बुलंदशहर: एक समय था जब कोई भी त्योहार, पर्व होता था तो ग्रीटिंग कार्ड देने के लिए लोगों में विशेष उत्साह दिखता था. खास तौर से यह उत्साह नए साल पर ज्यादा ही दिखता था. अब नए साल की बधाइयों का आलम पहले से ज्यादा बढ़ चुका है, लेकिन बधाई देने का तरीका जरूर बदल गया है. ग्रीटिंग कार्ड्स की जगह सोशल मीडिया और इंटरनेट ने ले ली है. यही वजह है कि ग्रीटिंग कार्ड्स अब बाजार गैलरियों में नजर नहीं आते.
साल 2020 अपने अंतिम पायदान पर है और नए साल के आने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं. नए साल की तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है, लेकिन साल 2021 का आगाज कोरोना वायरस की वजह से फीका रहेगा. इस हाईटेक युग में त्योहार पूरी तरह से बदल चुके हैं. इसका असर नए साल पर भी पड़ा है. कुछ सालों पहले क्रिसमस, नया साल या अन्य कोई त्योहार आने से पहले बाजारों में विभिन्न प्रकार के रंग बिरंगे ग्रीटिंग कार्ड्स नजर आते थे. अब बाजारों से यह कार्ड्स गायब होते जा रहे हैं. बुलंदशहर जिले में ईटीवी भारत ने इसकी पड़ताल की.
ये है बाजारों का हाल
बुलंदशहर के अंसारी रोड मार्केट में एक समय था जब सभी नामी गिरामी ग्रीटिंग कार्ड के स्टोर्स यहां हुआ करते थे. अब वह गैलरी बंद हो चुकी है. जो गिफ्ट शॉप हैं, वहां भी ग्रीटिंग कार्ड नहीं दिखाई देते हैं. इस बारे में शहर के अलग-अलग स्थानों पर दुकानदारों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया, ग्रीटिंग कार्ड को चलन से बाहर करने का सबसे बड़ा कारण रहा. अब लोग सोशल मीडिया पर ही बधाई दे देते हैं.
आउट ऑफ फैशन हुआ ग्रीटिंग कार्ड देने का चलन
लंबे समय तक ग्रीटिंग कार्ड्स के कारोबार से जुड़े रहे इशांत खुराना बताते हैं कि अब तो ये आउट ऑफ फैशन हो चुका है. उन्होंने कहा कि अब तो इन बधाई संदेशों को भेजने के लिए लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. कई गिफ्ट गैलरी के संचालकों ने बताया कि नववर्ष से ठीक पहले और क्रिसमस पर्व के चलते दुकानों पर अपनी पसंद के बधाई संदेश खरीदने के लिए लोगों की भीड़ जुटती थी. क्रिसमस से लेकर नववर्ष तक गिफ्ट गैलरी पर सबसे ज्यादा कारोबार इन बधाई संदेशों का ही होता था.
सोशल मीडिया ग्रीटिंग कार्ड पर पड़ा भारी
दुकानदारों ने बताया कि सोशल मीडिया जैसे-जैसे हावी हो रहा है लोग कार्डों को भूल रहे हैं. सूचना क्रांति की वजह से अब हर हाथ में एंड्रॉयड मोबाइल फोन पहुंच रहे हैं, साथ ही भागदौड़ भरा जीवन भी इसका एक कारण है. कार्ड देने के लिए मिलना जरूरी है और अब लोगों के पास एक-दूसरे से मिलने का समय कम होता है, ऐसे में लोग मोबाइल फोन पर ही बधाई संदेश देकर काम चलाते हैं.