समझ जा सकता था कि जीत का अंतर भी चार लाख से अधिक था,लेकिन न गोद लिए गांव की दिशा बदली न बदली दशा।
इस बारे में हमने जिले के एमपी भोला सिंह से भी बात की यो जिम्मेदार सांसद होने का फर्ज निभाते हुए सांसद का कहना है कि जिले के नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया था,और गांव में सांसद के मुताबिक सड़क नाली से ज्यादा जरूरत सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को घर घर ओएहुँचाने की थी ,लेकिन अफसोस योजनाएं तो तब पहुंचती जब सांसद ही खुद ग्रामीणों के बीच पहुंचे होते ,लेकिन फिलहाल ग्रामीणों के इस सवाल का जवाब की सांसद ने यहां का एक बार आने के बाद खुद भी रूख नहीं किया यो सांसद कहते हैं कि ज्यादा बड़ी जीत से जीत कर आया हूँ तो लोगों को ज्यादा प्रेम है है ज्यादा अपेक्षाएं हैं जबकि सांसद जी ने सांसद आदर्श गांव योजना को कितना प्रभावी ढंग से विक्सा कराया ये इस खबर के बाद समझा जा सकता है।

..one to one with village people
byte... doctor भोला एम पी ,भोला सिंह,बीजेपी ,बुलन्दशहर





Conclusion:फिलहाल सबसे ज्यादा जो दुविधा है वो ये की ग्रामीण आज भी शहर जाने को निजी साधनों से ही सिर्फ कस्बे या शहर जा सकते हैं ,क्योंकि न हीं तो पक्के रास्ते यहां बन पाए और न हीं कोई अन्य सनस्साधन की व्यवस्था ही यहां हुई ,हालांकि सांसद ने यहां एक पोस्ट आफिस जरूर हाईटेक जमाने में ग्रामीणों द्वारा स्थान दिलवा दिए जाने के बाद शुरू करा दिया गया है।
फिलहाल बुलन्दशहर में सांसद आदर्श ग्राम योजना सिर्फ एक मजाक ही बन कर रह गया है।
वास्तविकता अगर कुछ है तो बस यही की यहां के जनप्रतिनिधि ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई,अब बारी जनता की है।तो जनता साफ करेगी कि उन्हें क्या कैसे करना हैं,
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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