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बुलंदशहर के जिला पूर्ति अधिकारी निलंबित, जानिए वजह

बुलंदशहर के जिलापूर्ति अधिकारी (District Supply Officer of Bulandshahr) अभय प्रताप सिंह को खाद्य एवं रसद आयुक्त (Food and Logistics Commissioner) ने निलंबित कर दिया. चलिए जानते हैं कि आखिर किस वजह से यह कार्रवाई की गई.

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बुलंदशहर के जिला पूर्ति को खाद्य एवं रसद आयुक्त ने किया निलंबित
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Published : Sep 21, 2022, 8:53 PM IST

बुलंदशहर: जनपद के जिलापूर्ति अधिकारी (District Supply Officer of Bulandshahr) के खिलाफ कई पूर्ति निरीक्षकों और राशन विक्रेताओं ने मोर्चा खोल दिया था. मामले में राशन डीलर्स से अवैध वसूली, स्टाफ से अभद्रता और महिला कर्मचारियों से अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल का आरोप लगा था. इसके बाद जिला पूर्ति को खाद्य एवं रसद आयुक्त (Food and Logistics Commissioner) ने निलंबित कर दिया.

बता दें कि जिला पूर्ति अधिकारी अभय प्रताप सिंह ने करीब डेढ वर्ष पूर्व जनपद का चार्ज संभाला था. आरोप है कि चार्ज संभालने के बाद से ही डीएसओ पर राशन विक्रेताओं से अवैध वसूली, सस्ता गल्ला दुकानदारों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराने, स्टाफ से अभद्रता करने और महिला स्टाफ से अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के आरोप लगे थे.

स्याना क्षेत्र के पूर्ति निरीक्षक से भी जिला पूर्ति अधिकारी का विवाद हुआ था. स्याना क्षेत्र के पूर्ति निरीक्षक ने मामले को लेकर स्याना विधायक देवेंद्र सिंह लोधी से शिकायत की थी. इससे पूर्व यूपी फूड एंड सिविल सप्लाइज इंसपेक्टर्स व आफिसर्स एसोसिएशन, आपूर्ति स्टॉफ, राशन विक्रता कल्याण समिति और प्रांती सचिव अभ्युदय भारत गौतमबुद्ध नगर ने शासन से उक्त आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.

यह भी पढ़ें-गर्म मसाले में मिलाई गधे की लीद, फैक्ट्री सील

इसके बाद खाद्य एवं रसद विभाग के विशेष सचिव (Special Secretary, Food and Logistics Department) मार्कंडेय शाही को इस मामले की जांच सौंपी गई थी. जांच में डीएसओ अभय प्रताप सिंह को दोषी पाया गया था. इसके बाद खाद्य एवं रसद आयुक्त ने जांच रिपोर्ट का संज्ञान लेकर जिलापूर्ति अधिकारी अभय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही जांच संभागीय खाद्य नियंत्रक सहारनपुर को सौंपी गई है.

यह भी पढ़ें- फिरोजाबाद में सीबीआई और सेल टैक्स अधिकारी बन ठगी करने वाले दो ठग गिरफ्तार

बुलंदशहर: जनपद के जिलापूर्ति अधिकारी (District Supply Officer of Bulandshahr) के खिलाफ कई पूर्ति निरीक्षकों और राशन विक्रेताओं ने मोर्चा खोल दिया था. मामले में राशन डीलर्स से अवैध वसूली, स्टाफ से अभद्रता और महिला कर्मचारियों से अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल का आरोप लगा था. इसके बाद जिला पूर्ति को खाद्य एवं रसद आयुक्त (Food and Logistics Commissioner) ने निलंबित कर दिया.

बता दें कि जिला पूर्ति अधिकारी अभय प्रताप सिंह ने करीब डेढ वर्ष पूर्व जनपद का चार्ज संभाला था. आरोप है कि चार्ज संभालने के बाद से ही डीएसओ पर राशन विक्रेताओं से अवैध वसूली, सस्ता गल्ला दुकानदारों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराने, स्टाफ से अभद्रता करने और महिला स्टाफ से अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के आरोप लगे थे.

स्याना क्षेत्र के पूर्ति निरीक्षक से भी जिला पूर्ति अधिकारी का विवाद हुआ था. स्याना क्षेत्र के पूर्ति निरीक्षक ने मामले को लेकर स्याना विधायक देवेंद्र सिंह लोधी से शिकायत की थी. इससे पूर्व यूपी फूड एंड सिविल सप्लाइज इंसपेक्टर्स व आफिसर्स एसोसिएशन, आपूर्ति स्टॉफ, राशन विक्रता कल्याण समिति और प्रांती सचिव अभ्युदय भारत गौतमबुद्ध नगर ने शासन से उक्त आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.

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इसके बाद खाद्य एवं रसद विभाग के विशेष सचिव (Special Secretary, Food and Logistics Department) मार्कंडेय शाही को इस मामले की जांच सौंपी गई थी. जांच में डीएसओ अभय प्रताप सिंह को दोषी पाया गया था. इसके बाद खाद्य एवं रसद आयुक्त ने जांच रिपोर्ट का संज्ञान लेकर जिलापूर्ति अधिकारी अभय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही जांच संभागीय खाद्य नियंत्रक सहारनपुर को सौंपी गई है.

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