बुलंदशहर: जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के संचालित परिषदीय स्कूलों में फर्जी दस्तावेजों पर चार शिक्षक नौकरी करते पाए गए हैं. चारों शिक्षकों पर बीएसए ने कार्रवाई करते हुए उनकी सेवा सेवा समाप्त कर दी है. चारों शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करने के साथ ही वेतन राशि की रिकवरी के भी आदेश जारी कर दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों से बेसिक शिक्षा परिषद के परिषदीय स्कूलों में और कस्तूरबा गांधी विद्यालय में शिक्षिका शिक्षक नौकरी करते पाए गए थे. बेसिक शिक्षा अधिकारी को जनपद के परिषदीय स्कूलों में ऐसे शिक्षकों का पता कर उन पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश भी शासन ने दिए थे. शासन का आदेश मिलते ही बुलंदशहर के बीएसए अखंड प्रताप सिंह ने सभी एवीएसओ और अन्य अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों की तलाश के लिए एक आदेश जारी किया था, जिस पर अफसरों ने ऐसे शिक्षकों की तलाश की तो तभी चार ऐसे शिक्षक मिले जो फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे थे.
बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुसार दानपुर ब्लॉक स्थित गांव उमरारा के स्कूल में सहायक अध्यापक अमित कुमार गाजियाबाद का रहने वाला बताया जा रहा है. वह सिकंदराबाद में अपने नाना-नानी के यहां भी रहता था. उसने 2015 में शिक्षक के तौर पर नौकरी प्राप्त की थी. अमित का असली नाम अमित शर्मा है. चौंकाने वाली बात यह है कि बागपत निवासी अमित कुमार के शैक्षिक दस्तावेजों पर नाम बदलकर नौकरी प्राप्त की थी. इस तरह सिकंदराबाद क्षेत्र के गांव भगवान स्थित स्कूल में सहायक शिक्षक धर्मेंद्र कुमार ने भी फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों पर नौकरी प्राप्त कर ली थी.
धर्मेन्द्र की जांच के दौरान B.Ed की डिग्री फर्जी पाई गई थी. उनकी यह डिग्री आगरा विश्वविद्यालय से संबंधित है. इसके अलावा डिबाई क्षेत्र के गांव विजय नगरिया स्थित स्कूल में सहायक शिक्षक माखनलाल यादव भी फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों पर नौकरी पाने में सफल रहे थे. इसी तरह डिबाई क्षेत्र के गांव महाराजपुर स्थित स्कूल में भी सहायक शिक्षक रवींद्र कुमार यादव भी फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों पर नौकरी करता मिला. इन दोनों शिक्षकों की यूपीटेट की मार्कशीट भी फर्जी थी जो लगातार काफी वर्षों से नौकरी कर रहे थे.
बुलंदशहर के बेसिक शिक्षा अधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि "परिषदीय स्कूलों में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे 4 शिक्षक मिले हैं, जिनकी तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्त करने के साथ उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर वेतन की रिकवरी के आदेश जारी कर दिए हैं. अभी भी ऐसे कई शिक्षक रडार पर है. ऐसे शिक्षकों को बख्शा नहीं जाएगा, जो फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे हैं."