बुलंदशहर: जिले में अभी तक भी शुगर मिल नहीं चालू हुई हैं, जिसका खामियाजा गन्ना किसानों को उठाना पड़ रहा है. जिम्मेदार अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि शुगर मिल दिवाली के बाद यानी 31 अक्टूबर से चलने कि उम्मीद है. फिलहाल गन्ना किसानों को त्योहार की वजह से अपने खर्चे चलाने के लिए क्रेशर और कोल्हू पर औने-पौने दामों में गन्ना बिक्री करना पड़ रहा है.
शुगर मिल नहीं चलने से किसानों उठाना पड़ रहा नुकसान
- जिले में अभी तक शुगर मिल के न चालू हो पाने की वजह से किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है.
- इसकी वजह से किसान को सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उसकी अगली फसल भी लेट हो रही है.
- इससे किसान को अगली फसल की बुबाई में होने वाली देरी के बाद उत्पादन घटने का डर भी सता रहा है.
- वहीं दीपावली त्योहार के मद्देनजर उसे अपना खर्चा चलाने के लिए गन्ना शुगर मिल के बजाए क्रेशरों ओर कोल्हुओं पर औने-पौने दाम में देना पड़ रहा है.
- क्रेशरों पर गन्ना डालने से किसानों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.
जहां पिछले साल का शुगर मिल पर गन्ना का रेट करीब सवा तीन सौ रुपये प्रति क्विंटल था, वहीं यह कोल्हू और क्रेशर संचालक महज 180 से लेकर 200 रुपये ही प्रति क्विंटल तक किसान को उसके गन्ने का भुगतान कर रहे हैं. इससे किसान को न सिर्फ नुकसान है बल्कि मजबूरन किसान को अपना गन्ना दिवाली त्योहार के खर्चे चलाने के लिए औने-पौने दामों में डालना पड़ रहा है.
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किसानों के इस नुकसान के पीछे भी शुगर मिल ही हैं, क्योंकि किसानों का 100 करोड़ से ज्यादा पिछला गन्ना भुगतान भी नहीं हो पाया है. अगर किसान को यह पैसा मिल गया होता तो शायद किसान त्योहार ठीक-ठाक मना लेता. जिले में पश्चिम के अन्य जिलों से आकर कोल्हू और क्रेशर संचालकों को जो यहां से किसान की मजबूरी का फायदा उठा कर सस्ते में गन्ना खरीदते हैं और गुड बनाकर ऊंचे दामों पर बेचते हैं.