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बुलंदशहर: शुगर मिल नहीं हुई चालू, किसानों को उठाना पड़ रहा नुकसान

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में अभी तक भी शुगर मिल नहीं चालू हुई हैं, जिससे जिले के गन्ना किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. गन्ना किसानों को त्योहार की वजह से क्रेशर और कोल्हू पर औने-पौने दामों में गन्ना बिक्री करना पड़ रहा है.

शुगर मिल नहीं चलने से किसानों उठाना पड़ रहा नुकसान.
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Published : Oct 22, 2019, 8:43 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: जिले में अभी तक भी शुगर मिल नहीं चालू हुई हैं, जिसका खामियाजा गन्ना किसानों को उठाना पड़ रहा है. जिम्मेदार अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि शुगर मिल दिवाली के बाद यानी 31 अक्टूबर से चलने कि उम्मीद है. फिलहाल गन्ना किसानों को त्योहार की वजह से अपने खर्चे चलाने के लिए क्रेशर और कोल्हू पर औने-पौने दामों में गन्ना बिक्री करना पड़ रहा है.

शुगर मिल नहीं चलने से किसानों उठाना पड़ रहा नुकसान.

शुगर मिल नहीं चलने से किसानों उठाना पड़ रहा नुकसान

  • जिले में अभी तक शुगर मिल के न चालू हो पाने की वजह से किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है.
  • इसकी वजह से किसान को सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उसकी अगली फसल भी लेट हो रही है.
  • इससे किसान को अगली फसल की बुबाई में होने वाली देरी के बाद उत्पादन घटने का डर भी सता रहा है.
  • वहीं दीपावली त्योहार के मद्देनजर उसे अपना खर्चा चलाने के लिए गन्ना शुगर मिल के बजाए क्रेशरों ओर कोल्हुओं पर औने-पौने दाम में देना पड़ रहा है.
  • क्रेशरों पर गन्ना डालने से किसानों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.

जहां पिछले साल का शुगर मिल पर गन्ना का रेट करीब सवा तीन सौ रुपये प्रति क्विंटल था, वहीं यह कोल्हू और क्रेशर संचालक महज 180 से लेकर 200 रुपये ही प्रति क्विंटल तक किसान को उसके गन्ने का भुगतान कर रहे हैं. इससे किसान को न सिर्फ नुकसान है बल्कि मजबूरन किसान को अपना गन्ना दिवाली त्योहार के खर्चे चलाने के लिए औने-पौने दामों में डालना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें- बुलंदशहर: दुल्हन को लेकर लौटे युवकों ने की हर्ष फायरिंग, वीडियो वायरल

किसानों के इस नुकसान के पीछे भी शुगर मिल ही हैं, क्योंकि किसानों का 100 करोड़ से ज्यादा पिछला गन्ना भुगतान भी नहीं हो पाया है. अगर किसान को यह पैसा मिल गया होता तो शायद किसान त्योहार ठीक-ठाक मना लेता. जिले में पश्चिम के अन्य जिलों से आकर कोल्हू और क्रेशर संचालकों को जो यहां से किसान की मजबूरी का फायदा उठा कर सस्ते में गन्ना खरीदते हैं और गुड बनाकर ऊंचे दामों पर बेचते हैं.

बुलंदशहर: जिले में अभी तक भी शुगर मिल नहीं चालू हुई हैं, जिसका खामियाजा गन्ना किसानों को उठाना पड़ रहा है. जिम्मेदार अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि शुगर मिल दिवाली के बाद यानी 31 अक्टूबर से चलने कि उम्मीद है. फिलहाल गन्ना किसानों को त्योहार की वजह से अपने खर्चे चलाने के लिए क्रेशर और कोल्हू पर औने-पौने दामों में गन्ना बिक्री करना पड़ रहा है.

शुगर मिल नहीं चलने से किसानों उठाना पड़ रहा नुकसान.

शुगर मिल नहीं चलने से किसानों उठाना पड़ रहा नुकसान

  • जिले में अभी तक शुगर मिल के न चालू हो पाने की वजह से किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है.
  • इसकी वजह से किसान को सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उसकी अगली फसल भी लेट हो रही है.
  • इससे किसान को अगली फसल की बुबाई में होने वाली देरी के बाद उत्पादन घटने का डर भी सता रहा है.
  • वहीं दीपावली त्योहार के मद्देनजर उसे अपना खर्चा चलाने के लिए गन्ना शुगर मिल के बजाए क्रेशरों ओर कोल्हुओं पर औने-पौने दाम में देना पड़ रहा है.
  • क्रेशरों पर गन्ना डालने से किसानों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.

