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कोर्ट ने समायोजन किया निस्तारित

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में परिषदीय स्कूलों में छात्र संख्या के अनुपात पर समायोजन किए शिक्षकों को समायोजन को कोर्ट ने निस्तारित कर दिया है, कोर्ट के इस फैसले को शिक्षक अपने हित में बता रहे हैं.

कोर्ट ने समायोजन किया निस्तारित
कोर्ट ने समायोजन किया निस्तारित
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Published : Apr 1, 2021, 9:22 AM IST

बुलंदशहर: बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शासन के आदेश पर पिछले वर्ष शिक्षकों का समायोजन हुआ था. इसमें छात्र संख्या के अनुपात को देखते हुए शासन के आदेश पर बीएसए ने २२२ शिक्षकों का समायोजन किया और फिर इन्हें उक्त स्कूलों में कार्यभार ग्रहण के आदेश दिए थे. लेकिन शिक्षक इस समायोजन के खिलाफ कोर्ट चले गए और तभी से मामले में सुनवाई चल रही थी. इसके बाद अब कोर्ट ने समायोजन को निस्तारित कर दिया है.

कोर्ट ने समायोजन किया निस्तारित

इस मुद्दे पर समायोजित शिक्षकों ने बताया कि न्यायालय का निर्णय उनके हित में आया है. विभाग द्वारा जबरन उन्हें दूसरे स्कूलों में रिलीव किया गया है. इसी को लेकर मंगलवार को काफी शिक्षक बीएसए से मिले और उन्होंने रिलीविंग को निरस्त कराने की मांग उठाई.

वहीं, बीएसए ने भी पूरे मामले में शासन से गाइड लाइन मांगी है. शिक्षकों की माने तो विभाग द्वारा समायोजन का निस्तारण ठीक प्रकार से नहीं किया जा रहा है, यदि ऐसा ही रहा तो वह फिर से न्यायालय की शरण में जाएंगे.

बुलंदशहर: बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शासन के आदेश पर पिछले वर्ष शिक्षकों का समायोजन हुआ था. इसमें छात्र संख्या के अनुपात को देखते हुए शासन के आदेश पर बीएसए ने २२२ शिक्षकों का समायोजन किया और फिर इन्हें उक्त स्कूलों में कार्यभार ग्रहण के आदेश दिए थे. लेकिन शिक्षक इस समायोजन के खिलाफ कोर्ट चले गए और तभी से मामले में सुनवाई चल रही थी. इसके बाद अब कोर्ट ने समायोजन को निस्तारित कर दिया है.

कोर्ट ने समायोजन किया निस्तारित

इस मुद्दे पर समायोजित शिक्षकों ने बताया कि न्यायालय का निर्णय उनके हित में आया है. विभाग द्वारा जबरन उन्हें दूसरे स्कूलों में रिलीव किया गया है. इसी को लेकर मंगलवार को काफी शिक्षक बीएसए से मिले और उन्होंने रिलीविंग को निरस्त कराने की मांग उठाई.

वहीं, बीएसए ने भी पूरे मामले में शासन से गाइड लाइन मांगी है. शिक्षकों की माने तो विभाग द्वारा समायोजन का निस्तारण ठीक प्रकार से नहीं किया जा रहा है, यदि ऐसा ही रहा तो वह फिर से न्यायालय की शरण में जाएंगे.

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