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जिला प्रशासन ने कसा शिकंजा, रेट से ज्यादा धनराशि ली तो अस्पतालों पर होगी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में निजी अस्पताल अब कोविड-19 एवं नॉन कोविड मरीजों से अधिक धनराशि नहीं वसूल सकेंगे. प्रशासन ने स्वास्थ्य सेवाओं और दवाइयों के लिए रेट लिस्ट जारी कर दी है. आदेश लागू होने से अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लग जाएगा. साथ ही सभी अस्पतालों को सुविधाओं की रेट लिस्ट स्पष्ट करनी होगी.

जिला प्रशासन ने कसा शिकंजा
जिला प्रशासन ने कसा शिकंजा
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Published : May 10, 2021, 11:08 PM IST

बुलंदशहर: कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. आपदा के इस दौर में कई चिकित्सक एवं निजी अस्पताल संचालक मरीजों से शुल्क के नाम पर अधिक धनराशि वसूल रहे हैं. इन अस्पतालों परअब शासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. शासन ने रेट लिस्ट जारी कर निर्देश दिया है कि ऐसे अस्पताल जहां कोविड और नॉन कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है , वहां स्वास्थ्य सेवाओं और दवाइयों के रेट स्पष्ट तरीके से डिस्प्ले किए जाएं. ताकि मरीजों से निर्धारित धनराशि से अधिक की वसूली न हो सके. वहीं किसी अस्पताल प्रबंधक द्वारा मरीजों से निर्धारित दर से अधिक की वसूली की जा रही है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 एवं एपिडेमिक डिजीज सेक्टर-1897 के निहित प्रावधानों के अंतर्गत संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.



निर्धारित दरें

  • आइसोलेशन बेड ऑक्सीजन एवं सहयोगी सुविधाओं के साथ प्रतिदिन 8,000 से 10,000 रुपये देने होंगे.
  • आईसीयू बेड बिना वेंटीलेटर प्रतिदिन 13,000 से 15,000 रुपये देने होंगे.
  • आईसीयू बेड वेंटिलेटर समेत प्रतिदिन 15,000 से 18,000 रुपये की दर रखी गई है.

इसे भी पढ़ें-इरफान मियां की अपील, मुस्लिम भाई घर पर ही पढ़ें ईद की नमाज

अधिक रुपये लेने पर बिरला हॉस्पिटल हो चुका है सील
कोविड-उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगर के बिरला हॉस्पिटल को कोविड L2 हॉस्पिटल बनाया गया था. कोविड-अस्पताल बनने के बाद से लगातार अस्पताल में लापरवाही और अधिक धनराशि वसूलने की शिकायतें मिल रही थीं. शिकायतों को संज्ञान में लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण के दौरान जांच की तो सत्यता पाई. इसके बाद अस्पताल में भर्ती कोविड-मरीजों को अन्य अस्पतालों में भर्ती करवाने के बाद अस्पताल को सीज कर दिया गया.

बुलंदशहर: कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. आपदा के इस दौर में कई चिकित्सक एवं निजी अस्पताल संचालक मरीजों से शुल्क के नाम पर अधिक धनराशि वसूल रहे हैं. इन अस्पतालों परअब शासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. शासन ने रेट लिस्ट जारी कर निर्देश दिया है कि ऐसे अस्पताल जहां कोविड और नॉन कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है , वहां स्वास्थ्य सेवाओं और दवाइयों के रेट स्पष्ट तरीके से डिस्प्ले किए जाएं. ताकि मरीजों से निर्धारित धनराशि से अधिक की वसूली न हो सके. वहीं किसी अस्पताल प्रबंधक द्वारा मरीजों से निर्धारित दर से अधिक की वसूली की जा रही है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 एवं एपिडेमिक डिजीज सेक्टर-1897 के निहित प्रावधानों के अंतर्गत संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.



निर्धारित दरें

  • आइसोलेशन बेड ऑक्सीजन एवं सहयोगी सुविधाओं के साथ प्रतिदिन 8,000 से 10,000 रुपये देने होंगे.
  • आईसीयू बेड बिना वेंटीलेटर प्रतिदिन 13,000 से 15,000 रुपये देने होंगे.
  • आईसीयू बेड वेंटिलेटर समेत प्रतिदिन 15,000 से 18,000 रुपये की दर रखी गई है.

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अधिक रुपये लेने पर बिरला हॉस्पिटल हो चुका है सील
कोविड-उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगर के बिरला हॉस्पिटल को कोविड L2 हॉस्पिटल बनाया गया था. कोविड-अस्पताल बनने के बाद से लगातार अस्पताल में लापरवाही और अधिक धनराशि वसूलने की शिकायतें मिल रही थीं. शिकायतों को संज्ञान में लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण के दौरान जांच की तो सत्यता पाई. इसके बाद अस्पताल में भर्ती कोविड-मरीजों को अन्य अस्पतालों में भर्ती करवाने के बाद अस्पताल को सीज कर दिया गया.

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