जहां पिछले साल का शुगर मिल पर गन्ना का रेट करीब सवा तीन सौ रुपये प्रति क्विंटल था, वहीं यह कोल्हू और क्रेशर संचालक महज 180 से लेकर 200 रुपये ही प्रति क्विंटल तक किसान को उसके गन्ने का भुगतान कर रहे हैं. इससे किसान को न सिर्फ नुकसान है बल्कि मजबूरन किसान को अपना गन्ना दिवाली त्योहार के खर्चे चलाने के लिए औने-पौने दामों में डालना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें- बुलंदशहर: दुल्हन को लेकर लौटे युवकों ने की हर्ष फायरिंग, वीडियो वायरल

किसानों के इस नुकसान के पीछे भी शुगर मिल ही हैं, क्योंकि किसानों का 100 करोड़ से ज्यादा पिछला गन्ना भुगतान भी नहीं हो पाया है. अगर किसान को यह पैसा मिल गया होता तो शायद किसान त्योहार ठीक-ठाक मना लेता. जिले में पश्चिम के अन्य जिलों से आकर कोल्हू और क्रेशर संचालकों को जो यहां से किसान की मजबूरी का फायदा उठा कर सस्ते में गन्ना खरीदते हैं और गुड बनाकर ऊंचे दामों पर बेचते हैं.

Intro:अक्टूबर माह निकलने को है, लेकिन बुलंदशहर में अभी तक भी शुगर मिल्स है कि चालू नहीं हुई हैं जिसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है, जिले के गन्ना किसानों को जबकि जिले के जिम्मेदार अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि शुगर मिल्स दिवाली के बाद यानी 31 अक्टूबर से चलने कि उन्हें उम्मीद है ,फिलहाल गन्ना किसानों को त्यौहार की वजह से अपने खर्चे चलाने के लिए क्रेशर और कोल्हू पर औने पौने दामों में गन्ना बिक्री करना पड़ रहा है जहां रेट भी काफी कम है ।देखिये ईटीवी भारत की ये विशेष रिपोर्ट।


Body:बुलंदशहर में अभी तक शुगर मिल के न चालू हो पाने की वजह से किसान को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसकी वजह से किसान को सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उसकी अगली फसल भी लेट हो रही है,जिससे किसान को अगली फसल की बुबाई में होने वाली देरी के बाद उत्पादन घटने का डर भी सता रहा है, तो वहीं दीपावली त्यौहार के मद्देनजर उसे अपना खर्चा चलाने के लिए गन्ना शुगर मिल के बजाए क्रेशरों ओर कोल्हुओं पर औने पौने दाम में देना पड़ रहा है।क्रेशरों पर गन्ना डालने से किसानों को आरती नुकसान भी उठाना पड़ रहा है व्व अलग, जहां पिछले साल का शुगर मिल्स पर रेट करीब सवा तीन सौ रुपये प्रति क्विंटल था, वहीं यह कोल्हू और क्रेशर संचालक महज 180 से लेकर 200 रुपये ही प्रति क्विंटल तक किसान को उसके गन्ने का भुगतान कर रहे हैं ,जिससे किसान को ना सिर्फ नुकसान है बल्कि मजबूरन किसान को अपना गन्ना दिवाली त्योहार के खर्चे चलाने के औने पौने दामों में डालना पड़ रहा है ,क्योंकि जिन किसान परिवारों के पास अन्य कोई आय का स्रोत नहीं होता ऐसे किसानो को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है,क्योंकि त्यौहार पर सभी को अपनी जरूरतें पूरा करने के लिए पैसे की जरूरत है, यानी मजबूरी में ही किसान को क्रेशर का रुख करना पड़ रहा है,जबकि शुगर मिल दिवाली बाद ही चलेंगी ये जिले के जिम्मेदार पहले ही मान चुके हैं।
बाइट...हर्ष,गन्ना बिक्री करने क्रेशर पर आया युवा किसान
बाइट... रुस्तम ,गन्ना बिक्री करने क्रेशर पर आया युवा किसान
बाइट...डी. के. सैनी,जिला गन्नाधिकारी, बुलन्दशहर।
पीटीसी...श्रीपाल तेवतिया


Conclusion:हालांकि किसान के इस नुकसान के पीछे भी शुगर् मिल्स ही हैं,क्योंकि अभी तक भी शुगर मिल्स जिले के गन्ना किसानों का 100 करोड रुपए से भी ज्यादा दवाई बैठी हैं जबकि दूसरे अगले पेराई सत्र की तैयारियां अभी तक इन दिनों चल रही हैं, अगर किसान को यह पैसा मिल गया होता तो शायद किसान त्योहार ठीक-ठाक मना लेता और कोल्हू क्रेसरों पर भी मंदे रेट्स पर गन्ना डालने को मजबूर ना होता, इससे मोटा मुनाफा हो रहा है जिले में पश्चिम के अन्य जिलों से आकर कोल्हू और क्रेशर संचालकों को जो यहां से किसान की मजबूरी का फायदा उठा कर सस्ते में गन्ना खरीदते हैं और गुड बनाकर ऊंचे दामों पर बेचते हैं
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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